सनी देओल ने धर्मेंद्र की ₹450 करोड़ की संपत्ति में हस्तक्षेप किया: ईशा देओल और अहाना देओल को कैसे मिलेगा हिस्सा?

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परिचय

बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता धर्मेंद्र का निधन 24 नवंबर 2025 को हुआ, और इसने न केवल इंडस्ट्री को शोक में डुबो दिया, बल्कि उनके परिवार के भीतर भी एक नई जटिलता को जन्म दिया। धर्मेंद्र की संपत्ति, जिसका मूल्य लगभग ₹450 करोड़ बताया जा रहा है, अब उनके परिवार के बीच बंटने वाली है। हालांकि, इस संपत्ति को लेकर पहले ही कई तरह की अफवाहें और विवाद उठ चुके थे। खासकर यह सवाल उठ रहा है कि क्या ईशा देओल और अहाना देओल को अपने हिस्से की संपत्ति मिलेगी या नहीं, और इस संदर्भ में सनी देओल और बॉबी देओल की भूमिका क्या होगी।

धर्मेंद्र के निधन के बाद, उनके परिवार में इस संपत्ति के बंटवारे को लेकर चल रहे तनाव और विवाद ने मीडिया में काफी हलचल मचाई है। क्या सनी देओल और बॉबी देओल अपने बहनों को उनके हक से वंचित करेंगे? या फिर परिवार एकजुट होकर अपने पिता की संपत्ति का सम्मान करेगा? इस लेख में हम इसी विवाद पर चर्चा करेंगे, जिसमें धर्मेंद्र के परिवार के भीतर चल रही शांति और संपत्ति के बंटवारे की कहानी सामने आएगी।


धर्मेंद्र की संपत्ति और परिवार के भीतर का तनाव

धर्मेंद्र का निधन एक शोकपूर्ण अवसर था, लेकिन उनके साथ उनका विशाल संपत्ति साम्राज्य भी चला गया। धर्मेंद्र के पास ₹450 करोड़ की संपत्ति थी, जिसमें उनके कई प्रॉपर्टीज, व्यवसायिक हित, और निवेश शामिल थे। उनकी मृत्यु के बाद, धर्मेंद्र के परिवार के बीच संपत्ति के बंटवारे को लेकर कई सवाल उठे, खासकर उनके बच्चों के बीच।

ईशा देओल और अहाना देओल, जो कि धर्मेंद्र की पहली पत्नी प्रकाश कौर से हैं, उनके अधिकारों को लेकर सबसे ज्यादा चर्चा हुई। हालांकि, धर्मेंद्र की दूसरी पत्नी हेमा मालिनी और उनके बच्चे सनी देओल और बॉबी देओल के साथ इस संपत्ति पर विवाद सामने आया।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, धर्मेंद्र की मौत के बाद उनके बेटे सनी देओल और बॉबी देओल ने संपत्ति के बंटवारे को लेकर एकजुट होने की बजाय, बहनों को किनारे कर दिया। यह आरोप भी लगाए गए कि सनी और बॉबी ने जानबूझकर ईशा और अहाना को संपत्ति के बंटवारे से बाहर रखा है, और वे खुद को इस बड़े हिस्से के हकदार मान रहे हैं।


सनी देओल की स्थिति

सनी देओल, जो अपने पिता के लिए असीम श्रद्धा रखते थे, उन्होंने धर्मेंद्र को अपने जीवन का आदर्श माना। उन्होंने कई बार सार्वजनिक रूप से कहा था कि उनके पिता उनके भगवान थे, और उनका आशीर्वाद और संतुष्टि उनके लिए सब कुछ था। सनी देओल ने यह भी कहा कि वह आज भी अपने पिता के साथ आंखों में आंखें डालकर बात नहीं कर सकते, क्योंकि उनका आदर्श उनके जीवन में सर्वोपरि था।

हालांकि, उनके व्यवहार और हालिया बयानों से यह स्पष्ट हो गया कि सनी देओल इस समय बहुत गहरे शोक में हैं और संपत्ति के बंटवारे के बारे में सोचने के लिए उनका मन नहीं है। हालांकि, मीडिया में यह रिपोर्ट्स आई हैं कि सनी देओल परिवार की अन्य सदस्य—ईशा और अहाना को संपत्ति से बाहर करने का इरादा रखते हैं।

कुछ रिपोर्ट्स में यह भी कहा गया कि सनी और बॉबी देओल ने धर्मेंद्र के अंतिम संस्कार और पूजा में अपनी सौतेली मां हेमा मालिनी और अपनी बहनों को शामिल नहीं किया, जिससे परिवार के भीतर और अधिक तनाव उत्पन्न हुआ। कई सोशल मीडिया यूजर्स ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की और इसे अनुशासनहीनता और परिवार के प्रति अनादर का संकेत माना।


संपत्ति का बंटवारा: क्या ईशा और अहाना को मिलेगा हिस्सा?

