एक अमीर बाप की बिगड़ी औलाद और एक साधारण लड़की की कहानी

मुंबई की बड़ी सोसाइटी में रहने वाला 24 वर्षीय मनोज अपने परिवार और समाज की नजरों में बहुत अलग जीवन जी रहा था। उसके दिन दोस्तों के साथ मौज-मस्ती, शराब, जुआ और लड़कियों के साथ घूमने में बीतते थे। उसकी आदतें इतनी बिगड़ चुकी थीं कि सोसाइटी के लोग उससे परेशान रहते थे और उसे समझाने की कोशिश करते थे, लेकिन मनोज पर कोई असर नहीं होता था।

मनोज की दुनिया सिर्फ उसकी मस्ती और आज़ादी तक सीमित थी। उसे किसी की कोई परवाह नहीं थी। लेकिन एक दिन सोसाइटी के पार्क में उसकी नजर एक खूबसूरत लड़की जूही पर पड़ी। उसकी चमकती आंखें, गोरी त्वचा और लंबे बाल देखकर मनोज पहली बार किसी के लिए सच में खो गया। उसे पहली नजर में ही जूही से प्यार हो गया।

जूही अपने माता-पिता के साथ उसी सोसाइटी में रहती थी और एक सामान्य जीवन जीती थी। उसे मनोज की आदतों के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। वह मासूम और संवेदनशील थी और समाज के नियमों को मानती थी। जब सोसाइटी वालों को पता चला कि जूही मनोज के संपर्क में है, तो उन्होंने उसे समझाया कि वह मनोज से दूर रहे। लेकिन मनोज ने ठान लिया था कि वह जूही से ही शादी करेगा और अपनी सारी बुरी आदतें छोड़ देगा।

मनोज ने जूही से बात करने की कोशिश की और धीरे-धीरे उसकी जिंदगी में प्रवेश किया। लेकिन सोसाइटी वाले और जूही के माता-पिता लगातार दोनों के बीच बाधा डालते रहे। झूठी शिकायतों के चलते मनोज को पुलिस ने पकड़ लिया और जेल में डाल दिया। जूही ने मनोज को छोड़ने से इंकार कर दिया। जेल में रहते हुए मनोज ने अपनी सारी बुरी आदतें छोड़ दी और खुद को पूरी तरह बदल लिया।

जूही ने देखा कि मनोज सच में बदल चुका है और उसका प्यार सच्चा है। लेकिन समाज और माता-पिता की नाराजगी के कारण वह डर रही थी। फिर भी उसने अपने प्यार के लिए लड़ने का फैसला किया। जब जूही के पिता ने उसे मनोज से दूर करने की कोशिश की और घर से निकाल दिया, तो जूही ने अपने आंसू पोछे और मनोज के साथ रहने चली गई।

अब उनका प्यार किसी भी बाधा से नहीं डरता था। उन्होंने तय किया कि वे एक दूसरे के बिना नहीं रहेंगे। लेकिन एक दिन अचानक जूही की नाक से खून बहने लगा। जांच में पता चला कि उसे ब्लड कैंसर है। यह सुनकर मनोज का दिल टूट गया, लेकिन उसने जूही का साथ नहीं छोड़ा। उसने उसकी देखभाल की, अस्पताल में भर्ती कराया और हर समय उसके साथ रहा।

जूही के माता-पिता को अपनी गलती का एहसास हुआ और उन्होंने मनोज को स्वीकार कर लिया। उन्होंने अस्पताल में ही जूही और मनोज की शादी करवा दी। शादी के बाद जूही ने मनोज का हाथ थामा और कहा कि अब वह उसका जीवन साथी है। मनोज ने वादा किया कि वह हमेशा उसका ख्याल रखेगा।

जूही की तबीयत धीरे-धीरे बिगड़ती गई, लेकिन उसके चेहरे पर मुस्कान थी। उसने अपने जीवन का अंतिम समय मनोज के प्यार में बिताया। मनोज ने उसे अपनी बाहों में थामे रखा और उसके लिए अपना सब कुछ समर्पित कर दिया। जूही की आखिरी सांस के साथ मनोज ने उसकी यादों को अपने जीवन का सबसे कीमती हिस्सा बना लिया।

समाज और सोसाइटी वालों ने भी उनके प्यार का सम्मान किया और समझा कि सच्चा प्यार हर बाधा को पार कर सकता है। मनोज और जूही की कहानी ने यह साबित कर दिया कि प्यार की ताकत समय और मौत को भी पार कर सकती है।