14 साल पहले घर से भागा हुआ बेटा ; करोड़पति बनकर लौटा , फिर गरीब माँ बाप ने जो किया …

दोपहर का समय था, और छत्तीसगढ़ के एक छोटे से गांव में एक गरीब परिवार का 10 साल का लड़का, आकाश, अपने माता-पिता के साथ बैठा था। उसकी मां बीमार थी, और परिवार की आर्थिक स्थिति बहुत खराब थी। आकाश की मां का इलाज कराने के लिए उसके पिता ने गांव के जमींदार से पैसे उधार लिए थे। लेकिन समय बीतने के साथ, वे उधारी चुकाने में असमर्थ हो गए थे। जमींदार ने उन पर दबाव बनाना शुरू कर दिया, जिससे आकाश के माता-पिता में तनाव बढ़ गया।

एक दिन, जमींदार अपने पैसे मांगने आकाश के घर आया। उसने आकाश के पिता को गालियां दीं और उन्हें उनकी जमीन से बेदखल करने की धमकी दी। आकाश यह सब सुन रहा था। उसके दिल में अपने परिवार के लिए चिंता थी। वह सोचने लगा कि अगर इस स्थिति का कोई समाधान नहीं निकला, तो उनके पास कुछ भी नहीं बचेगा। उस रात, आकाश ने अपने माता-पिता की बातचीत सुनी, जिसमें वे अपनी जमीन खोने के डर से परेशान थे। आकाश के दिल में एक विचार आया—वह घर छोड़ देगा और शहर जाकर कुछ करेगा।

अगले दिन सुबह, आकाश ने अपने माता-पिता को बिना बताए घर छोड़ दिया। वह रेलवे स्टेशन की ओर बढ़ा, जहां उसने पहली बार ट्रेन देखी। उसके पास पैसे नहीं थे, लेकिन उसने एक ट्रेन में चढ़ने का फैसला किया। ट्रेन ने उसे सूरत पहुंचा दिया। सूरत की चमक-दमक देखकर आकाश चकित रह गया। यह उसकी जिंदगी का पहला अनुभव था जब उसने इतनी बड़ी-बड़ी इमारतें और गाड़ियां देखीं।

वह भूखा था और उसे काम की तलाश थी। उसने एक ढाबे पर जाकर एक ट्रक ड्राइवर से मदद मांगी। ड्राइवर ने उसे सलाह दी कि वह ढाबे के मालिक से बात करे। आकाश ने ढाबे के मालिक से कहा कि वह काम करने के लिए तैयार है, बस उसे खाना चाहिए। ढाबे के मालिक ने उसकी बात सुनकर उसे काम पर रख लिया। आकाश ने वहां काम करना शुरू किया और धीरे-धीरे पैसे इकट्ठा करने लगा।

कुछ महीनों बाद, आकाश ने ट्रक चलाना सीख लिया। उसके पास ड्राइविंग लाइसेंस नहीं था, लेकिन उसने बिना लाइसेंस के ही ट्रक चलाना शुरू कर दिया। धीरे-धीरे, वह एक अच्छे ट्रक ड्राइवर बन गया और महीने में 30 से 35 हजार रुपये कमाने लगा। उसकी मेहनत रंग लाई और उसने कुछ सालों में 15 लाख रुपये इकट्ठा कर लिए।

एक दिन, आकाश ने एक सड़क पर एक कार के एक्सीडेंट का शिकार होते देखा। उसने तुरंत महिला को बचाया और अस्पताल पहुंचाया। उस महिला का नाम सरिता था, जो एक सफल व्यवसायी थी। सरिता ने आकाश को धन्यवाद दिया और कहा कि वह उसे कुछ देना चाहती है। आकाश ने मना कर दिया, लेकिन सरिता ने कहा कि वह उसके साथ काम करना चाहती है। आकाश ने स्वीकार कर लिया और सरिता के साथ काम करने लगा।

आकाश ने सरिता की मदद से उसके साड़ी के व्यवसाय को संभालना शुरू कर दिया। वह जल्दी ही उसकी विश्वासपात्र बन गया। सरिता ने आकाश को अपने बेटे की तरह मान लिया और उसे अपने घर बुलाया। आकाश ने सरिता के साथ मिलकर व्यवसाय को सफल बनाया और खुद को एक करोड़पति बना लिया।

एक दिन, सरिता ने आकाश से कहा कि वह अपने माता-पिता से मिलना चाहती है। आकाश ने सोचा कि यह सही समय है कि वह अपने माता-पिता से मिले। सरिता ने आकाश को अपने साथ छत्तीसगढ़ ले जाने का फैसला किया। जब वे गांव पहुंचे, तो आकाश ने देखा कि गांव में लोगों की भीड़ इकट्ठा हो गई थी। सभी लोग यह जानने के लिए उत्सुक थे कि इतनी महंगी गाड़ियां और लोग गांव में क्यों आए हैं।

आकाश ने अपने माता-पिता के घर के दरवाजे पर पहुंचकर उनके पैर छुए। लेकिन उसके माता-पिता उसे पहचान नहीं पाए। उन्होंने सोचा कि यह कोई अमीर आदमी है। जब आकाश ने कहा, “पापा, मैं आकाश हूं,” तो उनके माता-पिता की आंखों में आंसू आ गए। वे उसे गले लगाकर रोने लगे। आकाश ने अपनी पूरी कहानी बताई और बताया कि कैसे उसने अपने जीवन को बदला।

उसके माता-पिता ने बताया कि उन्होंने उसे खोने के बाद बहुत दुख सहा। उन्होंने पुलिस में शिकायत भी की थी, लेकिन उन्हें कोई जानकारी नहीं मिली। आकाश ने अपने माता-पिता को आश्वासन दिया कि अब वह उनके साथ रहेगा और उनकी मदद करेगा।

आकाश ने सरिता के साथ मिलकर अपने गांव में एक नई शुरुआत की। उसने अपने माता-पिता की जमीन वापस दिलवाने का निर्णय लिया। सरिता ने जमींदार से बात की और आकाश के माता-पिता की जमीन वापस दिलवाने में मदद की।

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आखिरकार, आकाश ने अपने माता-पिता के साथ एक नया जीवन शुरू किया। उसने अपनी बहन की शादी भी की और अपने परिवार को खुशहाल बनाया। वह अब एक सफल व्यवसायी था और अपने गांव में लोगों के लिए प्रेरणा बन गया।

इस तरह, आकाश की कहानी एक संघर्ष से शुरू होकर सफलता की ऊंचाइयों तक पहुंची। उसने अपने परिवार को फिर से एकजुट किया और अपने गांव में एक नई पहचान बनाई।

समापन।