सोनिया और शारदा देवी की संघर्षपूर्ण कहानी
रामगढ़ गांव के खेतों में फसल काटने के बाद सोनिया अपनी मां शारदा देवी के साथ ट्रैक्टर से घर लौट रही थी। सोनिया कॉलेज की छात्रा थी, जो छुट्टियों में अपनी मां का हाथ बंटाने आई थी। उसकी बड़ी बहन, शालिनी, पुलिस विभाग में एक प्रतिष्ठित आईपीएस अफसर थी।
गांव से शहर की ओर जाते हुए सड़क पर पुलिस बैरियर लगा था। इंस्पेक्टर आलोक सिंह जीप के बोनट पर पैर फैलाए बैठे थे, और दो सिपाही आने-जाने वालों से जबरन पैसे वसूल रहे थे। जैसे ही सोनिया और उसकी मां वहां पहुंचीं, इंस्पेक्टर ने उन्हें रोकते हुए अभद्र भाषा में बात की। सोनिया ने विनम्रता से सारे कागजात दिखाए, लेकिन आलोक सिंह ने बिना देखे ही उन्हें फेंक दिया और सोनिया को थप्पड़ मार दिया। भीड़ तमाशा देख रही थी, लेकिन किसी ने मदद नहीं की। एक युवक चुपचाप वीडियो रिकॉर्ड कर रहा था।
आलोक सिंह ने दोनों को थाने ले जाकर बदबूदार कोठरी में बंद कर दिया। शारदा देवी को सांस की बीमारी थी, उनकी हालत बिगड़ने लगी। सोनिया ने मदद की गुहार लगाई, लेकिन इंस्पेक्टर ने बेरहमी दिखाई। जब शारदा देवी की हालत बहुत खराब हो गई, सोनिया ने गुस्से में इंस्पेक्टर को थप्पड़ मार दिया। आलोक सिंह ने उसे दूसरी कोठरी में बंद कर दिया।

शारदा देवी की हालत बिगड़ती गई और अंततः उनका दम टूट गया। इंस्पेक्टर ने सिपाहियों से शव को ठिकाने लगाने को कहा और सोनिया को धमकाया। सोनिया किसी तरह वहां से भाग निकली और एक ज्वेलरी दुकान में शरण ली। दुकान के मालिक महेश सेठ ने उसकी बात सुनी, लेकिन धोखे से पुलिस को बुला लिया। सोनिया फिर से पुलिस के हाथ लग गई और इंस्पेक्टर ने उसे सुनसान हवेली में कैद कर दिया।
इधर, आईपीएस शालिनी अपनी मां और बहन की तलाश में जुट गई। जब उसे एक युवक द्वारा वायरल किया गया वीडियो मिला, जिसमें पुलिस की ज्यादती दिख रही थी, तो उसका खून खौल उठा। शालिनी कमांडो टीम के साथ थाने पहुंची, लेकिन वहां कोई नहीं मिला। टीम ने हवेली तक पीछा किया और आखिरकार इंस्पेक्टर आलोक सिंह को रंगे हाथ पकड़ लिया।
शालिनी ने इंस्पेक्टर को सबके सामने थप्पड़ मारा, सोनिया ने भी अपना गुस्सा निकाला। शालिनी ने उन सभी पुलिसवालों की वर्दी उतरवा दी, जिन्होंने अन्याय किया था।
यह कहानी हमें सिखाती है कि सत्ता का घमंड और अन्याय अधिक समय तक नहीं टिकता। सच्चाई और न्याय की जीत हमेशा होती है। यह कहानी काल्पनिक है, केवल मनोरंजन और शिक्षा के उद्देश्य से लिखी गई है।
अगर आप सोनिया की जगह होते, तो क्या करते?
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