हर-रोज़ गरीब लड़के की मदद करती थी अमीर लड़की… सच सामने आया तो इंसानियत रो पड़ी
.
.
हर रोज़ गरीब लड़के की मदद करती थी अमीर लड़की… सच सामने आया तो इंसानियत रो पड़ी
जयपुर की एक छोटी सी गली में वीर नाम का एक लड़का रहता था। वीर की जिंदगी किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं थी। बचपन में वह पढ़ाई में तेज था, उसका सपना था इंजीनियर बनना, लेकिन किस्मत ने ऐसा पलटा मारा कि उसकी दुनिया ही बदल गई। उसके पिता दयानंद, जो एक ईमानदार बैंक मैनेजर थे, झूठे आरोपों में फंसकर जेल में दम तोड़ गए। घर की जिम्मेदारी अचानक वीर के कंधों पर आ गई। मां मीना बीमार रहने लगी और तीन छोटी बहनों सुहानी, निकिता और रूबी की देखभाल भी वीर को करनी पड़ी।
वीर ने कॉलेज छोड़ दिया। दिन में वह होटल में वेटर की नौकरी करता और रात को सड़क किनारे गोलगप्पे और खिलौने बेचकर परिवार का गुजारा करता। हालात इतने तंग थे कि कई बार जेब खाली रहती, कभी मां की दवाइयां अधूरी रह जातीं। लेकिन वीर ने हार नहीं मानी। उसकी मेहनत और जज्बा देखकर आसपास के लोग भी उसकी तारीफ करते थे।
रहस्यमयी लड़की की मदद
एक दिन वीर की जिंदगी में एक रहस्यमयी लड़की आई। वह महंगी गाड़ी से उतरी, चेहरे पर मास्क और आंखों में ऐसा राज था जिसे कोई पढ़ नहीं सकता था। उसने बिना कुछ पूछे वीर के ठेले से सारे खिलौने खरीद लिए और जरूरत से कहीं ज्यादा पैसे दिए। वीर चौंक गया, उसने पूछा, “इतने पैसे क्यों?” लड़की ने बस हल्की सी मुस्कान दी और कहा, “बाकी तुम्हारे काम आएंगे।”
उस दिन वीर के दिल में एक नई उम्मीद जगी। लड़की हर कुछ दिनों में आती, खिलौनों का ढेर खरीद लेती और हमेशा जरूरत से ज्यादा पैसे देकर चली जाती। वीर समझ गया कि यह उसकी मदद है, लेकिन मदद का ऐसा तरीका जिसमें उसकी इज्जत बनी रहे।
धीरे-धीरे वीर की मां का इलाज चलने लगा, घर खर्च पूरे होने लगे, और बहनों के चेहरे पर मुस्कान लौट आई। लेकिन वीर के मन में सवाल गहरे होते गए—यह लड़की कौन है? क्यों हमेशा मास्क लगाती है? और क्यों छुपा रही है अपना चेहरा?
नौकरी का प्रस्ताव और पहला शक
एक रात जब होटल से छुट्टी थी, वीर ठेले पर बैठा था। वही लड़की आई, मास्क में चेहरा छुपाए, खिलौने खरीदे। इस बार उसने वीर से पूछा, “क्या तू सिर्फ यही करना चाहता है? ठेले पर बैठना और होटल में प्लेटें उठाना? अगर हां, तो ठीक है। लेकिन अगर जिंदगी बदलनी है तो मेरे पास तेरे लिए एक रास्ता है।”
वीर ने चौककर पूछा, “कैसा रास्ता?” लड़की ने रहस्यमयी अंदाज में कहा, “मैं तुझे नौकरी देना चाहती हूं और इसकी तुझे ऐसी कीमत मिलेगी जितनी तूने जिंदगी में कभी नहीं सोची।”
वीर आश्चर्यचकित था, लेकिन उसने कहा, “देखो मैं गरीब हूं, लेकिन गलत काम नहीं करूंगा। अगर वैसा कुछ है तो माफ करना।” लड़की ने हंसते हुए कहा, “तुझे देखकर पता है तू मेहनती और ईमानदार है। मैं तुझसे गलत काम नहीं करवाऊंगी। बस मेरे घर आ, तेरे रहने-खाने की व्यवस्था होगी और हर महीने ₹400 मिलेंगे।”
वीर के लिए यह एक सपना था। उसकी आंखों के सामने मां का इलाज, बहनों की शादी और घर की हालत सुधरने की तस्वीरें घूमने लगीं। लेकिन उसने पूछा, “मगर मुझे करना क्या होगा?” लड़की ने मुस्कुराकर कहा, “जब वक्त आएगा सब बता दूंगी। अभी बस इतना मान ले कि तुझे मेरी मदद करनी है।”
हवेली में नई जिंदगी
वीर ने ठेला समेटा और लड़की की गाड़ी की डिक्की में अपना सामान रखा। गाड़ी तेजी से चली और थोड़ी देर में वीर खुद को एक बड़ी हवेली के सामने खड़ा पाया। चमचमाती हवेली देखकर उसकी सांसें थम गईं। नौकरों से भरी यह जगह किसी सपने से कम नहीं लग रही थी।
लड़की ने उसे सोफे पर बैठाया और नौकर को उसका कमरा दिखाने को कहा। बड़ा सा कमरा, नरम गद्दों वाला पलंग, नई कपड़ों से भरी अलमारी—यह सब देखकर वीर की आंखें फैल गईं।
मास्क का राज़
खाने के दौरान वीर ने हिम्मत जुटाकर पूछा, “आप अपना चेहरा क्यों नहीं दिखाती? आखिर ऐसा कौन सा राज़ है जो आप छुपा रही हैं?” लड़की ने हल्की मुस्कान दी और कहा, “सही वक्त आने पर मैं खुद चेहरा दिखाऊंगी। अभी तुम मेरी जिंदगी का हिस्सा बन चुके हो।”
अगले दिन लड़की ने कहा, “आज हमें एक पार्टी में जाना है।” वीर चौंक गया, “पार्टी? मैं तो नौकरी करने आया हूं।” लड़की ने कहा, “बस वही करना है जो मैं कहूंगी।”
पार्टी में लड़की ने वीर का हाथ पकड़ा और सबके सामने कहा, “यह मेरा पति है।” तालियां गूंज उठीं, लोग बधाई देने लगे। लेकिन वीर के दिल में सवाल गूंज रहे थे—यह सब क्यों?
