Dharmendra की अस्थियां लेकर Haridwar पहुंचे Sunny-Bobby, टाइट Security के बीच नम आँखों से दी विदाई

धर्मेंद्र की अंतिम विदाई: एक युग का अंत

प्रारंभ

बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता धर्मेंद्र, जिन्हें हिंदी सिनेमा में ‘हीमैन’ के नाम से जाना जाता है, का निधन 24 नवंबर 2025 को हुआ। उनके निधन ने न केवल उनके परिवार बल्कि पूरे फिल्म उद्योग को गहरे सदमे में डाल दिया। धर्मेंद्र का जीवन और करियर भारतीय सिनेमा के इतिहास में एक महत्वपूर्ण अध्याय है। उनकी यादों और उनकी विरासत को हमेशा याद रखा जाएगा। उनके निधन के बाद, उनके अस्थि विसर्जन की प्रक्रिया हरिद्वार में आयोजित की गई, जहां उनका परिवार एकत्रित हुआ।

धर्मेंद्र का स्वास्थ्य

धर्मेंद्र का स्वास्थ्य पिछले कुछ वर्षों से खराब चल रहा था। उन्हें सांस लेने में दिक्कत हो रही थी, जिसके कारण उन्हें मुंबई के ब्रिज कैंडी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। अस्पताल में कुछ दिनों के इलाज के बाद उन्हें डिस्चार्ज कर दिया गया, लेकिन घर पर भी उनकी हालत बिगड़ती गई। धर्मेंद्र के परिवार ने उनकी देखभाल के लिए पूरी कोशिश की, लेकिन डॉक्टर उन्हें बचाने में असफल रहे।

धर्मेंद्र का 90वां जन्मदिन 8 दिसंबर को आने वाला था, और उनके बर्थडे सेलिब्रेशन की तैयारियां जोरों पर थीं। लेकिन इससे पहले ही उन्होंने इस दुनिया को अलविदा कह दिया। उनके निधन की खबर ने उनके फैंस और फिल्म जगत में शोक की लहर दौड़ा दी।

अस्थि विसर्जन की तैयारी

धर्मेंद्र की अस्थियों का विसर्जन 3 दिसंबर 2025 को हरिद्वार में होना था। पहले यह कार्यक्रम 2 दिसंबर को वीआईपी घाट पर आयोजित किया जाना था, लेकिन कुछ कारणों से इसे टाल दिया गया। सनी देओल और बॉबी देओल अपने परिवार के साथ हरिद्वार पहुंचे, जहां वे एक होटल में ठहरे।

परिवार ने इस अवसर को पूरी तरह से निजी रखने का निर्णय लिया। धर्मेंद्र का अंतिम संस्कार भी बहुत ही निजी रखा गया था, जिसमें फैंस और आम जनता को श्रद्धांजलि देने का कोई मौका नहीं मिला। इस पर हेमा मालिनी ने कहा था कि धर्मेंद्र की अंतिम दिनों की हालत बहुत ही दर्दनाक थी, और वह नहीं चाहते थे कि लोग उन्हें कमजोर या बीमार हालत में देखें।

हरिद्वार: मोक्ष की भूमि

हरिद्वार वह पवित्र स्थान है जहां पर लोग मोक्ष की प्राप्ति के लिए आते हैं। धर्मेंद्र का अस्थि विसर्जन भी इसी पवित्र भूमि पर किया जाना था। यह एक ऐसा स्थान है जहां गंगा नदी का प्रवाह होता है और जहां पर लोग अपने प्रियजनों की आत्मा की शांति के लिए अस्थियों को प्रवाहित करते हैं।

धर्मेंद्र के परिवार ने इस बात का ध्यान रखा कि उनकी विदाई पूरी श्रद्धा और सम्मान के साथ की जाए। परिवार के सदस्यों ने मिलकर इस अवसर को यादगार बनाने की कोशिश की।

अस्थि विसर्जन की प्रक्रिया

अस्थि विसर्जन की प्रक्रिया हरिद्वार के हर की पौड़ी घाट पर विधिविधान के अनुसार की गई। इस दौरान सनी देओल और बॉबी देओल अपने परिवार के साथ मौजूद रहे। करण देओल ने अपने दादा की अस्थियों को गंगा में प्रवाहित करते समय भावुक होकर रो पड़े। यह एक बेहद भावुक क्षण था, जिसमें परिवार ने मिलकर धर्मेंद्र की याद में प्रार्थना की और उनके योगदान को याद किया।

धर्मेंद्र का परिवार इस समय मीडिया से दूर रहा। उन्होंने अपने प्रियजन की विदाई को पूरी तरह से निजी रखने का निर्णय लिया। इस दौरान मीडिया की गतिविधियों पर भी ध्यान दिया गया।

मीडिया का दबाव

हालांकि, इस पूरी प्रक्रिया के दौरान मीडिया का दबाव भी बना रहा। सनी देओल ने मीडिया पर गुस्सा व्यक्त किया जब उन्होंने देखा कि उनके परिवार के इस संवेदनशील पल को कैद किया जा रहा है। यह कोई पहली बार नहीं था जब सनी ने मीडिया के प्रति अपनी नाराजगी व्यक्त की हो।

सनी ने कहा, “आप लोगों को शर्म आनी चाहिए। आपके घर में मां-बाप नहीं हैं क्या? आपके बच्चे हैं और आप यहां ऐसे बस वीडियो लिए जा रहे हैं।” इस प्रकार की स्थिति ने सभी को यह सोचने पर मजबूर कर दिया कि क्या मीडिया को इस तरह के व्यक्तिगत मामलों में हस्तक्षेप करना चाहिए।

धर्मेंद्र की विरासत

धर्मेंद्र का जीवन और करियर भारतीय सिनेमा में एक महत्वपूर्ण अध्याय है। उन्होंने कई हिट फिल्मों में काम किया और अपनी अदाकारी से लाखों दिलों में जगह बनाई। उनकी फिल्में, उनके डायलॉग्स और उनकी अदाकारी ने उन्हें एक आइकॉन बना दिया।

धर्मेंद्र ने अपने करियर में कई ऐसे किरदार निभाए, जो आज भी लोगों के दिलों में बसे हुए हैं। उनके योगदान को कभी नहीं भुलाया जा सकेगा।

निष्कर्ष

धर्मेंद्र का निधन न केवल उनके परिवार के लिए, बल्कि उनके फैंस के लिए भी एक बड़ा सदमा है। उनकी यादें और उनका योगदान हमेशा हमारे दिलों में जीवित रहेगा।

इस कठिन समय में, यह जरूरी है कि परिवार एकजुट रहे और धर्मेंद्र की इच्छाओं का सम्मान करें। उनकी कहानी हमें यह सिखाती है कि जीवन में रिश्तों की अहमियत क्या होती है।

धर्मेंद्र, आप हमेशा हमारे दिलों में रहेंगे। आपकी यादें और आपकी विरासत हमें हमेशा प्रेरित करती रहेंगी।

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