जिस टैक्सी में बैठी || करोड़पति महिला उसका ड्राइवर निकला उसी का गरीब पति
करोड़पति और टैक्सी ड्राइवर: प्यार का पुनर्जन्म
भाग 1: खुशहाल जीवन और अनजाना मोड़
उत्तर प्रदेश के लखनऊ शहर में अमित और नेहा नामक एक विवाहित जोड़ा रहता था। उनकी शादी को लगभग दो साल हुए थे, और उनका जीवन प्रेम और खुशियों से भरा था। अमित ने अपनी मेहनत के दम पर एक सफल व्यवसाय खड़ा किया था, जिससे उन्हें किसी चीज़ की कमी नहीं थी। वे दोनों बचपन से अनाथ थे और एक ही अनाथालय में पले-बढ़े थे, इसलिए उनका बंधन और भी गहरा था। उन्होंने प्रेम विवाह किया था और वे एक-दूसरे के लिए ही बने थे।
लेकिन शादी के दो साल बाद, अमित का व्यापारिक जीवन इतना व्यस्त होने लगा कि उसका स्वभाव बदल गया। वह चिड़चिड़ा रहने लगा और बेवजह नेहा पर चिल्लाने लगता था। नेहा उसे बार-बार समझाती कि उन्हें पैसों की परवाह किए बिना आराम से जीवन बिताना चाहिए, लेकिन अमित उसकी बातों को नज़रअंदाज़ करता रहा। एक रात, काम से लौटकर अमित ने नेहा पर बेमतलब चिल्लाना शुरू कर दिया और अचानक कह दिया कि वह अब उसके साथ नहीं रह सकता और तलाक चाहता है।
नेहा हक्का-बक्का रह गई। उसने कुछ ऐसा नहीं किया था कि अमित उससे इतनी नफ़रत करने लगे। जब उसने कारण पूछा, तो अमित ने सिर्फ़ इतना कहा कि उसे उसके साथ नहीं रहना। जब नेहा ने मनाने की कोशिश की, तो अमित का गुस्सा और भड़क गया और उसने पहली बार नेहा पर हाथ उठा दिया। नेहा के लिए यह असहनीय था। आहत होकर, उसने अमित से कहा कि वह उसका घर छोड़कर जा रही है। अमित ने भी बेपरवाही से कहा, “तुम जा सकती हो।”
नेहा वापस उसी अनाथ आश्रम लौट गई जहाँ वह बड़ी हुई थी। कुछ ही दिनों में, अमित ने तलाक का नोटिस अनाथ आश्रम भेज दिया। नेहा पूरी तरह टूट गई। उसे उम्मीद थी कि अमित मनाने आएगा, पर उसने तो रिश्ता ही ख़त्म कर दिया। आँखों में आँसू लिए, नेहा ने भी उस रिश्ते को ख़त्म करने का फ़ैसला कर लिया, जो अब सिर्फ़ दर्द दे रहा था। कुछ ही दिनों में उनका तलाक फ़ाइनल हो गया। नेहा को एलिमनी (गुजारा भत्ता) के रूप में कुछ पैसे मिले, और वह अपनी नई, अकेली ज़िंदगी में आगे बढ़ गई।
भाग 2: नेहा का साम्राज्य और 7 साल का अंतराल
शुरुआत में नेहा बहुत परेशान थी। उसने अपने और अमित के खुशनुमा पलों को याद किया और सोचा कि उनकी खुशियों को किसकी नज़र लग गई। लेकिन कुछ दिनों बाद, उसने खुद को संभाला। उसने सोचा कि जीवन जीना है तो अपने पैरों पर खड़ा होना होगा, क्योंकि उसका दोबारा शादी करने का कोई मन नहीं था।
नेहा ने एलिमनी में मिले पैसों से एक छोटी सी कॉस्मेटिक वर्कशॉप शुरू की। उसकी लगन और मेहनत रंग लाई। धीरे-धीरे उसका काम बढ़ने लगा। सात साल के भीतर, नेहा अपने व्यवसाय में पूरी तरह पारंगत हो गई। उसने अपना खुद का कॉस्मेटिक ब्रांड लॉन्च किया, जो तेज़ी से आसमान छूने लगा।
सात साल बाद, नेहा एक करोड़पति महिला बन चुकी थी। उसके पास लखनऊ शहर में अपना आलीशान बंगला था। उसकी अपनी गाड़ी थी, जिसे वह ख़ुद ड्राइव करती थी, और उसका व्यवसाय बिना किसी पार्टनर के चल रहा था। उसकी सारी कमाई उसी के पास आती थी।
भाग 3: एक टैक्सी में अप्रत्याशित मुलाक़ात
