IPS मैडम को आम लड़की समझ कर Inspector ने बीच सड़क पर छेड़ा फिर Inspector के साथ जो हुआ।
सुबह का समय था। जिले की आईपीएस मैडम वैशाली सिंह एक ऑटो में बैठी हुई थीं। उनकी साड़ी काली थी और वे एक सामान्य महिला की तरह लग रही थीं। ऑटो ड्राइवर को यह नहीं पता था कि उसकी सवारी कोई आम महिला नहीं, बल्कि जिले की आईपीएस अधिकारी है। वैशाली अपनी छोटी बहन की शादी में शामिल होने के लिए छुट्टी लेकर घर जा रही थीं।
ऑटो ड्राइवर ने रास्ते में बात करते हुए कहा, “मैडम, आपकी वजह से मैं इस रास्ते से जा रहा हूं। लेकिन हो सकता है इस रास्ते में पुलिस हो। हमारे जिले का इंस्पेक्टर बिना वजह चालान काटता है और पैसे लूटता है।”
वैशाली ने मन में सोचा कि क्या सच में इंस्पेक्टर ऐसा करता है। उनकी सोच में यही बातें चल रही थीं। जैसे ही ऑटो थोड़ी दूर बढ़ी, उन्होंने देखा कि इंस्पेक्टर कैलाश राठौर अपने सिपाहियों के साथ चेकिंग कर रहा था।
पहला सामना:
जैसे ही ऑटो उनके सामने आई, इंस्पेक्टर ने लाठी का इशारा करके ऑटो को रोक दिया। ड्राइवर ने ऑटो रोका और इंस्पेक्टर ने गुस्से में कहा, “नीचे उतर। अपने बाप की सड़क है क्या? इतनी स्पीड में ऑटो चला रहे हो। डर नहीं लगता तुम्हें? जल्दी से 5000 का चालान भरो।”
ड्राइवर ने डरते हुए कहा, “सर, मैंने कोई नियम नहीं तोड़े। आप किस चीज के चालान काट रहे हैं? प्लीज ऐसा मत करें। मेरी कोई कमाई नहीं हुई है।”
इंस्पेक्टर भड़क उठा, “ज्यादा जुबान मत चलाना। पैसे नहीं हैं तो ऑटो क्यों चलाता है? जल्दी से ऑटो का कागज निकालो। कहीं चोरी का ऑटो तो नहीं है?”
अत्याचार का सामना:
ड्राइवर ने फटाफट कागज निकालकर दिखाए। सब कुछ साफ था। फिर इंस्पेक्टर बोला, “कागज तो है लेकिन फिर भी चालान तुम्हें भरना ही पड़ेगा। अब 5000 नहीं तो 3000 दो वरना तुम्हारी ऑटो सिज होगी।”
पास में खड़ी आईपीएस मैडम वैशाली सिंह सब कुछ सुन रही थीं। उन्होंने देखा कि कैसे इंस्पेक्टर गरीबों को लूट रहा है और बिना वजह चालान काट रहा है। ड्राइवर ने गिड़गिड़ाते हुए कहा, “साहब, इतने पैसे कहां से लाएंगे? मेरे छोटे-छोटे बच्चे हैं।”
इंस्पेक्टर ने गाल पर एक जोरदार थप्पड़ जड़ दिया और कहा, “जब पैसे नहीं हैं तो ऑटो चलाता क्यों है?”
