प्यार के चक्कर में पति को छोड़ी…. लेकिन फिर जो हुआ , इंसानियत रो पड़ी

एक गलत फैसला – प्यार, विश्वास और पछतावे की कहानी
सूरज की पहली किरणें जब शहर की गलियों में बिखरतीं, तो राज और मीरा का घर जैसे जाग उठता। राज सरकारी स्कूल का टीचर था, सुबह-सुबह उठकर चाय बनाता और मीरा को जगाने के लिए उसके कंधे पर हल्के से हाथ रखता। “उठो मेरी रानी,” वो मुस्कुराते हुए कहता। मीरा, जो शहर के एक बड़े बैंक में क्लर्क थी, नींद भरी आंखों से उठती और कहती, “तुम्हारे बिना यह सुबह अधूरी लगती है।”
दोनों की शादी को अभी दो साल ही हुए थे, लेकिन उनका प्यार ऐसा था मानो वे हमेशा से एक-दूसरे के लिए बने हों। राज का स्कूल शहर के बाहरी इलाके में था जहाँ वो गरीब बच्चों को पढ़ाता। उसकी सैलरी ज्यादा नहीं थी, लेकिन मीरा की बैंक जॉब से घर चलता था। वे एक छोटे से मकान में रहते थे। शाम को जब दोनों घर लौटते, तो साथ में खाना बनाते, हँसते-बोलते। राज मीरा को कविताएँ सुनाता और मीरा उसके लिए स्पेशल डिश बनाती।
“तुम मेरी ज़िंदगी हो,” राज कहता।
“और तुम मेरी दुनिया,” मीरा जवाब देती।
उनका जीवन सादा था, लेकिन प्यार से भरा। कोई झगड़ा नहीं, कोई शिकायत नहीं – बस एक-दूसरे के लिए जीना।
नया किरायेदार – विक्रम का आगमन
मीरा की बैंक ब्रांच शहर के व्यस्त बाजार में थी। वहाँ का माहौल हमेशा भागदौड़ भरा रहता था। मीरा अपनी मेहनत और मुस्कान से सबकी चहेती थी। उसके सहकर्मी उसे ‘स्माइलिंग मीरा’ कहते थे। लेकिन घर पर वह सिर्फ राज की मीरा थी।
एक दिन मीरा की ब्रांच में नया ट्रांसफर हुआ – नाम था विक्रम। वह युवा, आकर्षक और दूसरे शहर से आया था। उम्र करीब 28 साल। उसे शहर में रहने की जगह चाहिए थी। पहले ही दिन उसने मीरा से पूछा, “मैम, कोई अच्छा रूम जानती हैं? किराया ज्यादा न हो।”
मीरा ने मुस्कुरा कर कहा, “मेरे मकान में ही एक रूम खाली है। ऊपर वाला कमरा, अगर चाहो तो किराए पर ले लो।”
विक्रम खुश हो गया। “वाह, यह तो अच्छा हुआ। मैं देख लूंगा।”
शाम को मीरा ने राज को बताया।
“आज ब्रांच में नया लड़का आया है, विक्रम। रहने की जगह ढूंढ रहा था। मैंने ऊपर वाले रूम के बारे में बता दिया। ठीक है ना?”
राज ने सोचा, “क्यों नहीं? अगर सही आदमी है तो कोई दिक्कत नहीं। लेकिन ध्यान रखना, अकेली मत जाना उसके साथ।”
मीरा ने हँसकर कहा, “अरे, वो सभ्य लगता है। वैसे भी मैं उसके साथ बैंक जा सकती हूँ, हमारा रास्ता एक ही है।”
राज थोड़ा हिचकिचाया, लेकिन मीरा के चेहरे पर विश्वास देखकर मान गया।
बढ़ती नजदीकियाँ
विक्रम मकान देखने आया, कमरा पसंद आया और किराएदार बन गया। अब घर में तीन लोग थे – राज, मीरा और ऊपर विक्रम। शुरू में सब सामान्य था। विक्रम सुबह मीरा के साथ बैंक जाता, शाम को लौटता। राज को कोई शक नहीं था। विक्रम राज से भी बातें करता – “सर, आप टीचर हैं, बड़ा अच्छा काम है।”
धीरे-धीरे मीरा और विक्रम की नजदीकियाँ बढ़ने लगीं। साथ जाना, साथ लौटना, ब्रांच में साथ काम करना – ये सब एक रूटीन बन गया। समय बीतता गया। मीरा और विक्रम का साथ अब रोज का रूटीन बन चुका था। सुबह दोनों एक साथ निकलते मीरा की स्कूटी पर। विक्रम पीछे बैठता और रास्ते में हल्की-फुल्की बातें होतीं।