एक दिन नेहा को दिल्ली में एक बेहद ज़रूरी मीटिंग के लिए जाना था। उसने अपने ड्राइवर राहुल को बुलाया ताकि वह उसे एयरपोर्ट छोड़ दे और गाड़ी घर वापस ले जाए। रास्ते में, नेहा ने सोचा कि वह दिल्ली में दो-तीन दिन घूमना चाहती है, इसलिए अपनी गाड़ी को एयरपोर्ट की पार्किंग में छोड़ना सही नहीं होगा।
एक चौराहे पर नेहा ने राहुल को गाड़ी रोककर किसी टैक्सी में उसे बिठाने के लिए कहा। राहुल ने उसकी बात मानी और टैक्सी को हाथ देने लगा। नेहा अपनी लग्ज़री गाड़ी के अंदर बैठी थी, जबकि राहुल बाहर टैक्सी ढूँढ रहा था।
तभी एक टैक्सी आकर रुकी। राहुल ने ड्राइवर से एयरपोर्ट तक का किराया तय किया और नेहा को बुलाया। नेहा गाड़ी से उतरकर टैक्सी में बैठ गई। टैक्सी चलने लगी।
जैसे ही टैक्सी थोड़ी आगे निकली, ड्राइवर की नज़रें रियर-व्यू शीशे से नेहा पर पड़ीं। नेहा ने भी देखा कि ड्राइवर उसे बार-बार देख रहा है। दोनों की नज़रें मिलीं, और वे एक-दूसरे को पहचान गए।
टैक्सी का ड्राइवर कोई और नहीं, नेहा का तलाकशुदा पति अमित था।
दोनों एक-दूसरे को देखते रहे और सात साल पुरानी यादों में खो गए। एक करोड़पति मालकिन और एक टैक्सी ड्राइवर—कितना बड़ा विरोधाभास था! एयरपोर्ट ज़्यादा दूर नहीं था, और यह सफ़र सोचते-सोचते पूरा हो गया।
भाग 4: कल की मुलाक़ात का वादा
एयरपोर्ट आते ही अमित ने टैक्सी रोक दी। नेहा टैक्सी से उतरी और सीधे ड्राइवर की खिड़की के पास गई।
अपने पुराने प्यार को इस हाल में देखकर नेहा अंदर तक हिल गई थी। उसने अमित से कहा, “कल मुझे शाम के समय इसी जगह पर मिलना। शाम की फ़्लाइट से मैं यहीं पर आऊँगी। मुझे तुमसे कुछ ज़रूरी बात करनी है।”
अमित ने थोड़ी देर सोचा, उसकी आँखों में पछतावे के आँसू तैर आए, लेकिन उसने हामी भर दी, “ठीक है।”
नेहा फ़्लाइट पकड़कर दिल्ली चली गई। रास्ते भर अमित टैक्सी चलाता रहा, पर उसका मन नेहा के ख्यालों में उलझा रहा। नेहा को उसके टैक्सी चलाने का कारण समझ नहीं आ रहा था, क्योंकि उसका बिज़नेस बहुत अच्छा था। नेहा ने दिल्ली में अपनी घूमने की योजनाएँ तुरंत रद्द कर दीं, क्योंकि उसे अब अमित से मिलना सबसे ज़्यादा ज़रूरी लग रहा था। उसकी मीटिंग तो खत्म हो गई, पर उसका दिमाग अमित की हालत पर ही टिका रहा।
भाग 5: सच्चाई का खुलासा
अगले दिन शाम को, नेहा फ्लाइट से लौटी और एयरपोर्ट के बाहर अमित को ढूँढने लगी। अमित वहीं खड़ा था, लेकिन मुँह फेरकर सिगरेट पी रहा था। जब उसने नेहा को अपनी ओर आते देखा, तो उसने तुरंत सिगरेट बुझा दी और पैर से मसल दिया, मानो उसने कुछ किया ही न हो। नेहा को यह देखकर उनकी पुरानी याद आ गई कि कैसे अमित घाटे की टेंशन में चोरी-छिपे सिगरेट पीता था और बदबू छुपाने की कोशिश करता था। नेहा तब भी उसकी सभी हरकतों को अनदेखा कर खुश रहती थी।
नेहा अमित के पास पहुँची। दोनों चुपचाप खड़े रहे। कुछ देर बाद, नेहा ने टैक्सी पर हाथ रखते हुए हिम्मत की और पूछा, “यह सब कुछ कितने दिनों से चल रहा है?”
अमित ने नज़रें झुकाकर कहा, “पिछले दो साल से मैं टैक्सी चला रहा हूँ।”
नेहा ने पूछा, “क्यों? तुम्हारे पास तो ढेर सारा रुपया-पैसा था… या शायद उसी पैसे के घमंड में तुमने मुझे तलाक दिया था?”