कानून का उल्लंघन:
आईपीएस मैडम वैशाली सिंह खुद को काबू नहीं कर सकीं। उन्होंने इंस्पेक्टर के सामने आकर कहा, “इंस्पेक्टर, आप बिल्कुल गलत कर रहे हैं। जब ड्राइवर का कोई गलती नहीं है तो आप बिना वजह चालान क्यों काट रहे हैं? ऊपर से थप्पड़ मारना कानून का उल्लंघन है।”
इंस्पेक्टर पहले से ही गुस्से में था। वैशाली की बात सुनकर और भड़क उठा और बोला, “अच्छा, तू मुझे सिखाएगा कि कानून क्या होता है। लगता है तुझे भी जेल की हवा चखानी पड़ेगी।”
थाने में गिरफ्तारी:
इंस्पेक्टर कैलाश राठौर ने हवलदार को आदेश दिया और कहा, “चलो इन दोनों को थाने में मजा चखाएंगे।” फिर दो हवलदार आगे बढ़े और दोनों को थाने ले गए। थाने पहुंचते ही इंस्पेक्टर ने कहा, “इन दोनों को यहीं बैठा दो। अब यहीं देखते हैं।”
इंस्पेक्टर कैलाश राठौर कुर्सी पर बैठा और हंसते हुए बोला, “रामू, चाय लेकर आओ।” तभी उसका मोबाइल बज उठा। उसने कॉल उठाया और बात करने लगा।
भ्रष्टाचार का खुलासा:
इंस्पेक्टर कैलाश राठौर बोल रहा था, “हां, सब काम हो जाएगा। बस मेरे पैसे तैयार रखना। आप टेंशन मत लो।” वैशाली सिंह और ऑटो ड्राइवर दोनों बैठकर इंस्पेक्टर की बातें सुन रहे थे।
वैशाली ने मन में सोचा कि यह इंस्पेक्टर सिर्फ बाहर ही नहीं, थाने के अंदर भी गलत काम करता है। वह अपने गुस्से को काबू में रखी हुई थी।
पास में बैठा ऑटो ड्राइवर डर से कांप रहा था। उसकी आंखों में आंसू थे। तभी वैशाली ने ड्राइवर की तरफ देखते हुए कहा, “आप टेंशन मत लीजिए। यह इंस्पेक्टर कुछ नहीं कर पाएगा। मैं आपके साथ हूं और इसे दिखाऊंगी कि कानून की ताकत क्या होती है।”
इंस्पेक्टर की चालें:
कुछ देर बाद इंस्पेक्टर एक रूम में चला गया। रूम में जाकर उसने एक हवलदार को बुलाया और बोला, “जाकर ऑटो ड्राइवर को बुलाकर लाओ।” हवलदार तुरंत बाहर आया और ड्राइवर से बोला, “सर ने आपको अंदर बुलाया है।”
यह सुनकर ड्राइवर घबरा गया। मगर वैशाली ने उसे विश्वास दिलाया, “आप टेंशन मत लो। जो भी होगा देखा जाएगा।”
ड्राइवर ने हिम्मत जुटाई और इंस्पेक्टर के पास गया। इंस्पेक्टर कैलाश राठौर पैर के ऊपर पैर रखकर बैठे थे। उन्होंने ड्राइवर को देखकर हंसते हुए कहा, “देख, अगर वांटो को बचाना है तो तुझे 5000 देने ही होंगे। वरना तेरी वांटो सीज हो जाएगी।”
ड्राइवर की मजबूरी:
ड्राइवर का दिल धड़क उठा। वह रोते हुए बोला, “सर, ऐसा मत कीजिए। मेरा हाल देखिए साहब। मैं कैसे आपको 5000 दे सकता हूं।”
इंस्पेक्टर गुस्से में बोला, “देखो, मैं तुम्हारी कोई भी बात नहीं सुनूंगा। पैसे दो। वरना तू बर्बाद होगा ही, साथ-साथ तेरा परिवार भी बर्बाद होगा।”
ड्राइवर डर के कारण 2000 निकालकर इंस्पेक्टर को दे दिए और बोला, “मेरे पास इतना ही है। प्लीज यह ले लीजिए और मुझे जाने दीजिए।”
वैशाली का प्रतिरोध:
इंस्पेक्टर ने पैसे लेते हुए कहा, “ठीक है, जा बाहर जाकर बैठो।” फिर उन्होंने एक हवलदार को बुलाया और कहा, “उस औरत को यहां बुलाकर लाओ।”
वैशाली सिंह बिना हिचकिचाए अंदर गई। इंस्पेक्टर हंसते हुए बोला, “नाम क्या है?” वैशाली ने ठंडे आत्मविश्वास के साथ कहा, “नाम से आपको क्या मतलब? आप बताइए आप कहना क्या चाहते हैं?”
इंस्पेक्टर की धमकी:
इंस्पेक्टर हैरान रह गया। फिर बोला, “देखो, ज्यादा अकड़ मत दिखाओ। हमारे पास हर चीज का दवा है। अभी दो डंडे पर जाएंगे। फिर सब अकड़ निकल जाएगी।”
वैशाली सिंह बिना डरते हुए जवाब दी, “मैं आपको एक भी रुपया नहीं दूंगी। मैंने कोई गलती नहीं की है। आप मुझसे किस चीज के पैसे मांग रहे हैं?”
कैलाश की हार:
इंस्पेक्टर ने गुस्से में हवलदार को बुलाया और कहा, “इस औरत को जेल में बंद कर दो।” हवलदार ने तुरंत आईपीएस मैडम वैशाली सिंह को लॉकअप में डाल दिया।
कुछ देर बाद थाने के बाहर एक गाड़ी आकर रुकी। गाड़ी से इंस्पेक्टर विकास मल्होत्रा निकले। वह गुस्से में थाने के अंदर प्रवेश किया और एक हवलदार से बोले, “हमने सुना है कि आप लोगों ने यहां किसी औरत को लॉकअप में डाला है।”
विकास का आगमन:
हवलदार हकलाते हुए बोला, “हां, लेकिन क्या हुआ है सर?” तभी इंस्पेक्टर रूम से बाहर आया और बोला, “कौन है?”
