कहानी: चर्च के रहस्य और गुनाहों का पर्दाफाश

एक समय की बात है, एक छोटे से शहर में एक चर्च था, जो बाहर से भले ही पवित्र लगता था, लेकिन अंदर गुनाहों और छिपी इच्छाओं से भरा हुआ था। चर्च में कई नन्स थीं, जो इबादत में लिपटी हुई थीं, लेकिन उनके दिलों में गुप्त इच्छाएं दबी हुई थीं। इनमें से एक नन, सिस्टर फर्नांडा, एक दिन अपने गधे को जंगल में खोजने गई। जब वह वापस आई, तो चर्च की दूसरी नन, सिस्टर जिन्यूरा, ने उससे पूछा कि वह रात को कहाँ थी।

फर्नांडा ने कहा, “गधा भाग गया था, उसे ढूंढने गई थी।” जिन्यूरा को शक हुआ, लेकिन उसने कुछ नहीं कहा। चर्च में सभी नन्स इकट्ठा हुईं, और सुपीरियर सिस्टर मरिया ने फर्नांडा से फिर वही सवाल पूछा। फर्नांडा ने वही जवाब दिया, लेकिन मरिया के चेहरे पर शक के आसार थे।

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एक दिन, सिस्टर जिन्यूरा ने चर्च की पुरानी लाइब्रेरी में एक रहस्यमयी किताब खोली। उसमें जादुई विधियों का जिक्र था। उसे पढ़कर उसके मन में कुछ ख्याल आने लगे। उसी समय, सिस्टर एलिसांद्रा अपने पिता से मिलने गई, जो उसकी शादी के लिए अच्छे रिश्ते की तलाश में थे। लेकिन एलिसांद्रा को आजादी की ख्वाहिश थी।

चर्च के माली, मासीटो, ने भी एक रात राजा की पत्नी के साथ गुनाह किया था। राजा को जब इस बात का पता चला, तो उसने मासीटो को मारने का हुक्म दिया। मासीटो किसी तरह जान बचाकर चर्च में छिप गया। चर्च में उसे गूंगा और बहरा बनने का ढोंग करना पड़ा, ताकि नन्स को शक न हो।

मासीटो ने धीरे-धीरे चर्च की नन्स के बीच अपनी जगह बना ली। लेकिन एक दिन, फर्नांडा और उसकी दोस्त मार्टा ने एक जड़ी बूटी के बारे में सुना, जिससे किसी भी मर्द को अपनी ओर खींचा जा सकता था। फर्नांडा ने उस जड़ी बूटी का प्रयोग करने का फैसला किया।

फर्नांडा और मार्टा ने जड़ी बूटी उबाली और फर्नांडा ने उसे अपनी आंखों में डाल लिया। उसके बाद, फर्नांडा मासीटो के पास गई और उसके साथ गुनाह कर बैठी। यह सब देखकर जिन्यूरा को शक हुआ और उसने फर्नांडा पर नजर रखना शुरू कर दिया।

एक रात, फर्नांडा ने मासीटो को चाकू दिखाया और कहा, “अब तुम्हें सजा मिलेगी।” लेकिन एलिसांद्रा ने उसे बचाने की कोशिश की। तभी जिन्यूरा भी आ गई और उसने फर्नांडा को रोकने की कोशिश की। फर्नांडा ने मासीटो को जंगल में ले जाने का फैसला किया, जहां एक खतरनाक बलिदान की तैयारी थी।

जंगल में, एक खुला मैदान था, जहां कई औरतें आधे बदन में मंत्र पढ़ते हुए नाच रही थीं। मासीटो डर गया और चिल्लाने लगा, “मुझे छोड़ दो!” यह सुनकर सभी औरतें चौंकीं। तभी जिन्यूरा ने भी अपनी शक्ति को महसूस किया और नाचने लगी।

इस मंजर ने सबको घबरा दिया। फर्नांडा ने मासीटो को छोड़ने का फैसला किया और उसे आजाद कर दिया। लेकिन जिन्यूरा ने मार्टा को धक्का देकर गिरा दिया। इस सबके बीच, चर्च की घंटी बजी और सभी ने समझा कि अब कुछ बड़ा होने वाला है।

अगले दिन, चर्च में एक विशेष दिन था। बिशप का मुआयना होने वाला था। चर्च के दरवाजे खुले और फादर तो मासो बाहर आए। उन्होंने देखा कि चर्च में सब कुछ ठीक नहीं है। फर्नांडा ने कहा, “यह सब झूठ है।” लेकिन जिन्यूरा ने सच बोलने की कोशिश की।

फादर बिशप ने सबको माफ किया, लेकिन मासीटो को एक मर्दाना आश्रम भेज दिया गया, जहां उसे अपने गुनाहों की सजा भुगतनी थी। मासीटो को फिर से लॉर्ड ब्रूनो के हवाले कर दिया गया, जिसने उसे कैद कर लिया।

लेकिन चर्च की नन्स ने मिलकर मासीटो को बचाने का फैसला किया। उन्होंने एक योजना बनाई और मासीटो की जगह एक पुतला बांध दिया। फिर वह उसे बचाने के लिए जंगल की ओर भाग निकलीं।

इस तरह, चर्च ने गुनाह, इश्क और माफी के कई रंग देखे। अंत में, मासीटो को आजाद कर दिया गया। यह कहानी इस बात का सबूत है कि सच्चाई और प्रेम हमेशा जीतते हैं, चाहे परिस्थितियाँ कितनी भी कठिन क्यों न हों।