“इंटरव्यू से पहले लड़के का बैग चोरी, अजनबी लड़की ने मदद की और कहानी ने लिया दिल छू लेने वाला मोड़!”

इंटरव्यू देने जा रहे लड़के की चोरी हुई उम्मीदों को अजनबी लड़की ने सहारा दिया, फिर जो हुआ उसने इंसानियत और मोहब्बत की नई मिसाल कायम कर दी।

एक साधारण ट्रेन यात्रा में, बिहार के एक छोटे से गांव से दिल्ली जा रहे रवि कुमार का बैग चोरी हो गया। उसमें पैसे, टिकट और उसके सपनों का सबसे अहम दस्तावेज – यूपीएससी इंटरव्यू कॉल लेटर था। रवि की आंखों में डर और दिल में निराशा थी। लेकिन जब टीटी ने उसे जुर्माना भरने या ट्रेन से उतरने का आदेश दिया, तो भीड़ में से एक अनजान लड़की, स्नेहा, उसकी मदद को आगे आई।

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स्नेहा ने न केवल रवि का जुर्माना भरा, बल्कि उसकी आंखों में छिपे सपनों को बचाने का जिम्मा भी लिया। उसने रवि को ₹500 दिए और कहा, “इसे कर्ज मत समझो। इसे दोस्त की दुआ मान लो। और जब तुम बड़ा अफसर बनो, तो किसी और के लिए यही करो।”

दिल्ली पहुंचकर, रवि ने संघर्षों के बीच अपने सपने को जीने की कोशिश की। भूख, तंगी और अकेलेपन के बावजूद, उसने स्नेहा की बातों को याद कर हर मुश्किल का सामना किया। आखिरकार, उसने यूपीएससी परीक्षा में शानदार सफलता हासिल की और आईपीएस अफसर बन गया।

लेकिन उसकी जीत के साथ एक अधूरी कहानी थी – नीले दुपट्टे वाली वह लड़की जिसने उसकी जिंदगी बदल दी थी। सालों बाद, जब रवि दिल्ली में एसपी बनकर वापस आया, तो किस्मत ने उसे स्नेहा से फिर मिलवा दिया। लेकिन इस बार स्नेहा संघर्षों में डूबी थी। रवि ने उसकी जिंदगी को बदलने का फैसला किया। उसने स्नेहा की किताबों की दुकान को बुक स्टोर में बदल दिया और उसकी अधूरी पढ़ाई को पूरा करवाने का इंतजाम किया।

धीरे-धीरे दोनों की जिंदगियां जुड़ती चली गईं। और एक दिन, उसी रेलवे स्टेशन पर, जहां उनकी कहानी शुरू हुई थी, रवि ने स्नेहा का हाथ थामकर कहा, “क्या तुम मेरे साथ इस सफर में हमेशा रहोगी?” स्नेहा ने आंसुओं के साथ जवाब दिया, “हां, हमेशा।”

उनकी शादी ने इंसानियत और मोहब्बत की एक नई मिसाल कायम की। यह कहानी सिर्फ एक लव स्टोरी नहीं, बल्कि यह दिखाती है कि एक छोटी सी मदद किसी की जिंदगी को कैसे बदल सकती है।