इंस्पेक्टर कैलाश राठौर ने पूछा, “सर क्या बात है? आप यहां क्यों आए हैं?”
इंस्पेक्टर विकास मल्होत्रा ने कहा, “हां, सुना है आपने किसी औरत को लॉकअप में बंद किया है, बस उसे देखना है।”
फिर इंस्पेक्टर कैलाश राठौर बोले, “चलिए दिखाते हैं।” यह कहकर इंस्पेक्टर कैलाश राठौर ने विकास मल्होत्रा को लॉकअप के पास लेकर गया।
सच्चाई का खुलासा:
लॉकअप में बंद महिला को देखकर इंस्पेक्टर विकास मल्होत्रा गुस्से से चिल्ला उठा, “आपने यह क्या किया है? यह हमारे जिले की आईपीएस मैडम है। आपने इसे लॉकअप में क्यों डाला है?”
यह सुनकर इंस्पेक्टर कैलाश राठौर के पैरों तले जमीन खिसक गई। वह हकलाते हुए बोला, “क्या यह आईपीएस मैडम है? मुझे बिल्कुल भी अंदाजा नहीं था।”
DM का आदेश:
उन्होंने तुरंत हवलदार को इशारा किया। हवलदार आया और लॉकअप खोल दिया। लॉकअप से बाहर निकलकर आईपीएस मैडम वैशाली सिंह ने सारी बात इंस्पेक्टर विकास मल्होत्रा को बताई।
फिर विकास मल्होत्रा ने तुरंत जिले के डीएम को कॉल किया और कहा, “आईपीएस मैडम वैशाली सिंह ने आपको थाने बुलाया है। कृपया जल्दी थाने आइए। मामला गंभीर है।”
कुछ ही देर में डीएम सुधीर सक्सेना थाने पहुंचे। उन्होंने मामला देखकर इंस्पेक्टर से कहा, “आपने जो किया है, वह कानून का उल्लंघन है। आप लोगों ने गरीबों को लूटा है।”
सख्त कार्रवाई:
डीएम ने कहा, “यह कानूनन अपराध है और अब आपका बचना नामुमकिन है।” वैशाली सिंह ने कहा, “इस इंस्पेक्टर ने ना जाने कितनों को लूटा है। कितनों का जीवन छीना है।”
“मैंने उसकी हर एक चाल और हरकत को देखकर चुप रही ताकि इसे बेनकाब कर सकूं। यह इंस्पेक्टर वर्दी पहनने के योग्य नहीं है।”
प्रेस मीटिंग:
डीएम ने कहा, “कल सुबह आप प्रेस मीटिंग बुलाएं। कल ही इसका फैसला होगा। मेरे साथ जो भी हुआ है, मैं खुद उसकी गवाही दूंगी और साथ में ऑटो ड्राइवर भी है।”
यह खबर पूरे शहर में फैल गई। लोग एक-दूसरे से बात करने लगे कि इंस्पेक्टर ऐसी हरकतें कर रहा था। लेकिन अब आईपीएस मैडम वैशाली सिंह की नजरों में आ चुका है।
न्याय की मांग:
अब इंस्पेक्टर का बचना नामुमकिन था। सब लोग खुश थे कि बस फैसला हो और इंस्पेक्टर को सजा दिलाई जाए। सुबह हुई और प्रेस मीटिंग शुरू हुई। हॉल के बाहर मीडिया की भीड़ और गाड़ियों की कतार लगी हुई थी।
जनता जोर-जोर से “भ्रष्टाचार को खत्म करो” के नारे लगा रही थी। हॉल के अंदर बीच में डीएम सुधीर सक्सेना बैठे हुए थे। साइड में आईपीएस मैडम वैशाली सिंह और दूसरी तरफ इंस्पेक्टर विकास मल्होत्रा जो इस केस की निगरानी कर रहे थे।
गवाही का समय:
डीएम ने टेबल पर रखी घंटी बजाई और कहा, “प्रेस मीटिंग शुरू की जाती है। सबसे पहले आईपीएस मैडम वैशाली सिंह अपनी गवाही पेश करेंगी।”
वैशाली खड़ी हुईं। उनकी आवाज शांत लेकिन बेहद दृढ़ थी। सबकी निगाहें उन्हीं पर टिक गईं। उन्होंने कहा, “कल जो कुछ भी हुआ वह सिर्फ मेरे साथ नहीं बल्कि इस जिले की हर उस गरीब जनता के साथ हुआ है जिन्हें इंसाफ की जगह डर और लूट मिली है।”
सच्चाई का सामना:
“मैं बताना चाहती हूं कि कैसे एक इंस्पेक्टर जिसने वर्दी पहनकर कानून की रक्षा करनी थी, वही वर्दी का गलत इस्तेमाल कर रहा था। सुबह मैं अपनी छोटी बहन की शादी के लिए छुट्टी लेकर घर लौट रही थी। मैंने साधारण कपड़े पहने थे।”
