एक युवती नंगे पैर जूते की दुकान में घुस गई, दुकान मालिक ने जो किया उसे देखकर हर कोई अवाक रह गया…
नई दिल्ली का मौसम उमस और बेचैनी से भरा हुआ था। सड़कों पर शोर, धूल और भीड़ थी। इन सबके बीच नंगे पाँव चलती हुई अनिका जैसे उस भीड़ से अलग एक दुनिया में थी। उसके हर कदम में दर्द था, लेकिन आँखों में उम्मीद।
लक्ज़री जूतों की उस आलीशान दुकान में जब वह दाख़िल हुई, तो मानो पूरा वातावरण थम गया। फुसफुसाहटें उठीं—कुछ मज़ाक में, कुछ तिरस्कार में, और कुछ झूठी दया में। लेकिन करोड़पति मालिक अमित का व्यवहार सबके लिए अप्रत्याशित था। उसने उस लड़की के नंगे पाँव देखकर उसे अपमानित नहीं किया, बल्कि उसके साहस को सम्मान दिया।
अनिका और अमित का संवाद सिर्फ शब्दों तक सीमित नहीं रहा। दोनों के दिलों में बीते संघर्षों का भार था। अनिका गरीबी, भूख और अपमान से जूझी थी, जबकि अमित अपने खोए हुए रिश्तों और दौलत के पीछे छिपे अकेलेपन से।
“मैं दया नहीं चाहती, मैं बस इंसान की तरह देखी जाना चाहती हूँ,” अनिका की आवाज़ पूरे हॉल में गूँज गई।
अमित ने उसकी ओर देखते हुए उत्तर दिया—“मैंने दया नहीं की, मैंने सम्मान दिया है।”
यह वाक्य उस भीड़ के लिए चौंकाने वाला था। करोड़पति, जो अपने अभिमान और गंभीरता के लिए मशहूर था, एक साधारण युवती के सामने झुक गया था।
समाज की आँखों में सवाल
अनिका जब भी उस दुकान में आने लगी, लोग फुसफुसाते।
“उसे लगता है कि वो यहीं की है।”
“वो कभी कुछ नहीं बन पाएगी, बस सपने देखती रहेगी।”
लेकिन अनिका उन बातों को अनसुना करती रही। वह जूतों को देखती, छूती नहीं, बस अध्ययन करती। उसके लिए हर जोड़ी जूते एक कहानी थी—संघर्ष और जीत की।
अमित ऊपर अपने ऑफिस से उसे देखता और सोचता—“यह लड़की उन सब लोगों से ज्यादा अमीर है, जो यहाँ पैसे खर्च करने आते हैं।”
धीरे-धीरे उनके बीच संवाद बढ़ने लगा। अमित उसके साहस की कद्र करता, और अनिका उसकी बातों से सीखती। पर अफवाहें बढ़ने लगीं। लोग कहने लगे—
“करोड़पति पागल हो रहा है।”
“वो लड़की बस उसका फायदा उठाना चाहती है।”
रिश्ते की परीक्षा
एक दिन व्यापारियों ने अमित को चेतावनी दी—“आपकी इज्ज़त खतरे में है। इस लड़की से दूरी बना लीजिए।”
लेकिन अमित ने दृढ़ता से कहा—“अगर मैं अपने दिल से समझौता कर लूँ तो वही मेरी असली हार होगी।”
यह जवाब शहर भर में चर्चा का विषय बन गया। कुछ लोगों ने उसकी हिम्मत की सराहना की, तो कुछ ने उसे पागल कहा।
उधर, अनिका के घर में त्रासदी घटी। उसका साधारण घर आग की चपेट में आ गया। जब वह मलबे के सामने रो रही थी, अमित आया और उसका हाथ पकड़कर बोला—
“यह खैरात नहीं है, यह स्नेह है। मैं तुम्हारे दर्द की नहीं, तुम्हारे दृढ़ संकल्प की कद्र करता हूँ।”
उस पल उनका रिश्ता और गहरा हो गया।
बारिश की रात
नई दिल्ली की सड़कों पर तूफानी बारिश हो रही थी। अनिका दुकान में फँस गई, और कुछ देर बाद भीगा हुआ अमित भी अंदर आया। उस रात बिजली चली गई और अँधेरे में सिर्फ बारिश की आवाज़ गूँज रही थी।
अनिका ने एक सफेद जूते को छूते हुए कहा—
“क्या मैं कभी ऐसा पहन पाऊँगी?”
