महिला के साथ क्रीम लगाने की वजह से हुआ बहुत बड़ा हादसा/

कोटा की सच्चाई: सुल्तान सिंह, शिवानी और एक गांव की कहानी

प्रस्तावना

आज आपके लिए एक ऐसी सच्ची कहानी लेकर आया हूँ, जिसमें राजस्थान के कोटा जिले के लाडपुरा गाँव की जिंदगी, रिश्तों की उलझन, इंसानी कमजोरी और समाज की हकीकत छुपी है। यह कहानी बहुत से लोगों के लिए एक सीख है कि कैसे गलत फैसले जिंदगी बदल सकते हैं, और कैसे हालात इंसान को ऐसे मोड़ पर ले आते हैं जहाँ सही-गलत की पहचान भी मुश्किल हो जाती है।

भाग 1: एक आम परिवार, असामान्य हालात

लाडपुरा गाँव में रहने वाला सुल्तान सिंह एक ईंट भट्टे पर मजदूरी करता था। महीने में ₹16,000 की कमाई, लेकिन घर का खर्च हमेशा तंग रहता। उसकी पत्नी शिवानी देवी का स्वभाव खर्चीला था। उसे नए कपड़े, मेकअप और फैशन का बहुत शौक था। सुल्तान सिंह कई बार समझाता, “कुछ पैसे बचा लो, भविष्य के लिए सोचो,” लेकिन शिवानी उसकी बातों को नजरअंदाज कर देती।

आखिरकार, सुल्तान सिंह ने घर का बजट खुद संभालना शुरू किया। अब वह शिवानी को सिर्फ ज़रूरत भर के पैसे देता था। शिवानी परेशान रहने लगी और उसे लगने लगा कि उसका पति उसकी परवाह नहीं करता। धीरे-धीरे शिवानी के मन में नकारात्मक विचार आने लगे।

भाग 2: नई दुकान, नया मोड़

एक दिन शिवानी ने देखा कि उनके घर के सामने की खाली दुकान में गाँव के युवक योगेश ने मेडिकल शॉप खोल ली थी। योगेश देखने में स्मार्ट और आकर्षक था। शिवानी ने सोचा, “अगर मैं योगेश को अपने दोस्त बना लूं तो मेरी कई जरूरतें आसानी से पूरी हो जाएंगी।”

शिवानी ने बहाना बनाया और योगेश की दुकान पर जाकर बाल साफ करने की क्रीम मांगी। पैसे देने की बजाय उसने कहा, “दो-चार दिन में पैसे दे दूंगी, मेरा घर तो सामने ही है।” योगेश ने भरोसा दिखाया और क्रीम दे दी।

अगले दिन फिर शिवानी वही क्रीम लेने पहुंच गई। योगेश को शक हुआ, लेकिन उसने दोबारा क्रीम दे दी। शिवानी ने इशारे में कहा, “मेरा पति घर पर नहीं रहता, अगर तुम चाहो तो मेरे घर आ सकते हो।” योगेश ने शिवानी की बात समझ ली और दोनों के बीच दोस्ती बढ़ने लगी।

भाग 3: रिश्तों में दरार और गलत फैसले

अब शिवानी रोज योगेश को घर बुलाने लगी। पैसे, सामान और साथ बिताया वक्त—इन सबके बदले दोनों के बीच निजी संबंध बन गए। शिवानी को लगा कि उसकी जिंदगी अब आसान हो जाएगी, लेकिन ये सब आगे चलकर उसके लिए मुश्किलें पैदा करने वाले थे।

इसी बीच गाँव का साहूकार मदन सिंह घर पर आया। उसने बताया कि सुल्तान सिंह ने छह महीने पहले ₹25,000 कर्ज लिया था, जिसका ब्याज भी नहीं चुका। मदन सिंह ने धमकी दी, “अगर दो दिन में पैसे नहीं मिले तो घर पर कब्जा कर लूंगा।”

शिवानी को पति की कर्ज की बात पता नहीं थी। उसने मदन सिंह को समय देने की गुहार की, लेकिन मदन सिंह सख्त था। शिवानी ने सोचा, “जैसे योगेश को अपने जाल में फंसा लिया, वैसे ही मदन सिंह को भी फंसा लूंगी।”

भाग 4: कर्ज, समझौते और नई मुश्किलें

दो दिन बाद मदन सिंह फिर घर पर आया। शिवानी ने उसे अंदर बुलाया और इशारे में कहा, “अगर आप मदद करें तो मैं भी आपकी मदद कर सकती हूँ।” मदन सिंह ने ब्याज माफ करने का वादा किया, लेकिन मूल रकम लौटाने की शर्त रखी। दोनों के बीच समझौता हो गया और अब मदन सिंह भी शिवानी के घर बार-बार आने लगा।