शुरू में बातें सिर्फ काम तक सीमित थीं – बैंक की पॉलिसी, ग्राहकों की शिकायतें, बॉस का व्यवहार। लेकिन धीरे-धीरे बातें पर्सनल होने लगीं। विक्रम अपनी पुरानी जिंदगी के बारे में बताता – “यहाँ अकेले हूँ, थोड़ा अजीब लगता है।”
मीरा जवाब देती, “अकेलापन तो मुझे भी कभी-कभी महसूस होता है। राज बहुत अच्छा है, लेकिन शायद कुछ मिसिंग है।”
उस ‘मिसिंग’ शब्द में कुछ था, जो विक्रम की आँखों में चमक ला देता था।
दोस्ती से आगे…
रास्ते का नाश्ता अब आम हो गया था।
एक सुबह दोनों ढाबे पर रुके।
“तुम तो खाने के बहुत शौकीन लगते हो,” मीरा ने हँसते हुए कहा।
विक्रम ने चाय और समोसे ऑर्डर किए।
“तुम्हारी स्माइल मीरा, सचमुच कमाल है,” विक्रम ने कहा।
मीरा ने शर्माकर नजरें नीचे की, लेकिन मन ही मन खुश हुई।
कुछ दिन बाद विक्रम ने मीरा को एक चांदी का ब्रेसलेट गिफ्ट किया – “यह तुम्हारे लिए।”
मीरा चौक गई, “विक्रम, यह क्या?”
“बस यूँ ही, तुम हर दिन मेरे साथ वक्त बिताती हो, कुछ तो स्पेशल देना बनता है।”
मीरा ने ब्रेसलेट पहना, उसकी कलाई पर वह चमक रहा था।
उस रात मीरा ने ब्रेसलेट देर तक देखा। उसका मन बेचैन था। विक्रम की बातें, उसकी हँसी, उसका ध्यान – सब कुछ उसे खींच रहा था।
प्यार का धोखा
धीरे-धीरे फोन पर देर रात बातें होने लगीं। मीरा राज से झूठ बोलने लगी – “आज मीटिंग है, लेट हो जाऊँगी।”
राज भरोसा करता।
एक दिन विक्रम ने मीरा का हाथ पकड़ा – “मीरा, मैं तुम्हें सचमुच पसंद करने लगा हूँ।”
मीरा ने हाथ छुड़ाने की कोशिश की, “विक्रम, मैं शादीशुदा हूँ। यह गलत है।”
विक्रम ने कहा, “प्यार गलत नहीं देखता।”
मीरा उस रात सो नहीं पाई।
विक्रम का साथ, उसका जुनून – मीरा को एक नई दुनिया में ले जा रहा था।
समय बीतता गया और मीरा का मन अब पूरी तरह विक्रम की ओर झुक चुका था। वो राज के साथ रहती थी, लेकिन विचारों में विक्रम छाया रहता। राज को अभी भी कोई शक नहीं था। वह मीरा से इतना प्यार करता था कि उसकी हर बात पर आंख बंद करके विश्वास कर लेता।
एक गलत फैसला
एक शाम मीरा ने राज से कहा, “राज, तुम मुझसे कितना प्यार करते हो?”
राज ने मुस्कुराकर जवाब दिया, “जितना समंदर गहरा है, उससे ज्यादा।”
मीरा ने पर्स से एक सादा कागज निकाला – “देखो, बैंक में कुछ काम है, एक एग्रीमेंट पेपर पर साइन करके दो ना। बाद में मैं डिटेल्स भर दूँगी, बस फॉर्मेलिटी है।”
राज ने बिना पढ़े साइन कर दिया।
अगले दिन जब राज स्कूल चला गया, मीरा ने उस सादे पेपर पर लिखा – “मैं मीरा, राज से पूर्ण सहमति से अलग हो रही हूँ। मैंने अपनी मर्जी से विक्रम के साथ नई जिंदगी शुरू करने का फैसला किया है। राज की कोई आपत्ति नहीं है।” उसने अपनी तरफ से भी साइन किया और कागज संभाल लिया।
अब यह एक सहमति पत्र बन चुका था, जो कानूनी रूप से राज को बाँध देता था।
टूटता घर
कुछ दिनों बाद मीरा ने अपना फैसला सुना दिया – “राज, मैं जा रही हूँ। विक्रम से प्यार हो गया है मुझे। हम साथ रहेंगे।”
राज स्तब्ध रह गया। “क्या कह रही हो मीरा? यह मजाक है ना?”
