करोड़पति महिला और टैक्सी ड्राइवर की कहानी

नेहा एक करोड़पति महिला थी जो अपने बंगले में अकेली रहती थी। उसने अपने दम पर एक बड़ा कॉस्मेटिक ब्रांड खड़ा किया था, लेकिन उसकी जिंदगी में एक खालीपन था। एक दिन उसे दिल्ली में एक मीटिंग के लिए जाना था। वह अपनी गाड़ी से एयरपोर्ट जाने के लिए निकलती है, लेकिन पार्किंग की चिंता के कारण अपने पुराने ड्राइवर राहुल को बुला लेती है। राहुल उसे एक चौराहे पर टैक्सी में बैठा देता है और खुद उसकी गाड़ी लेकर चला जाता है।

नेहा टैक्सी में बैठती है और टैक्सी चल पड़ती है। टैक्सी ड्राइवर बार-बार शीशे में नेहा को देखता है, नेहा भी उसे पहचानने की कोशिश करती है। अचानक दोनों की नजरें मिलती हैं और दोनों पुरानी यादों में खो जाते हैं। यह टैक्सी ड्राइवर कोई और नहीं, बल्कि नेहा का पूर्व पति अमित है, जिससे सात साल पहले उसका तलाक हो गया था।

एयरपोर्ट पहुंचते ही नेहा टैक्सी से उतरती है और अमित से कहती है – “कल शाम यहीं मिलना, मुझे तुमसे कुछ ज़रूरी बात करनी है।” अमित सहम जाता है, लेकिन हामी भर देता है।

नेहा दिल्ली चली जाती है, लेकिन उसका दिल अमित की हालत को लेकर बेचैन रहता है। वह सोचती है – “अमित, जो कभी करोड़ों का मालिक था, आज टैक्सी क्यों चला रहा है?” मीटिंग खत्म होते ही नेहा वापस लखनऊ लौट आती है और एयरपोर्ट पर अमित को ढूंढती है।

अमित वहीं खड़ा सिगरेट पी रहा था। नेहा उसके पास जाती है, दोनों के बीच चुप्पी छा जाती है। नेहा हिम्मत करके पूछती है – “यह सब कब से चल रहा है?” अमित बताता है कि पिछले दो साल से वह टैक्सी चला रहा है, उसके बिजनेस पार्टनर्स ने उसे धोखा दिया, सारी कंपनियां छीन लीं और वह कंगाल हो गया।

नेहा की आंखों में आंसू आ जाते हैं। वह कहती है – “अगर ऐसी बात थी तो तुमने मुझे बताया क्यों नहीं? क्या हमारा प्यार इतना कमजोर था?” अमित भी रो पड़ता है – “मैं नहीं चाहता था कि तुम मेरे साथ गरीबी झेलो, इसलिए दूरियां बढ़ा दीं।”

नेहा कहती है – “मैंने आज तक किसी और से शादी नहीं की, क्योंकि मेरा दिल सिर्फ तुम्हारे लिए बना है। अब मेरे पास सब कुछ है, बंगला है, पैसा है, लेकिन तुम्हारे बिना सब अधूरा है। चलो, मेरे साथ चलो। अब तुम्हें टैक्सी चलाने की जरूरत नहीं।”

अमित हैरान रह जाता है, लेकिन नेहा का प्यार देखकर वह उसके साथ उसके बंगले पर चला जाता है। दोनों फिर से एक साथ रहने लगते हैं, दोबारा शादी कर लेते हैं और नेहा की कंपनी को मिलकर चलाते हैं। उनके दो बच्चे भी होते हैं और परिवार खुशहाल रहता है।

**सीख:**
कभी-कभी हालात हमें मजबूर कर देते हैं, लेकिन सच्चा प्यार कभी नहीं मरता। नेहा और अमित की कहानी बताती है कि अगर दिल में जगह हो, तो हर रिश्ता दोबारा जुड़ सकता है।

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