धर्मेंद्र की डायरी का चौंकाने वाला खुलासा: क्या देओल परिवार अब एक हो पाएगा?

..

मुंबई।

बॉलीवुड अभिनेता और हिंदी सिनेमा के दिग्गज स्टार धर्मेंद्र देओल के निधन के बाद देओल परिवार गहरे शोक में डूबा हुआ है। 24 नवंबर की सुबह उनके जुहू स्थित आवास पर अंतिम सांस लेने की जानकारी सामने आई। अंतिम संस्कार सादगी से संपन्न हुआ, जहाँ फिल्म जगत की कई हस्तियाँ श्रद्धांजलि देने पहुँचीं।

लेकिन उनकी मौत से अधिक जिस बात ने फिल्म जगत और देओल परिवार के करीबियों को हिलाकर रख दिया है, वह है उनकी एक पुरानी डायरी, जिसमें दर्ज अंतिम इच्छा अब विवाद और भावनात्मक टकराव का कारण बन गई है।


आधी रात की हलचल पर उठे सवाल

धर्मेंद्र के निधन से एक रात पहले उनके घर में असामान्य गतिविधि देखी गई।
करीब आधी रात को कई वाहन बंगले के अंदर जाते दिखाई दिए।

सूत्रों के अनुसार,

कई करीबी परिवारिक सदस्य अचानक पहुँचे,

बंगले के अंदर कुछ देर तक बंद कमरे में चर्चा चली,

और घर के CCTV कैमरों का रिकार्ड कुछ घंटों बाद गायब पाया गया।

परिवार की ओर से उनकी मौत के समय को लेकर भी अलग-अलग बयान सामने आए।
इन घटनाओं ने लोगों के बीच यह सवाल उठा दिया कि धर्मेंद्र की हालत कब बिगड़ी और मौत वास्तव में किस समय हुई?


परिवार को मिली पुरानी डायरी ने बढ़ाई चिंता

धर्मेंद्र के निजी कमरे की सफाई के दौरान एक पुरानी चमड़े की डायरी मिली, जो कई वर्षों से सुरक्षित रखी गई थी।
उसी डायरी में एक ऐसा पन्ना मिला जिसने पूरे परिवार में खामोशी और तनाव पैदा कर दिया।

डायरी के पन्ने पर धर्मेंद्र ने अपनी अंतिम इच्छा लिखी थी। उसमें उन्होंने कहा—

देओल परिवार को एक करने की इच्छा,

पहली पत्नी प्रकाश कौर और दूसरी पत्नी हेमा मालिनी के बीच संबंध सुधरने की उम्मीद,

दोनों परिवारों के बच्चों के बीच एकता की अपील,

तथा मृत्यु के बाद “बंटवारा नहीं, सिर्फ प्यार” रहने की बात।

परिवार के सूत्रों के अनुसार, यह पन्ना सनी देओल ने सबसे पहले देखा और पढ़ते ही भावनात्मक रूप से टूट गए।

धर्मेंद्र की डायरी ने किया चौंकाने वाला खुलासा! Dharmendra Deol's Diary Made A Shocking Revelation


40 साल पुराने बंटवारे की छाया फिर गहराई

धर्मेंद्र का निजी जीवन दो हिस्सों में बँटा रहा।
उनकी पहली पत्नी प्रकाश कौर और उनसे हुए चार बच्चों ने हमेशा अलग जीवन जिया, जबकि दूसरी ओर हेमा मालिनी और उनकी दो बेटियाँ एक अलग दुनिया में रहीं।

1980 में हुई उनकी दूसरी शादी के बाद परिवार में दूरी पनपी,
जो वर्षों तक खत्म नहीं हुई।
दोनों परिवारों के बीच कभी भी कोई सीधी मुलाकात या औपचारिक संवाद नहीं हुआ।

डायरी में दर्ज इच्छा ने इस पुराने बंटवारे की यादें फिर ताज़ा कर दीं।


सनी देओल दुविधा में: कर्तव्य या माँ का दर्द?

