हेमा मालिनी और ईशा देओल टूट गईं जब सनी देओल ने धर्मेंद्र की संपत्ति से जुड़े अधिकारों में हेमा मालिनी को शामिल होने से रोक दिया?

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धर्मेंद्र के निधन के बाद देओल परिवार में उठी भावनाओं की लहर: सनी, बॉबी, हेमा मालिनी और बेटियों को लेकर सोशल मीडिया पर फैलती कहानियाँ

बॉलीवुड के महान अभिनेता धर्मेंद्र के निधन ने पूरे देश को शोक में डुबो दिया। फ़िल्म उद्योग की एक ऐसी विरासत, जिसने छह दशक से अधिक समय तक भारतीय सिनेमा को प्रभावित किया, अचानक एक सन्नाटे में बदल गई। लेकिन इस सन्नाटे के भीतर, देओल परिवार के भावनात्मक क्षणों और सोशल मीडिया पर फैलती तमाम कहानियों ने एक अलग ही चर्चा को जन्म दे दिया है।

धर्मेंद्र के जाने के बाद उनका परिवार – सनी देओल, बॉबी देओल, हेमा मालिनी, ईशा देओल और अहाना देओल – मुश्किल दौर से गुजर रहा है। इस कठिन समय में परिवार के भीतर कथित मतभेदों और विरासत को लेकर दावों की जो बातें फैल रही हैं, उनका असर परिवार की भावनाओं पर भी साफ़ देखा जा सकता है।

प्रेयर मीट में जब सनी देओल और बॉबी देओल पिता को अंतिम श्रद्धांजलि देने पहुँचे, तो दोनों भाई भावुक हो उठे। उनकी आँखों में पिता को खोने का दर्द साफ़ झलक रहा था। सनी देओल हमेशा से अपने पिता के बेहद करीब रहे हैं, और उन्होंने कई बार कहा है कि धर्मेंद्र उनके लिए किसी देवता से कम नहीं थे। वे बताते हैं कि आज भी जब वह अपने पिता से बात करते थे तो उनकी आँखों में नहीं देख पाते थे क्योंकि उनके भीतर पिता के प्रति इतनी श्रद्धा थी। धर्मेंद्र की आखिरी विदाई ने उन्हें अंदर से तोड़ दिया है, और यह स्वाभाविक भी है।

लेकिन इस पूरे भावनात्मक दौर के बीच सोशल मीडिया पर एक अलग कहानी बुनी जा रही है। कुछ पोस्टों और वीडियो में दावा किया गया कि सनी देओल ने हेमा मालिनी और उनकी बेटियों को धर्मेंद्र की संपत्ति या प्रेयर मीट से दूर रखा। कुछ ने तो यह भी कहा कि देओल भाइयों ने सौतेली बहनों को “साइडलाइन” कर दिया। यह चर्चा इतनी तेजी से फैलने लगी कि आम लोग भी इसे सच मानने लगे। कई तरह के आरोपों और विवादों ने इंटरनेट पर हवा पकड़ ली, जैसे कि धर्मेंद्र की संपत्ति को लेकर मतभेद, परिवार की दोनों शाखाओं के बीच पुराने मनमुटाव, और विरासत बँटवारे पर संभावित असहमति।

लेकिन परिवार के करीबी सूत्रों का कहना है कि यह सब अफवाहें हैं। एक बहुत भरोसेमंद मित्र ने बताया कि धर्मेंद्र की मृत्यु के बाद परिवार में किसी तरह का विवाद न था और न ही ऐसी कोई स्थिति उत्पन्न हुई। उनका कहना था कि विरासत को लेकर कोई झगड़ा नहीं है और न हेमा मालिनी न उनकी बेटियाँ किसी तरह की माँग करने को इच्छुक हैं। यह भी बताया गया कि सनी देओल अपनी दोनों सौतेली बहनों के अधिकारों और सम्मान का पूरा ख़याल रखते हैं। परिवार की जड़ों में मौजूद सौहार्द को सोशल मीडिया पर हो रहे दावों से जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए।

प्रेयर मीट को लेकर भी कई तरह की प्रतिक्रियाएँ आईं। कुछ लोगों ने सवाल किया कि हेमा मालिनी और उनकी बेटियाँ समारोह में क्यों नहीं आईं। कुछ ने उन्हें समर्थन दिया कि यह उनका निजी निर्णय है, तो कुछ ने उन पर अनुचित टिप्पणी कर दी। इंटरनेट कई बार ऐसे टिप्पणियों का घर बन जाता है जो तथ्यहीन होती हैं मगर लोगों को बाँट देती हैं। हेमा मालिनी हमेशा से एक गरिमामय मौन बनाए रखने के लिए जानी जाती हैं। उन्होंने कभी सार्वजनिक विवादों में खुद को नहीं झोंका। उनके करीबी बताते हैं कि वह हमेशा शांति और सम्मान को प्राथमिकता देती हैं और इस समय परिवार की भावनाओं को आहत करने वाली किसी भी गतिविधि से दूर ही रहना उचित समझती हैं।

