Bihar Election Result के बाद Gobhi Farming की वायरल फोटो पर बवाल

🔥 बिहार चुनाव परिणाम के बीच भड़का बड़ा विवाद: ‘गोभी की खेती’ वाली पोस्ट पर घमासान, विपक्ष ने बीजेपी मंत्री पर लगाया 1989 भागलपुर नरसंहार को महिमामंडित करने का आरोप

 

बिहार विधानसभा चुनाव में NDA की प्रचंड जीत के बाद जश्न का माहौल है, लेकिन इस जीत के बीच सोशल मीडिया पर असम के एक कैबिनेट मंत्री की पोस्ट ने बड़ा राजनीतिक तूफान खड़ा कर दिया है। असम के कैबिनेट मंत्री अशोक सिंघल द्वारा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर साझा की गई ‘गोभी की खेती’ वाली एक तस्वीर अब गंभीर विवाद का केंद्र बन गई है।

“बिहार ने गोभी की खेती की मंजूरी दी”: एक पोस्ट और गहरा इतिहास

 

NDA की जीत के कुछ घंटों बाद, मंत्री अशोक सिंघल ने गोभी की खेती की एक तस्वीर पोस्ट करते हुए कैप्शन में लिखा: “बिहार ने गोभी की खेती की मंजूरी दी।”

हालांकि, कई सोशल मीडिया यूजर्स और विपक्षी नेताओं ने इस पोस्ट को सामान्य चुनावी जश्न के बजाय 1989 के भागलपुर नरसंहार से जोड़ दिया है। यह नरसंहार बिहार के इतिहास में एक संवेदनशील और काला अध्याय है, जहां 116 मुसलमानों को मार कर उनके शवों को खेतों में छिपा दिया गया था, और बाद में सबूत मिटाने के लिए उन पर कथित तौर पर फूलगोभी के पौधे लगाए गए थे।

यूजरों का आरोप है कि मंत्री का यह पोस्ट स्पष्ट रूप से उस दुखद नरसंहार का सांकेतिक महिमामंडन है।

विपक्ष ने घेरा, शशि थरूर ने दी कड़ी प्रतिक्रिया

 

इस पोस्ट के सामने आते ही विपक्षी नेताओं ने बीजेपी पर तीखे हमले शुरू कर दिए हैं।

शशि थरूर (कांग्रेस सांसद): थरूर ने इस पोस्ट की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि न तो हिंदू धर्म और न ही राष्ट्रवाद ऐसे नरसंहारों को उचित ठहराता है या उनका समर्थन करता है, सराहना करना तो दूर की बात है। उन्होंने कहा कि एक उत्साही समर्थक और एक हिंदू होने के नाते, वह अपनी और अपने जैसे अधिकांश हिंदुओं की ओर से कह सकते हैं कि उनका धर्म या राष्ट्रवाद ऐसे कृत्यों का समर्थन नहीं करता।

गौरव गोगोई (कांग्रेस नेता): गोगोई ने इस पोस्ट को राजनीतिक विमर्श में एक “शॉकिंग न्यू लो” (चौंकाने वाला नया निम्न स्तर) बताते हुए इसे भद्दा और शर्मनाक करार दिया। उन्होंने सीधे आरोप लगाया कि “गोभी फार्मिंग” की छवि 1989 के लोगन नरसंहार से जुड़ी है। उन्होंने आगे कहा कि “यह मानसिकता उनके बॉस मुख्यमंत्री हेमंत विश्व शर्मा द्वारा प्रचारित की जाती है।”

साकेत गोखले (टीएमसी सांसद): गोखले ने भी आलोचना करते हुए कहा कि गोभी फार्मिंग स्पष्ट रूप से 1989 के सामूहिक नरसंहार का महिमामंडन है और यह कोई “फ्रिंज एलिमेंट” नहीं, बल्कि भाजपा के एक मंत्री का कृत्य है।

सरकार से सफाई का इंतजार

 

विवाद गहराने के बावजूद, कैबिनेट मंत्री अशोक सिंघल की ओर से इस पोस्ट पर अब तक कोई सफाई या स्पष्टीकरण जारी नहीं किया गया है। सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रियाएं लगातार आ रही हैं, जिसने NDA की जीत के जश्न को एक नए राजनीतिक विवाद में बदल दिया है।

राजनीतिक गलियारों में अब सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि क्या केंद्र सरकार या भाजपा आलाकमान इस संवेदनशील मुद्दे पर कोई आधिकारिक बयान जारी करता है या नहीं।