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धर्मेंद्र का निधन: गुपचुप अंतिम संस्कार के पीछे की सच्चाई

24 नवंबर 2023 को भारतीय सिनेमा के दिग्गज अभिनेता धर्मेंद्र का निधन हुआ, जिसने उनके प्रशंसकों और परिवार में एक गहरा शोक पैदा किया। धर्मेंद्र, जिन्हें भारतीय फिल्म इंडस्ट्री में एक प्रमुख स्थान प्राप्त था, का अंतिम संस्कार एक गुप्त तरीके से किया गया, जिससे उनके चाहने वालों में कई सवाल उठ खड़े हुए हैं। इस लेख में हम उन सवालों का विश्लेषण करेंगे और जानने की कोशिश करेंगे कि आखिर क्यों धर्मेंद्र का अंतिम संस्कार इस तरह से किया गया।

अंतिम संस्कार की प्रक्रिया

धर्मेंद्र के निधन की खबर ने पूरे देश को झकझोर दिया। उनकी पार्थिव देह अंतिम दर्शन के लिए क्यों नहीं रखी गई, यह सवाल हर किसी के मन में था। उनके निधन की खबर पर परिवार की तरफ से कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई थी। जब धर्मेंद्र को 10 नवंबर को अस्पताल में भर्ती कराया गया था, तब उनकी बेटियों को आनन-फानन में विदेश से बुलाया गया था। यह संकेत था कि उनकी स्वास्थ्य स्थिति गंभीर थी।

धर्मेंद्र को 12 नवंबर को अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया था, लेकिन इसके बाद भी उनकी तबीयत में सुधार नहीं हुआ। 24 नवंबर को अचानक उनकी मृत्यु की खबर आई, जिसके बाद उनके अंतिम संस्कार की प्रक्रिया शुरू हुई।

सवालों की बौछार

धर्मेंद्र के अंतिम संस्कार के बाद कई सवाल उठे हैं, जैसे:

    जल्दबाजी में अंतिम संस्कार क्यों किया गया?
    धर्मेंद्र के बंगले के बाहर एंबुलेंस देखी गई और फिर खबर आई कि उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया। इस प्रक्रिया में इतनी जल्दबाजी क्यों थी?
    अंतिम दर्शन का अवसर क्यों नहीं मिला?
    धर्मेंद्र की पार्थिव देह अंतिम दर्शन के लिए नहीं रखी गई, जिससे उनके फैंस में निराशा और गुस्सा था।
    राजकीय सम्मान का अभाव क्यों?
    धर्मेंद्र को पद्म भूषण जैसे सम्मान से नवाजा गया था, फिर भी उनका अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ क्यों नहीं हुआ?
    अस्पताल से जल्दी डिस्चार्ज क्यों किया गया?
    धर्मेंद्र को वेंटिलेटर पर रहने के बाद अचानक घर क्यों लाया गया?
    बेटियों को विदेश से बुलाने की जरूरत क्यों पड़ी?
    अगर उनकी हालत इतनी गंभीर थी, तो उन्हें अस्पताल से जल्दी क्यों डिस्चार्ज किया गया?

इन सवालों के जवाब जानने के लिए हमें धर्मेंद्र के परिवार और उनके करीबी लोगों की प्रतिक्रिया का इंतजार करना होगा।

परिवार की प्रतिक्रिया

धर्मेंद्र के परिवार ने उनके निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया। उनकी बेटी ईशा देओल ने श्मशान घाट पर अपने पिता को श्रद्धांजलि दी। हेमा मालिनी ने भी इस अवसर पर अपनी भावनाएँ साझा कीं। उन्होंने कहा, “धर्मेंद्र हमेशा हमारे दिलों में रहेंगे। उनके प्यार और स्नेह का कोई मोल नहीं है।”

हालांकि, परिवार ने मीडिया से दूरी बनाए रखी और इस बारे में कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया। यह भी संभव है कि परिवार ने धर्मेंद्र की अंतिम इच्छा का सम्मान करते हुए इस प्रक्रिया को गुप्त रखा हो।

राजकीय सम्मान का मुद्दा

धर्मेंद्र को 2012 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था, और वे 2004 से 2009 के बीच बीकानेर से सांसद भी रहे थे। आमतौर पर, ऐसे सम्मान प्राप्त करने वाले व्यक्तियों के अंतिम संस्कार को राजकीय सम्मान के साथ किया जाता है। लेकिन धर्मेंद्र के मामले में ऐसा क्यों नहीं हुआ, यह एक बड़ा सवाल है।

रिपोर्ट्स के अनुसार, अंतिम संस्कार के समय गार्ड ऑफ ऑनर नहीं दिया गया, जिससे उनके प्रशंसकों में निराशा फैल गई। यह भी बताया गया कि रिपोर्टर्स को अंदर जाने की अनुमति नहीं दी गई थी, जिससे अंतिम संस्कार की प्रक्रिया को लेकर और भी सवाल उठे।

फैंस की नाराजगी

धर्मेंद्र के प्रशंसकों ने उनके अंतिम संस्कार को लेकर गहरी नाराजगी व्यक्त की। कई फैंस ने सोशल मीडिया पर अपनी भावनाएँ साझा कीं, जिसमें उन्होंने कहा कि उन्हें अपने प्रिय अभिनेता को अंतिम बार देखने का मौका नहीं मिला। एक फैन ने कहा, “हमने धर्मेंद्र जी को हमेशा बड़े पर्दे पर देखा है, लेकिन अब हमें उन्हें अंतिम विदाई देने का मौका नहीं मिला। यह बहुत दुखद है।”

निष्कर्ष

धर्मेंद्र का निधन एक युग का अंत है, और उनके अंतिम संस्कार की प्रक्रिया ने कई सवाल खड़े किए हैं। उनके चाहने वाले जानना चाहते हैं कि एक महानायक को इस तरह गुमनाम तरीके से विदाई का हक नहीं था।

धर्मेंद्र का जीवन और उनके योगदान हमेशा हमारे दिलों में जीवित रहेगा। यह आवश्यक है कि उनके परिवार और प्रशंसक इस कठिन समय में एकजुट रहें और धर्मेंद्र की अंतिम इच्छा का सम्मान करें।

धर्मेंद्र की यादें और उनकी फिल्में हमेशा हमारे साथ रहेंगी, लेकिन उनके निधन के बाद उठे सवालों का जवाब ढूंढना भी जरूरी है। उनके प्रशंसकों को यह जानने का हक है कि उनके प्रिय अभिनेता को अंतिम विदाई देने का अवसर क्यों नहीं मिला।