धर्मेंद्र का परिवार एक साधारण परिवार नहीं रहा। इसकी जड़ें दो पारिवारिक शाखाओं में फैली हैं – एक तरफ प्रकाश कौर और उनके बेटे सनी व बॉबी, दूसरी तरफ हेमा मालिनी और उनकी बेटियाँ। यह रिश्ता कभी आसान नहीं रहा, लेकिन वर्षों से दोनों परिवारों ने एक-दूसरे के प्रति एक मर्यादा और सम्मान बनाए रखा है। धर्मेंद्र ने हमेशा यह कहा कि उनके सभी बच्चे उनके लिए बराबर हैं और उसी आग्रह के साथ वह अपने जीवन में आगे बढ़े।

सनी देओल खुद भी पिता की इसी सोच को आगे बढ़ाना चाहते हैं। उनके नज़दीकी लोगों का कहना है कि वह किसी को भी परिवार से अलग नहीं मानते। ईशा और अहाना से उनका रिश्ता भले ही सार्वजनिक रूप से अधिक दिखाई न दे, लेकिन वह अपने पिता की इच्छा को याद रखते हुए दोनों बहनों के प्रति अपने दायित्व को समझते हैं।

सोशल मीडिया पर फैली अफवाहों के विपरीत, परिवार में वास्तविकता इससे कहीं अलग है। मृत्यु के बाद संपत्ति को लेकर उठने वाले विवादों की कहानियाँ भारत में आम हैं, और अक्सर लोग ऐसी धारणाएँ बना लेते हैं कि हर परिवार में यही स्थिति होगी। लेकिन देओल परिवार का मामला इतना नाजुक और भावनात्मक है कि लोगों को थोड़ी संवेदनशीलता बरतनी चाहिए।

धर्मेंद्र का पूरा जीवन रिश्तों, प्रेम और सम्मान से भरा था। उन्होंने अपने बच्चों को भी यही मूल्य दिए। उनका परिवार इस समय गहरे दुख के दौर से गुजर रहा है, और सोशल मीडिया पर फैली निराधार बातें उनके लिए बोझ बनने लगी हैं। जरूरी है कि लोग परिवार की निजी भावनाओं को समझें और अफवाहों से दूर रहें।

इस कठिन समय में परिवार के भीतर का माहौल बहुत शांतिपूर्ण बताया जाता है। सभी अपने-अपने तरीके से पिता की याद में डूबे हैं। एक ओर सनी और बॉबी अपने पिता के सबसे करीब रहने वाले बेटों के रूप में खुद को संभालने की कोशिश कर रहे हैं, दूसरी ओर हेमा मालिनी अपनी बेटियों के साथ एकांत में शोक मना रही हैं। किसी भी ओर से किसी विवाद या असहमति की बात सामने नहीं आई है।

धर्मेंद्र के जीवन और परिवार को समझने के लिए यह जानना ज़रूरी है कि उनके बच्चों के बीच की दूरी का मतलब हमेशा विवाद नहीं होता। बड़े परिवारों में अक्सर ऐसे समीकरण होते हैं जहाँ लोग एक-दूसरे को सम्मान तो देते हैं लेकिन जीवन की परिस्थितियाँ उन्हें साथ नहीं रहने देतीं। यह स्वाभाविक है और इसे गलत नजर से नहीं देखा जाना चाहिए।

धर्मेंद्र की विरासत केवल संपत्ति या फिल्मों तक सीमित नहीं है। उनकी सबसे बड़ी विरासत उनका बड़ा परिवार है, जिसे उन्होंने प्रेम और धैर्य से संभाला। उन्होंने हमेशा चाहा कि उनके बच्चे आपसी सम्मान और समझदारी के साथ एकजुट रहें। परिवार के करीबी लोग बताते हैं कि धर्मेंद्र की यही इच्छा आज भी परिवार के सदस्यों को जोड़कर रखती है।

इसलिए आवश्यक है कि लोग सोशल मीडिया पर फैलने वाली अफवाहों के बजाय परिवार की वास्तविक भावनाओं को समझें। देओल परिवार आज भी एकजुट है और उसी शांति के साथ अपने पिता को अलविदा कह रहा है जैसा कि धर्मेंद्र हमेशा चाहते थे।