सच्चाई का खुलासा
पार्टी के बाद लड़की ने वीर को अपने दादाजी से मिलवाया, जो कैंसर से जूझ रहे थे। दादाजी की आखिरी ख्वाहिश थी कि लड़की शादीशुदा देखे। इसलिए लड़की ने यह नाटक किया था।
कुछ समय बाद दादाजी का निधन हो गया। लड़की ने मास्क हटाया और वीर को अपना सच बताया—कॉलेज के दिनों में कुछ गुंडों ने उसके चेहरे पर तेजाब फेंक दिया था। उसके बाद से वह अपना चेहरा छुपाती थी।
वीर की आंखों में आंसू आ गए। उसने कहा, “मुझे तुम्हारा चेहरा नहीं, तुम्हारा दिल दिखता है।” लड़की ने कहा, “मैं तुमसे प्यार करती थी, लेकिन उस दिन तुमने मेरा साथ नहीं दिया।”
नया जीवन और प्रेरणा
वीर ने कहा, “मैं तुम्हारे साथ पूरी जिंदगी बिताना चाहता हूं।” कुछ दिनों बाद उनकी शादी हो गई। नायरा, जो लड़की थी, अकेली नहीं थी। उसके पास दौलत और बिजनेस था। वीर मेहनती था। दोनों ने मिलकर एक संस्था बनाई, जहां तेजाब पीड़ित लड़कियों को नौकरी, सम्मान और नई जिंदगी दी जाती थी।
कहानी से सीख
वीर और नायरा की कहानी हमें सिखाती है कि असली खूबसूरती चेहरे में नहीं, बल्कि दिल और कर्मों में होती है। इंसान का असली चेहरा उसकी अच्छाई और इंसानियत होती है।
.
News
अजनबी से मुलाक़ात: प्यार, भरोसा और दिल छू लेने वाली अनसुनी दास्तां
अजनबी से मुलाक़ात: प्यार, भरोसा और दिल छू लेने वाली अनसुनी दास्तां कहते हैं दोस्तों, कभी-कभी जिम्मेदारी इंसान को वहां…
Sheikh Ki Biwi Ko Naukar Registan Mein Oont Ka Doodh Pilakar Lagataar 5 Din Tak Kiya
Sheikh Ki Biwi Ko Naukar Registan Mein Oont Ka Doodh Pilakar Lagataar 5 Din Tak Kiya दुबई का आसमान हमेशा…
“Hemşire Sade Bir Kadını Görmezden Geldi — Oğlunun Hastane Direktörü Olduğunu Bilmiyordu”
“Hemşire Sade Bir Kadını Görmezden Geldi — Oğlunun Hastane Direktörü Olduğunu Bilmiyordu” . . Hemşire Sade Bir Kadını Görmezden Geldi…
Milyoner Fakir Bir Kızı oğlunu korurken yakaladı, şaşırdı ve bir karar aldı…
Milyoner Fakir Bir Kızı oğlunu korurken yakaladı, şaşırdı ve bir karar aldı… . . Milyoner, Fakir Kızı Oğlunu Korurken Yakaladı,…
“PASTANIN YEME!” MİLYONER FAKİR KIZIN KÖR KIZINI KURTARDIĞINI GÖRDÜ!
“PASTANIN YEME!” MİLYONER FAKİR KIZIN KÖR KIZINI KURTARDIĞINI GÖRDÜ! . . “Pastanın Yeme!” Milyoner Fakir Kızın Kör Kızını Kurtardığını Gördü!…
MİLYONERİN ÜÇÜZLERİ HİÇ YÜRÜMEMİŞTİ. AMA YENİ TEMİZLİKÇİ GELDİĞİNDE İMKÂNSIZ GÖRÜNEN BİR ŞEY OLDU
MİLYONERİN ÜÇÜZLERİ HİÇ YÜRÜMEMİŞTİ. AMA YENİ TEMİZLİKÇİ GELDİĞİNDE İMKÂNSIZ GÖRÜNEN BİR ŞEY OLDU . . Milyonerin Üçüzleri Hiç Yürümemişti. Ama…
End of content
No more pages to load