डायरी पढ़ने के बाद सनी देओल गहरी दुविधा में चले गए।
एक ओर पिता की अंतिम इच्छा को पूरा करने की जिम्मेदारी थी,
तो दूसरी ओर अपनी माँ प्रकाश कौर की भावनाओं और स्वास्थ्य को लेकर चिंता।

पारिवारिक सूत्र बताते हैं कि सनी को डर है कि
प्रकाश कौर और हेमा मालिनी का सामना कराने से पुरानी भावनात्मक चोटें फिर उभर सकती हैं,
जिसका असर प्रकाश कौर की सेहत पर पड़ सकता है।

सनी इस विचार से भी व्याकुल हैं कि
अगर उन्होंने पिता की आखिरी इच्छा को नज़रअंदाज़ किया,
तो वे जीवनभर स्वयं को दोष दे सकते हैं।


देओल परिवार की बैठक: तनावपूर्ण माहौल

निधन के अगले दिन देओल परिवार की एक महत्वपूर्ण बैठक हुई।
इसमें सनी, बॉबी, उनकी बहनें और करीबी परिवारिक सदस्य शामिल थे।

सूत्रों की मानें तो बैठक में माहौल बेहद तनावपूर्ण रहा।
बॉबी देओल ने स्पष्ट कहा कि—

“पापा की आखिरी इच्छा का सम्मान होना चाहिए,
लेकिन माँ को चोट पहुँचने का डर बहुत बड़ा है।”

बैठक के आखिर में यह निर्णय नहीं हो पाया कि डायरी में लिखी इच्छा को किस प्रकार पूरा किया जाए।


हेमा मालिनी की प्रतिक्रिया: स्वीकार्यता के साथ दर्द भी

धर्मेंद्र की डायरी में दर्ज इच्छा की जानकारी जब हेमा मालिनी तक पहुँची,
तो उन्होंने भावुक प्रतिक्रिया दी।
उन्होंने कहा कि अगर यह धर्मेंद्र की अंतिम इच्छा थी,
तो वे मिलने के लिए तैयार हैं।

सूत्र बताते हैं कि उनकी आवाज़ में दर्द साफ दिखाई दिया।
उन्होंने माना कि 40 साल की दूरी ने कई भावनाएँ भीतर दबा रखी थीं,
लेकिन धर्मेंद्र की इच्छा के लिए वे किसी भी बातचीत के लिए तैयार हैं।


क्या प्रकाश कौर तैयार होंगी?

पूरे विवाद का सबसे संवेदनशील पहलू प्रकाश कौर की प्रतिक्रिया है।
परिवार के सदस्यों के अनुसार,
सनी और बॉबी अभी तक उनके सामने डायरी का पन्ना नहीं रख पाए हैं।

सबको डर है कि—
कहीं यह खबर उन्हें भावनात्मक सदमे में न डाल दे।

उन्होंने पिछले 40 साल इस दूरी को स्वीकार करके बिताए हैं,
और अचानक से पुरानी कहानी दोबारा सामने लाना मुश्किल हो सकता है।


क्या देओल परिवार एक होगा?

परिवार के करीबी मानते हैं कि
धर्मेंद्र की इस इच्छा के पूरा होने की संभावना है,
लेकिन यह कदम बेहद सावधानी और संवेदनशीलता से उठाना होगा।

देओल परिवार के भविष्य को लेकर तीन संभावनाएँ चर्चा में हैं—

1️⃣ दोनों परिवारों की पहली बैठक होती है

यदि यह होता है तो यह बॉलीवुड के इतिहास की सबसे बड़ी पारिवारिक सुलह मानी जाएगी।

2️⃣ प्रकाश कौर इस मुलाकात के लिए तैयार नहीं होतीं

ऐसे में पिता की इच्छा अधूरी रह जाएगी और परिवार पहले जैसा ही बँटा रहेगा।

3️⃣ दोनों तरफ से सीमित बातचीत शुरू होती है

बिना भावनात्मक टकराव के धीरे-धीरे रिश्ता सुधारने की कोशिश हो सकती है।


निष्कर्ष: एक पिता की इच्छा और परिवार के सामने सबसे बड़ा सवाल

धर्मेंद्र की डायरी ने यह साफ कर दिया है कि
उनके मन में सबसे बड़ा दर्द परिवार के बिखराव का था।

उनकी अंतिम इच्छा अब देओल परिवार के सामने
एक भावनात्मक और सामाजिक चुनौती बनकर खड़ी है।

अब सवाल यह है—
क्या देओल परिवार धर्मेंद्र की आखिरी इच्छा को पूरा कर पाएगा?
या 40 साल पुराना बंटवारा आगे भी कायम रहेगा?

इस पर अंतिम निर्णय आने में अभी समय लग सकता है,
लेकिन इतना निश्चित है कि यह खुलासा
देओल परिवार के इतिहास का सबसे महत्वपूर्ण मोड़ बन चुका है।