मीरा ने ठंडी आवाज में कहा, “नहीं राज, सच्चाई है। मैं खुश नहीं हूँ तुम्हारे साथ। विक्रम मुझे वह खुशी देता है जो तुम नहीं दे सके।”
राज रोया, गिड़गिड़ाया, “मीरा, प्लीज मत जाओ। मैं मर जाऊँगा तुम्हारे बिना।”
लेकिन मीरा का मन पक्का था। उसने सामान पैक किया और विक्रम के साथ चली गई। वे एक नए फ्लैट में शिफ्ट हो गए।
राज अकेला रह गया। घर सूना हो गया। वह स्कूल जाता, लेकिन मन नहीं लगता। रातें काटना मुश्किल था। मीरा की यादें सतातीं।
कानून और धोखा
परिवार ने कहा, “कोर्ट जाओ, डिवोर्स फाइल करो।”
राज ने वकील से संपर्क किया। लेकिन जब मीरा को पता चला, उसने वह एग्रीमेंट पेपर दिखाया – “देखो, राज ने खुद साइन किया है।”
वकील ने कहा, “यह ब्लैंक पेपर पर साइन किया था, मीरा ने बाद में लिखा, लेकिन कानूनी रूप से वैलिड है।”
राज टूट गया। सोचता – मेरा प्यार ही मेरी सजा बन गया। मीरा ने मेरे विश्वास का फायदा उठाया।
विक्रम का असली चेहरा
छह महीने बीते। मीरा और विक्रम का रिश्ता मजबूत लगता था। लेकिन विक्रम का ट्रांसफर हो गया दूसरे शहर में। एक शाम विक्रम ने मीरा से कहा, “मेरा ट्रांसफर हो गया है, चिंता मत करो, हम साथ रहेंगे।”
मीरा खुश थी। लेकिन कुछ दिन बाद विक्रम ने अपना मोबाइल नंबर बदल दिया। मीरा ने कॉल की – नंबर बंद। सोशल मीडिया पर ब्लॉक। सभी तरह का संपर्क खत्म।
मीरा हैरान रह गई। दिन बीतते गए, कोई जवाब नहीं आया। वह रोती, परेशान होती – “विक्रम, तुमने वादा किया था।”
अब मीरा पूरी तरह टूट चुकी थी। विक्रम का धोखा, राज के धोखे से भी बड़ा लगता। जीवन अंधेरे में डूब गया। बैंक में वह चुपचाप काम करती, लेकिन मन कहीं और होता।
हादसा और पछतावा
एक शाम मीरा बैंक से लौट रही थी। उसकी स्कूटी धीमे चल रही थी। तभी एक तेज रफ्तार बाइक ने उसे टक्कर मार दी। मीरा सड़क पर गिर पड़ी। सिर और हाथ घायल हो गए।
राहगीरों ने घेर लिया, लेकिन कोई मदद को आगे नहीं आया। उसी समय राज स्कूल से लौट रहा था। उसने भीड़ देखी और पास गया। मीरा को खून से लथपथ देखकर उसका दिल काँप गया।
“मीरा!” वह चिल्लाया।
राज ने मीरा को सावधानी से उठाया, ऑटो रिक्शा रोका और अस्पताल ले गया। डॉक्टरों ने इलाज शुरू किया। सिर पर चोट थी, हाथ में फ्रैक्चर। राज पूरी रात अस्पताल में रहा, मीरा की देखभाल करता रहा।
कुछ दिन बाद मीरा ठीक हो गई। उसका हाथ प्लास्टर में था, लेकिन चल फिर सकती थी।
अंतिम सामना
एक रात मीरा राज के फ्लैट पर गई। राज दरवाजे पर उसे देखकर चौंक गया।
“मीरा, तुम यहाँ?”