धर्मेंद्र के निधन के बाद, परिवार के भीतर संपत्ति का बंटवारा सबसे विवादास्पद मुद्दा बन चुका है। जबकि सनी और बॉबी देओल का कहना है कि वे अपने पिता के लिए सबसे ज़्यादा जिम्मेदार थे, वहीं ईशा और अहाना को उनकी हिस्सेदारी मिलने पर सवाल उठ रहे हैं।

रिपोर्ट्स के अनुसार, सनी देओल ने ईशा और अहाना को परिवार की संपत्ति से बाहर रखने का इरादा जताया है। हालांकि, एक सूत्र ने यह भी कहा कि सनी देओल इस समय पूरी तरह से शोक में हैं और अभी वह संपत्ति के बंटवारे के बारे में कोई ठोस फैसला लेने के लिए तैयार नहीं हैं।

वहीं दूसरी ओर, ईशा देओल और अहाना ने यह स्पष्ट किया है कि उनका इस संपत्ति में कोई विशेष दावा नहीं है। वे केवल अपने पिता की आत्मा की शांति के लिए कामना करती हैं और इस समय किसी भी प्रकार की संपत्ति विवाद में शामिल नहीं होना चाहतीं।

हालांकि, सोशल मीडिया पर चल रही बहस ने यह मुद्दा और अधिक जटिल बना दिया है, और यह सवाल उठाया जा रहा है कि क्या धर्मेंद्र ने अपनी संपत्ति के बारे में किसी प्रकार की वसीयत छोड़ी थी, जिसमें उनके सभी बच्चों के लिए समान अधिकार दिए गए हों।


सनी देओल और बॉबी देओल की भूमिका

सनी देओल और बॉबी देओल के बीच चल रहे तनाव ने इस संपत्ति विवाद को और भी संवेदनशील बना दिया है। कई रिपोर्ट्स में यह दावा किया गया है कि सनी और बॉबी दोनों ने अपनी बहनों को संपत्ति से वंचित करने का फैसला किया है, जिससे यह साबित होता है कि यह मामला केवल संपत्ति के बंटवारे तक सीमित नहीं है, बल्कि पारिवारिक संबंधों और व्यक्तिगत भावनाओं से भी जुड़ा हुआ है।

कुछ आलोचक यह भी कह रहे हैं कि धर्मेंद्र की मृत्यु के बाद सनी और बॉबी ने अपने पिता की पूरी संपत्ति पर कब्जा करने का प्रयास किया है, जबकि ईशा और अहाना को किनारे कर दिया है। सोशल मीडिया पर कुछ यूजर्स ने इस निर्णय को ‘गिरा हुआ’ और ‘असंवेदनशील’ करार दिया है, और यह आरोप भी लगाए हैं कि यह पूरी स्थिति संपत्ति की लालच का नतीजा है।


मीडिया और सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाएँ

धर्मेंद्र के निधन के बाद से मीडिया और सोशल मीडिया पर परिवार के भीतर चल रहे विवादों को लेकर तीव्र प्रतिक्रियाएँ आ रही हैं। कई सोशल मीडिया यूजर्स ने सनी और बॉबी देओल पर आरोप लगाया है कि वे अपनी बहनों को उनकी हिस्सेदारी से वंचित कर रहे हैं, जबकि कुछ लोग इस विवाद को केवल एक पारिवारिक मामला मानते हुए इस पर ज्यादा ध्यान न देने की बात कर रहे हैं।

इस सब के बीच, एक और रिपोर्ट में यह कहा गया कि सनी देओल अपने पिता की संपत्ति को लेकर काफी उलझन में हैं, और इस समय वह इस मामले को शांतिपूर्वक हल करने के लिए समय निकालना चाहते हैं।


निष्कर्ष

धर्मेंद्र का निधन एक दुखद घटना थी, लेकिन उनके परिवार के भीतर संपत्ति को लेकर चल रहे विवाद ने इस शोक को और गहरा कर दिया है। ईशा देओल, अहाना देओल, सनी देओल और बॉबी देओल के बीच संपत्ति का बंटवारा एक संवेदनशील मुद्दा बन चुका है, और यह स्पष्ट नहीं है कि भविष्य में क्या होगा।

हालाँकि, यह समय पारिवारिक शांति और एकजुटता का है, लेकिन संपत्ति के बंटवारे और व्यक्तिगत मतभेदों ने इस दुखद समय को और भी मुश्किल बना दिया है। अब यह देखना होगा कि सनी देओल और बॉबी देओल किस प्रकार इस मुद्दे को हल करते हैं, और क्या ईशा और अहाना को उनके अधिकार मिलते हैं या नहीं।

समय के साथ इस विवाद का समाधान निकलेगा, लेकिन यह साबित हो गया है कि एक व्यक्ति की संपत्ति और पारिवारिक संबंधों के बीच संतुलन कायम रखना हमेशा आसान नहीं होता।