अमित मुस्कुराया—“तुम्हारे पास पहले से ही सबसे कीमती चीज़ है—साहस।”
उनकी निगाहें मिलीं, लेकिन शब्द अधूरे रह गए। एक अदृश्य शक्ति थी, जो दोनों को जोड़ रही थी।
समाज बनाम दिल
लेकिन बाहर समाज का दबाव बढ़ता गया। अफवाहें, व्यंग्य और तिरस्कार से घिरी अनिका ने एक दिन रोते हुए अमित से कहा—
“मैं तुम्हारी ज़िंदगी बर्बाद नहीं करना चाहती।”
और उसने एक अलविदा का नोट छोड़ दिया।
अमित हतप्रभ रह गया। उसने कहा—“अनिका, मुझे ऐसे मत छोड़ो!”
लेकिन वह भीड़ और समाज की नज़रों से भाग गई।
निर्णायक मोड़
शहर में एक भव्य आयोजन हुआ। अमित वहाँ मानद मेज़बान था। सबकी निगाहें उस पर थीं। लोग इंतजार कर रहे थे कि वह समाज की अपेक्षाओं के आगे झुकेगा या फिर सबको चुनौती देगा।
और तभी उसने मंच से कहा—
“सच्ची दौलत तिजोरी में नहीं होती, बल्कि उस इंसान में होती है जो बिना डर के जीना और प्यार करना जानता है। अगर मेरी इज्ज़त खोनी है, तो मैं अपने दिल के लिए खोऊँगा।”
पूरा हॉल खामोश हो गया। और भीड़ के बीच खड़ी अनिका की आँखों से आँसू बह निकले।
Play video :
News
मासूम बच्चे ने सिर्फ खाना मांगा था,पति–पत्नी ने उसे घर बुलाकर जो किया… पूरी इंसानियत रो पड़ी
मासूम बच्चे ने सिर्फ खाना मांगा था,पति–पत्नी ने उसे घर बुलाकर जो किया… पूरी इंसानियत रो पड़ी अहमदाबाद के एक…
KAPICI OĞLUNU KUCAĞINDA TAŞIYARAK BİNAYA GİRDİ… VE BİNA SAHİBİ İNANILMAZ BİR ŞEY YAPTI
KAPICI OĞLUNU KUCAĞINDA TAŞIYARAK BİNAYA GİRDİ… VE BİNA SAHİBİ İNANILMAZ BİR ŞEY YAPTI . . Kapıcı Oğlunu Kucağında Taşıyarak Binaya…
MİLYONERİN OĞLU ÇALIŞANINI ISIRDI… AMA SONRA YAPTIĞI ŞEY HERKESİ ŞAŞIRTTI!
MİLYONERİN OĞLU ÇALIŞANINI ISIRDI… AMA SONRA YAPTIĞI ŞEY HERKESİ ŞAŞIRTTI! . . Milyonerin Oğlu Çalışanını Isırdı… Ama Sonra Yaptığı Şey…
Üvey Baba HASTANEDE küçük KIZI Ziyaret Etti — HEMŞİRE bir GARİPLİK fark ETTİ ve hemen 113’ü ARADI
Üvey Baba HASTANEDE küçük KIZI Ziyaret Etti — HEMŞİRE bir GARİPLİK fark ETTİ ve hemen 113’ü ARADI . . Üvey…
FAKİR GENÇ YAŞLI KADINA YARDIM EDER, İŞİNİ KAYBEDER… KADIN TEKLİFLE GELİR
FAKİR GENÇ YAŞLI KADINA YARDIM EDER, İŞİNİ KAYBEDER… KADIN TEKLİFLE GELİR . . Fakir Genç Yaşlı Kadına Yardım Eder, İşini…
MİLYONER, GARSONUN TEKERLEKLI SANDALYEDEKI ÖZEL İHTİYAÇLI ÇOCUĞUNU BESLEDİĞİNİ GÖRÜNCE DONUP KA…
MİLYONER, GARSONUN TEKERLEKLI SANDALYEDEKI ÖZEL İHTİYAÇLI ÇOCUĞUNU BESLEDİĞİNİ GÖRÜNCE DONUP KA… . . Bursa’nın meşhur Uludağ Caddesi’nde, Marmara Alışveriş Merkezi’nin…
End of content
No more pages to load