मीरा की आँखें नम थीं। “राज, मैं तुमसे मिलने आई हूँ। थैंक यू, उस दिन तुमने मेरी जान बचाई।”
राज ने ठंडे स्वर में कहा, “कोई बात नहीं। तुम ठीक हो, बस यही काफी है।”
मीरा अंदर आई, सोफे पर बैठ गई। उसकी आँखों से आँसू बहने लगे।
“राज, मैंने तुम्हारे साथ बहुत गलत किया। मैं विक्रम के साथ चली गई, तुम्हारा दिल तोड़ा। लेकिन उसने मुझे धोखा दिया। मैं अब समझ गई हूँ कि तुम कितने अच्छे थे। मैं पछता रही हूँ, राज। मुझे माफ कर दो। मुझे एक मौका दो। मैं अपनी गलती सुधारना चाहती हूँ। तुम्हारे साथ फिर से जिंदगी शुरू करना चाहती हूँ।”
राज चुप रहा। उसकी आँखें भी नम थीं, लेकिन चेहरे पर एक ठंडक थी।
“मीरा, तुम्हें देखकर दुख होता है। मैंने तुमसे बहुत प्यार किया था। तुम मेरी दुनिया थी। लेकिन तुमने मेरा विश्वास तोड़ा। वो सादा पेपर… तुम्हारा धोखा… विक्रम के साथ जाना… मैं हर रात रोया हूँ। अब मेरा दिल टूट चुका है। मैं तुम्हें माफ तो कर सकता हूँ, लेकिन साथ रहना… नहीं, यह मुमकिन नहीं।”
मीरा ने रोते हुए कहा, “राज, प्लीज मुझे एक बार गलती सुधारने का मौका दो। मैं बदल गई हूँ।”
राज ने सिर हिलाया, “कुछ चीजें वापस नहीं आतीं। तुमने जो किया, उसने मुझे बदल दिया। मैं अब पहले वाला राज नहीं हूँ। तुम जाओ, अपनी जिंदगी बनाओ, लेकिन मेरे साथ नहीं।”
मीरा उदास होकर लौट गई। वह टूटी हुई थी, पछतावे से भरी। उसने सोचा था कि राज उसे माफ कर लेगा, लेकिन राज का इंकार उसे और गहरे अंधेरे में ले गया।
वो अपने फ्लैट में लौटी और रात भर रोती रही।
“मैंने सब खो दिया,” वो खुद से कहती।
“जिंदगी एक मौका है, संभाल कर जियो। गलत कदम का पछतावा कभी ना भूलने का दर्द दे जाता है।”
कहानी की सीख
इस कहानी से यह सीख मिलती है कि प्यार और विश्वास सबसे कीमती होते हैं। एक गलत फैसला, एक छल, एक धोखा – सब कुछ तबाह कर सकता है। रिश्ते की नींव भरोसे पर होती है, उसे कभी मत तोड़िए।
अगर इस कहानी ने आपके दिल को छू लिया हो, तो इसे शेयर करें और बताएं आपको सबसे बड़ा सबक क्या लगा।
स्टोरी बाय गणपत
अगर आपको यह कहानी पसंद आई, तो चैनल को लाइक, सब्सक्राइब करें और कमेंट में अपना और अपने शहर का नाम जरूर लिखें।
फिर मिलेंगे एक नई दिल को छू लेने वाली कहानी के साथ।
खुश रहिए, स्वस्थ रहिए, और अपने माता-पिता को समय दीजिए।
जय हिंद, जय भारत!
News
एक बेघर लड़की एक घायल और भूलने की बीमारी से पीड़ित अरबपति को बचाती है – आगे क्या होता है? …
एक बेघर लड़की एक घायल और भूलने की बीमारी से पीड़ित अरबपति को बचाती है – आगे क्या होता है?…
छोटी सी गलती पर गरीब रसोइये को ढाबे से निकाला, उसके जाने के बाद उसका सच पता चला फिर जो हुआ
छोटी सी गलती पर गरीब रसोइये को ढाबे से निकाला, उसके जाने के बाद उसका सच पता चला फिर जो…
गरीब वेटर ने बिना पैसे के बुजुर्ग को खाना खिलायाहोटल से निकाला, लेकिन अगले दिन जो हुआ
गरीब वेटर ने बिना पैसे के बुजुर्ग को खाना खिलायाहोटल से निकाला, लेकिन अगले दिन जो हुआ रामू की कहानी:…
बुजुर्ग महिला घंटों तक लिफ्ट में फंसी रहीं लेकिन किसी ने मदद नहीं की। फिर जैसे ही दरवाज़ा
बुजुर्ग महिला घंटों तक लिफ्ट में फंसी रहीं लेकिन किसी ने मदद नहीं की। फिर जैसे ही दरवाज़ा “लिफ्ट में…
फुटपाथ पर सोते बुजुर्ग को गार्ड ने लात मारी लेकिन अगले दिन राष्ट्रपति की गाड़ी वहीं रुकी
फुटपाथ पर सोते बुजुर्ग को गार्ड ने लात मारी लेकिन अगले दिन राष्ट्रपति की गाड़ी वहीं रुकी “फुटपाथ का नायक”…
गलती से करोड़पति के घर में घुस गई एक भूखी बच्ची, फिर अंदर जो हुआ उसने पूरी दुनिया को हिला दिया!
गलती से करोड़पति के घर में घुस गई एक भूखी बच्ची, फिर अंदर जो हुआ उसने पूरी दुनिया को हिला…
End of content
No more pages to load