शिवानी को लगा कि अब उसके सारे कर्ज की समस्या हल हो जाएगी, लेकिन उसे अंदाजा नहीं था कि उसकी जिंदगी किस दिशा में जा रही है।

भाग 5: पड़ोसन की नजर, राज़ का खुलासा

शिवानी की पड़ोसन आरजू देवी को शिवानी के घर पर योगेश और मदन सिंह के बार-बार आने पर शक हुआ। उसने सबकुछ गौर से देखना शुरू किया। एक दिन आरजू ने योगेश को शिवानी के घर जाते देखा, फिर मदन सिंह को भी। अब उसे यकीन हो गया कि कुछ गलत हो रहा है।

आरजू ने फैसला किया कि वह सुल्तान सिंह को सबकुछ बता देगी।

भाग 6: सच्चाई सामने, गुस्से का तूफान

रात के समय जब सुल्तान सिंह काम से लौट रहा था, आरजू देवी ने उसे रोक लिया। उसने बताया, “तुम्हारी पत्नी गलत रास्ते पर चल रही है। योगेश उसकी दुकान पर जाता है, पैसे देता है और फिर घर भी आता है। मदन सिंह भी आता है।”

सुल्तान सिंह को बहुत गुस्सा आया, लेकिन उसने तुरंत पत्नी से कुछ नहीं कहा। घर जाकर खाना खाया, फिर चुपचाप दरवाजा बंद कर दिया। लेकिन उसके मन में उथल-पुथल थी।

भाग 7: अंत की ओर बढ़ती कहानी

रात के करीब 9:30 बजे, सुल्तान सिंह ने पत्नी को कमरे में बुलाया। उसने शिवानी के हाथ-पैर बांध दिए, मुंह पर कपड़ा बांध दिया और मेकअप के सामान की तलाशी ली। उसे बाल साफ करने की कई क्रीम मिलीं। गुस्से में आकर उसने क्रीम में फेविकोल मिला दिया और शिवानी को बेहोश कर दिया।

गुस्से में आकर सुल्तान सिंह ने शिवानी की हत्या कर दी। शव के टुकड़े बोरी में भरकर खेतों की ओर निकल गया। वहाँ गड्ढा खोद रहा था कि गाँव के जमींदार अर्जुन सिंह ने देख लिया। अर्जुन सिंह ने पुलिस को बुलाया।

भाग 8: कानून का फैसला और समाज की सोच

पुलिस ने शव बरामद किया, सुल्तान सिंह को गिरफ्तार किया। पूछताछ में सुल्तान सिंह ने सारी कहानी बताई—पत्नी की बेवफाई, कर्ज, घर की तंगी, योगेश और मदन सिंह के साथ उसके संबंध, और आखिरकार गुस्से में उठाया गया कदम।

पुलिस ने मामला दर्ज किया, चार्जशीट तैयार की। आगे क्या सजा होगी, यह कानून तय करेगा।

सीख और संदेश (Facebook Friendly)

दोस्तों, इस कहानी से हमें कई बातें सीखने को मिलती हैं:

रिश्तों में संवाद और विश्वास जरूरी है। जब पति-पत्नी एक-दूसरे से खुलकर बात नहीं करते, तो गलतफहमियां बढ़ जाती हैं।
समाज की नजरें बहुत तेज होती हैं। पड़ोसन की छोटी सी जागरूकता ने बहुत बड़ा राज़ खोल दिया।
गलत रास्ता कभी भी सही मंजिल नहीं देता। शिवानी ने अपनी इच्छाओं के लिए जो रास्ता चुना, उसने उसकी पूरी जिंदगी बदल दी।
गुस्से में लिया गया फैसला जीवनभर पछतावा दे सकता है। सुल्तान सिंह ने गुस्से में अपनी पत्नी की जान ले ली, लेकिन उसका दर्द कभी खत्म नहीं होगा।
हर समस्या का हल बातचीत और समझदारी से निकल सकता है।

कहानी का मकसद किसी को दोषी ठहराना नहीं, बल्कि यह समझाना है कि जिंदगी में सही-गलत का फैसला सोच-समझकर करना चाहिए। अगर आपको यह कहानी पसंद आई हो, तो शेयर करें और अपनी राय कमेंट में जरूर लिखें।

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