अमित मुस्कुराया, पर उसकी मुस्कान में दर्द था। उसने कहा, “बताओ, तुमने मुझे यहाँ क्यों बुलाया?”
नेहा ने कहा, “तलाक के बाद से एक बात मेरी समझ में नहीं आई। हम दोनों के बीच इतना गहरा प्यार था, फिर भी इतनी दूरियाँ क्यों आईं? क्या नाराज़गी थी?”
अमित चुप रहा, फिर नेहा के बार-बार पूछने पर, यह सोचकर कि 7 साल बाद अब वह सच बता सकता है, उसने खुलासा करने का फ़ैसला किया।
भाग 6: प्रेम का सबसे बड़ा बलिदान
अमित ने बताना शुरू किया, “नेहा, दरअसल उस समय जब मेरा बिज़नेस अच्छी तरह से चल रहा था, तो मैंने कुछ ऐसे पार्टनर बनाए थे। जल्द ही मुझे पता चला कि वे सभी पार्टनर मिलकर मेरी कंपनियों को हड़पने की साजिश कर रहे हैं। मुझे बेचैनी होने लगी क्योंकि मुझे मालूम था कि मैं जल्द ही सड़क पर आ जाऊँगा।”
उसने आगे कहा, “जब मैं उस दिन गुस्से में घर आया और तुम मुझसे बात कर रही थीं, तो मेरा गुस्सा उन पार्टनरों पर था, और वह तुम पर निकल गया। जब तुम नाराज़ होकर कमरे में गईं, तो मैं तुम्हें मनाने आ रहा था, लेकिन तभी मेरे दिमाग में ख्याल आया कि अगर मैंने तुम्हें अभी सच बताया, तो तुम मेरा साथ देने के लिए मेरे साथ गरीबी में रहोगी। और मैं नहीं चाहता था कि तुम वह गरीबी देखो, जिससे हम दोनों पहले जूझ चुके थे।”
अमित ने आँखें पोंछते हुए कहा, “इसी वजह से मैंने धीरे-धीरे तुमसे दूरियाँ बढ़ानी शुरू कीं। अगर मैं सीधे कहता कि मैं कंगाल होने वाला हूँ, तो तुम कभी नहीं मानती। इसलिए मैंने तुम्हें धमकाया, हाथ उठाया और बुरा बनकर तुम्हें तलाक दे दिया, ताकि तुम एक बेहतर जीवन जी सको।”
यह सुनकर नेहा की आँखों से झरझर आँसू बहने लगे। उसे एहसास हुआ कि जिस घमंड और क्रूरता को वह समझ रही थी, वह वास्तव में अमित का सबसे बड़ा त्याग था।
भाग 7: प्रेम का पुनर्मिलन
अमित ने कहा, “अच्छा हुआ तुमने मुझे उस समय तलाक दे दिया, वरना तुम भी मेरी तरह धक्के खाती। पार्टनरों ने सब कुछ कर लिया। अब तुम खुश रहो।”
नेहा ने बहते आँसू पोंछे और कहा, “अमित, तुमने हमारे प्यार को इतना कमज़ोर क्यों समझा? मैं तुम्हें अपनी रग-रग में बसाए बैठी हूँ। तुम्हारे लिए ना तो मैंने आज तक शादी की है और न ही कभी ऐसा ख़्याल मेरे दिमाग में आया है।”
उसने अपने करोड़पति होने की सच्चाई बताई। “अब अगर ऐसी बात है, तो कोई बात नहीं। अब रुपए-पैसे मेरे पास हैं। मैं अब भी करोड़पतियों की ज़िंदगी जिया करती हूँ। मेरे पास अपना बंगला है। तुम ऐसा करो, मेरे साथ चलो। तुम्हें अब टैक्सी चलाने की बिल्कुल भी ज़रूरत नहीं है।”
अमित की आँखें फटी रह गईं। उसने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि नेहा इतनी सफल हो चुकी होगी।
अमित, नेहा के साथ उसके बंगले पर गया और उसका आलीशान साम्राज्य देखकर हैरान रह गया। अब नेहा का कोई पार्टनर नहीं था, और उसकी सारी कमाई उसी के पास आती थी। नेहा और अमित ने अच्छी तरह से रहने का फ़ैसला किया और दोबारा शादी कर ली।
आज के समय में, अमित और नेहा के दो बच्चे हैं। वे दोनों मिलकर उन्हीं कंपनियों को चलाते हैं, जिन्हें नेहा ने खड़ा किया था, और वे हमेशा के लिए ख़ुशी-ख़ुशी अपना जीवन व्यतीत कर रहे हैं।
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