“मैं एक ऑटो में बैठी थी। ड्राइवर ने मुझे रास्ते में चेतावनी दी कि इस इलाके में इंस्पेक्टर कैलाश राठौर खड़ा रहता है और बिना वजह गरीब ऑटो वालों से पैसे वसूलता है।”
आवाज उठाने का वक्त:
“मैंने लाख समझाया कि मेरे घर में छोटे बच्चे हैं। मैं इतने पैसे कैसे दूं? लेकिन उन्होंने एक ना सुनी। मजबूर होकर मुझे अपनी बचत में से आज 2000 देने पड़े। वरना मेरा ऑटो चला जाता और मेरा परिवार भूखा मर जाता।”
“मैं तो सोच भी नहीं सकता था कि मेरी ऑटो में जो महिला बैठी है, वह एक आईपीएस ऑफिसर है। अगर यह ना होती तो आज भी हम गरीब ऐसे ही लूटते रहते।”
न्याय का फैसला:
डीएम ने कहा, “आज की गवाही ने यह साफ कर दिया है कि इंस्पेक्टर कैलाश राठौर ने अपनी सीमा लांघी है। उसने गरीबों का शोषण किया। जनता को लूटा और कानून का गलत इस्तेमाल किया।”
“यह किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।” उन्होंने कागज पर लिखे आदेश को उठाया और मीडिया के सामने जोर से पढ़ा, “इंस्पेक्टर कैलाश राठौर को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाता है।”
समापन:
“साथ ही उनके खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया जाएगा। उन्हें आज ही हिरासत में लेकर जेल भेजा जाएगा।” हॉल तालियों और नारों से गूंज उठा। जनता चिल्लाने लगी, “न्याय मिला, न्याय मिला।”
वैशाली सिंह ने भीड़ की ओर देखा और कहा, “आज का फैसला सिर्फ कैलाश राठौर की हार नहीं है बल्कि यह इस बात का सबूत है कि अगर हम सब मिलकर अन्याय के खिलाफ खड़े हो तो कोई भी भ्रष्टाचार हम पर हावी नहीं हो सकता।”
“वर्दी का मतलब है सेवा और सुरक्षा ना कि डर और लूट।”
समापन के बाद:
दोस्तों, अगर आपको यह कहानी पसंद आई हो, तो इसे लाइक जरूर करें और ज्यादा से ज्यादा लोगों तक शेयर करें। और हां, हमारे चैनल डार्क स्टोरीज दृष्टि को सब्सक्राइब करना बिल्कुल मत भूलें क्योंकि यहां आपको मिलती हैं सच्ची घटनाओं पर आधारित रोमांचक और दिलचस्प वीडियो।
आप लोग कहां-कहां से वीडियो देख रहे हैं, किस कंट्री से देख रहे हैं? हमें कमेंट में जरूर बताइए।
अंत
News
Arab Sheikh Ko Kam Karne Wali Indian Ladki Pasand Agyi || Phir Roz Raat Ko Uske Saath Kya Karta Raha
Arab Sheikh Ko Kam Karne Wali Indian Ladki Pasand Agyi || Phir Roz Raat Ko Uske Saath Kya Karta Raha…
9 साल की बच्ची ने, ऑफिस में लगे hidden कैमरा को दिखाया, फिर जो हुआ, सब हैरान रह गया
9 साल की बच्ची ने, ऑफिस में लगे hidden कैमरा को दिखाया, फिर जो हुआ, सब हैरान रह गया ….
पत्नी ने गरीब पति को सबके सामने अपमानित किया अगले ही दिन खरीद ली पूरी कंपनी
पत्नी ने गरीब पति को सबके सामने अपमानित किया अगले ही दिन खरीद ली पूरी कंपनी . . आत्मसम्मान की…
गरीब महिला को कंडक्टर ने बस से उतार दिया, उसके पास किराए के पैसे नहीं थे, लेकिन फिर जो हुआ…
गरीब महिला को कंडक्टर ने बस से उतार दिया, उसके पास किराए के पैसे नहीं थे, लेकिन फिर जो हुआ……
पेंशन के पैसे के लिए आई थी बुज़ुर्ग महिला, बैंक मैनेजर ने जो किया… इंसानियत रो पड़ी
पेंशन के पैसे के लिए आई थी बुज़ुर्ग महिला, बैंक मैनेजर ने जो किया… इंसानियत रो पड़ी . . भाग…
करवा चौथ पर || पत्नी को सरप्राइज देने घर पहुचा पति जो देखा उसे देख सब बदल गया
करवा चौथ पर || पत्नी को सरप्राइज देने घर पहुचा पति जो देखा उसे देख सब बदल गया . ….
End of content
No more pages to load