महिला पूजा करने मंदिर गई और हो गया बड़ा हादसा/पुलिस भी दंग रह गई/

अंधविश्वास, लालच और इंसाफ – रायपुर गांव की सच्ची सीख

आज मैं आपको एक ऐसी घटना सुनाने जा रहा हूँ जो उत्तर प्रदेश के बरेली जिले के रायपुर गांव में घटी। यह कहानी सिर्फ एक परिवार की नहीं, बल्कि हमारे समाज के उन पहलुओं की है जिन्हें अक्सर हम नजरअंदाज कर देते हैं – अंधविश्वास, लालच और महिलाओं की असुरक्षा।

शुरुआत: एक परिवार की चिंता

रायपुर गांव में सोहन सिंह नाम के व्यक्ति का खूब दबदबा था। वह कई साल पहले गांव का सरपंच भी रह चुका था। सरपंच रहते हुए उसने अपनी हैसियत और पैसे दोनों खूब बढ़ाए, लेकिन उसका चरित्र बहुत गिरा हुआ था। गरीबों को ब्याज पर पैसे देकर, बाद में उनका शोषण करना, महिलाओं पर बुरी नजर रखना – ये सब उसकी आदत में शामिल था।

सोहन सिंह का एक ही बेटा था – राजेश। चार साल पहले राजेश की शादी रूपा से हो गई थी। शादी के बाद से ही दोनों पति-पत्नी संतान के लिए बहुत परेशान थे। हर मंदिर, हर दरगाह, हर पूजा-पाठ उन्होंने कर डाला, लेकिन किस्मत ने साथ नहीं दिया। दोनों मायूस रहते, लेकिन सबसे ज्यादा चिंता सोहन सिंह को थी – उसे अपने खानदान का वारिस चाहिए था।

डॉक्टर की सच्चाई और घर की कलह

आखिरकार, सोहन सिंह के कहने पर राजेश और रूपा डॉक्टर के पास गए। जांच के बाद डॉक्टर ने बताया कि राजेश कभी पिता नहीं बन सकता, क्योंकि बचपन में उसे गंभीर चोट लगी थी। रूपा पूरी तरह स्वस्थ थी। यह सुनकर राजेश टूट गया, लेकिन घर लौटकर जब उसने यह बात पिताजी को बताई तो सोहन सिंह ने डॉक्टरों को झूठा और रूपा को दोषी ठहराया।

सोहन सिंह रोज रूपा को ताने मारता, “अगर एक साल में बच्चा नहीं हुआ तो बेटे की दूसरी शादी कर दूंगा!” रूपा के मन में डर और निराशा घर कर गई। वह सोचती, “मैंने क्या गलती की है?” लेकिन उसकी सुनने वाला कोई नहीं था।

शोषण की शुरुआत

एक दिन सोहन सिंह ने रूपा को अपने कमरे में बुलाया और कहा, “राजेश कभी बाप नहीं बन सकता, लेकिन तुम्हें मां बनना है तो मेरी बात माननी होगी। आज रात राजेश को नींद की दवा दे दो, फिर मेरे कमरे में आ जाना।”
रूपा ने मना किया, लेकिन सोहन सिंह ने धमकी दी कि अगर उसने ऐसा नहीं किया तो बेटे की दूसरी शादी करा देगा। मजबूरी और डर में डूबी रूपा ने उसकी बात मान ली।

रात को रूपा ने पति को नींद की दवा दी और ससुर के कमरे में चली गई। वहां सोहन सिंह ने सारी हदें पार कर दीं। यह सिलसिला कई दिनों तक चलता रहा। जब राजेश खेत में होता, तब भी सोहन सिंह रूपा को बुला लेता।

बढ़ता अंधविश्वास और नई चाल

कुछ दिन बाद, रूपा की पड़ोसन संजना उसके घर आई। रूपा ने अपनी सारी पीड़ा संजना को बताई। संजना ने सलाह दी कि गांव के मंदिर के पुजारी कपिलनाथ से मिलो – वो जड़ी-बूटियां देते हैं जिससे बच्चा हो जाता है।
रूपा को उम्मीद की एक किरण दिखी। अगले दिन दोनों महिलाएं मंदिर गईं और पुजारी से मिलीं। कपिलनाथ ने पूजा का वादा किया और कहा कि तीन दिन पूजा करनी होगी। रूपा ने संजना के साथ पूजा का प्रबंध किया।

पुजारी की असलियत

पहले दिन कपिलनाथ ने पूजा के दौरान दोनों महिलाओं को प्रसाद दिया, जिसमें नशीला पदार्थ मिला था। दोनों बेहोश हो गईं। कपिलनाथ ने रूपा के साथ गलत काम किया और फिर चला गया।
दूसरे दिन भी वही हुआ – पूजा के बहाने कपिलनाथ ने घर में प्रवेश किया, प्रसाद दिया, महिलाओं को बेहोश किया और रूपा के साथ दुष्कर्म किया।

परिवार की जागरूकता और सच्चाई का खुलासा

तीसरे दिन, राजेश और सोहन सिंह जल्दी खेत से लौट आए। घर का दरवाजा अंदर से बंद था। शक होने पर दोनों ने दरवाजा तोड़ा और अंदर पहुंचे। उन्होंने देखा कि उनकी बहू रूपा बेहोश थी और पुजारी उसके साथ गलत काम कर रहा था। संजना भी बाहर बेहोश पड़ी थी। दोनों ने मिलकर पुजारी की जमकर पिटाई की और फिर पुलिस को बुलाया।

गांव वाले इकट्ठा हो गए। पुलिस ने आकर पुजारी को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में पता चला कि कपिलनाथ पहले भी 18 महिलाओं के साथ ऐसा कर चुका था। पुलिस ने केस दर्ज कर लिया।

रूपा की हिम्मत और इंसाफ

अस्पताल में होश आने के बाद पुलिस ने रूपा से पूछताछ की। रूपा ने पूरी सच्चाई बताई – कि उसका ससुर भी उसके साथ गलत काम करता था। पुलिस ने सोहन सिंह को भी गिरफ्तार कर लिया। दोनों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई शुरू हो गई।

सीख और संदेश

इस घटना ने पूरे गांव को झकझोर दिया।

अंधविश्वास और लालच ने एक परिवार की जिंदगी बर्बाद कर दी।
रूपा की सबसे बड़ी गलती यह थी कि उसने डर और अंधविश्वास में आकर अपनी सुरक्षा को नजरअंदाज किया, लेकिन असली दोषी वे लोग हैं जिन्होंने उसका शोषण किया।
समाज को चाहिए कि वह बेटा-बेटी की चाह में महिलाओं को दोषी न ठहराए, बल्कि सच को स्वीकार करे और महिलाओं की सुरक्षा व सम्मान का ध्यान रखे।

दोस्तों, इस कहानी का मकसद सिर्फ आपको जागरूक करना है – कभी भी अंधविश्वास या दबाव में आकर गलत फैसले न लें। अपनी सुरक्षा और सम्मान सबसे ऊपर रखें। अगर ऐसी कोई परेशानी हो तो कानून और समाज पर भरोसा करें, किसी भी गलत बात को छुपाएं नहीं।

अगर आपको यह कहानी जागरूक करने वाली लगी हो तो शेयर करें, और अपनी राय कमेंट में जरूर लिखें।

जय हिंद।