तलाकशुदा पत्नी सालों बाद लौटी… लेकिन पति ने जो किया, उससे इंसानियत रो पड़ी

यह कहानी है एक ऐसे जोड़े की, जिनकी जिंदगी में प्यार और रिश्तों की जटिलताएँ थीं। राजेश और सीमा की शादी को आठ साल हो चुके थे, लेकिन समय के साथ उनके बीच की खुशियाँ और प्यार कहीं खो गया था। यह कहानी हमें यह सिखाती है कि प्यार कभी खत्म नहीं होता, वह बस छिपा होता है और सही समय पर वापस लौट आता है।

शुरुआती दिन

राजेश और सीमा की शादी एक खूबसूरत समारोह में हुई थी। दोनों के बीच प्यार, सम्मान और समझदारी थी। शादी के पहले साल में सब कुछ सही चल रहा था। राजेश एक सफल व्यवसायी था और सीमा एक गृहिणी। जब आरव, उनका बेटा, पैदा हुआ, तो उनकी खुशियों में चार चाँद लग गए। आरव की मासूमियत ने उनके जीवन में नई रौनक भर दी। सीमा हमेशा राजेश का ख्याल रखती थी, और राजेश भी उसे प्यार से सराहता था।

समय के साथ बदलाव

लेकिन जैसे-जैसे समय बीतता गया, राजेश की नौकरी का दबाव बढ़ता गया। ऑफिस की जिम्मेदारियों ने उसे तनावग्रस्त कर दिया। वह देर रात तक काम करने लगा और घर लौटने पर चिड़चिड़ा रहने लगा। सीमा ने कई बार कोशिश की कि वह राजेश से बात करे, लेकिन हर बार उसे असफलता ही हाथ लगी। राजेश की चुप्पी ने सीमा को अंदर से तोड़ना शुरू कर दिया।

रिश्ते में दरार

एक दिन, सीमा ने राजेश से कहा, “तुम बदल गए हो।” राजेश ने जवाब दिया, “तुम समझती नहीं हो।” इसी तरह की छोटी-छोटी बातें धीरे-धीरे झगड़ों में बदलने लगीं। सीमा ने अपने मन के भावनाओं को छिपाने की कोशिश की, लेकिन वह रातों को तकिए में मुंह छिपाकर रोती। आरव भी अब चुप रहने लगा था। उसे समझ नहीं आता था कि पापा मम्मी से क्यों गुस्सा रहते हैं।

तलाक का फैसला

जब दोनों के बीच का सन्नाटा असहनीय हो गया, तो तलाक का फैसला लिया गया। अदालत में जब जज ने कहा, “अब आप दोनों आजाद हैं,” तो किसी ने नहीं देखा कि दोनों की आंखों में आंसू थे। सीमा आरव को लेकर मायके चली गई, और राजेश खाली घर में लौट आया। अब उसका घर सिर्फ दीवारों का ढांचा रह गया था। राजेश की दिनचर्या अब उठना, काम पर जाना और रात को दीवारों को ताकते हुए नींद का इंतजार करना रह गई थी।

पछतावा

दो साल बीत गए, लेकिन राजेश को हर रात वही दृश्य याद आता था जब सीमा दरवाजे पर खड़ी थी, सूटकेस हाथ में, आंखों में आंसू और होठों पर एक टूटा हुआ वाक्य “अब और नहीं।” राजेश को एहसास हुआ कि उसने अपनी पत्नी को खो दिया। वह अक्सर आरव की पुरानी ड्राइंग्स देखता, जिसमें पापा, मम्मी और बेटा बने थे, और नीचे लिखा था “हमेशा साथ।”

सीमा का फोन

एक दिन, राजेश को सीमा का फोन आया। “राजेश, मैं आरव को लेकर आ रही हूं। कुछ जरूरी बात करनी है।” राजेश का दिल जोर-जोर से धड़कने लगा। उसे पता था कि सीमा की दूसरी शादी तय हो चुकी है। शाम ढलने लगी, और दरवाजे की हर आहट पर वह चौंक जाता था। आखिरकार, दरवाजा खुला और सीमा सामने थी। उसकी आंखें थकी हुई थीं, और गोद में आरव था।

तलाक के कागजात

सीमा ने कमरे में कदम रखा और कहा, “राजेश, मुझे तुमसे कुछ जरूरी बात करनी है।” उसने पर्स से कुछ कागज निकाले और मेज पर रखे। “यह तलाक के आखिरी कागजात हैं। कल मेरी दूसरी शादी है, तो सोचा यह भी खत्म कर दूं।” राजेश की आंखों में आंसू आ गए। उसे आरव को देखकर समझ आया कि वह कितना बड़ा हो गया है, लेकिन उसकी मासूमियत अब भी बरकरार थी।

राजेश का पछतावा

सीमा ने आगे कहा, “मैं चाहती हूं आरव तुम्हारे पास रहे। मेरे नए घर में शायद सब आसान न हो।” राजेश ने कांपते हाथों से पेन उठाया, लेकिन जैसे ही उसने कागज की ओर देखा, उसकी आंखों में पुरानी तस्वीरें तैरने लगीं। उसने पेन नीचे रख दिया। “सीमा, मैंने तुम्हें खो दिया। यह मेरी गलती थी। मैंने कभी तुम्हारी कदर नहीं की।” सीमा की आंखों में आंसू आ गए।

एक नई शुरुआत

राजेश ने फिर कहा, “मुझे माफ कर दो। दूसरी शादी मत करना। मैं वादा करता हूं, अब कभी तुम्हें अकेला महसूस नहीं होने दूंगा।” सीमा की आंखों में पुरानी यादें ताज़ा हो गईं। राजेश ने कागजात को फाड़ने का फैसला किया। “मैं तुम्हें वापस चाहता हूं।” सीमा ने राजेश के हाथों को थाम लिया।

परिवार का मिलन

कमरे में एक नई ऊर्जा भर गई। आरव ने मासूमियत से पूछा, “मम्मी, पापा रो क्यों रहे हैं?” राजेश और सीमा ने एक-दूसरे को देखा और उनके बीच एक गहरा संबंध बन गया। सास-ससुर ने भी उन्हें गले लगाया। उस एक आलिंगन में इतने सालों का दर्द, दूरी और गलतफहमियां पिघल गईं।

अंत

उस रात राजेश ने ना सिर्फ अपनी पत्नी को वापस पाया बल्कि अपने परिवार को भी बचा लिया। सीमा के आंसू अब मुस्कानों में बदल चुके थे। राजेश की आंखों में जो चमक थी, वह अब किसी नई शुरुआत की थी। बाहर बारिश की बूंदें छत पर बज रही थीं, और उस घर की हर दीवार ने एक ही बात कही, “प्यार लौट आया है।”

निष्कर्ष

इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि प्यार कभी खत्म नहीं होता। वह बस कहीं छिपा होता है और सही समय पर वापस लौट आता है। हमें अपने रिश्तों की कदर करनी चाहिए और एक-दूसरे के प्रति संवेदनशील रहना चाहिए। प्यार में कभी हार नहीं होती, बस एक नई शुरुआत होती है।

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