Bihar Election के बाद Rohini Acharya के साथ Lalu Yadav की बाकी बेटियों ने भी Patna छोड़ा

लालू परिवार में ‘राजनीतिक’ कलह: चुनाव हार के बाद रोहिणी आचार्य के आरोपों पर बवाल, तीन बेटियों ने पटना छोड़ा

 

बिहार विधानसभा चुनाव में आरजेडी की करारी हार के बाद, लालू प्रसाद यादव के परिवार में आंतरिक कलह खुलकर सामने आ गया है। सिंगापुर में रहने वाली लालू की बेटी रोहिणी आचार्य ने सार्वजनिक तौर पर अपने भाई तेजस्वी यादव और उनके करीबी सहयोगियों पर गंभीर आरोप लगाए, जिसके बाद परिवार में दरार पड़ गई है।

रोहिणी आचार्य का विस्फोटक बयान

 

कलह की शुरुआत 15 नवंबर को रोहिणी आचार्य के एक ‘एक्स’ पोस्ट से हुई। उन्होंने पहले तो खुद को परिवार से अलग बताया और फिर मीडिया के सामने तेजस्वी यादव पर गंभीर आरोप लगाए।

रोहिणी आचार्य ने आरोप लगाया कि पार्टी की हार के बाद जब उन्होंने सवाल उठाए, तो उन्हें घर से निकाल दिया गया, बदनाम किया गया, गाली दिलवाई गई, और उन पर चप्पल तक उठाने की कोशिश की गई।

रोहिणी ने अपने बयानों में तेजस्वी के सबसे करीबी माने जाने वाले आरजेडी के राज्यसभा सांसद संजय यादव और सहयोगी रमीस का नाम लिया। इन दोनों को लालू के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव पहले भी “जयचंद” कहकर परिवार में फूट डालने का आरोप लगाते रहे हैं।

रोहिणी का बयान:

“नहीं मेरा कोई परिवार नहीं है। अब ये जा कर के आप संजय, रमीज, तेजस्वी यादव से पूछिए। वही लोग निकाला है हमको परिवार से… जब कार्यकर्ता चाणक्य (तेजस्वी) से सवाल कर रहा है… तो आपको घर-घर से निकाल दिया जाएगा। आपको बदनाम किया जाएगा। आपको गाली दिलवाया जाएगा। आपके ऊपर चप्पल उठा के मारा जाएगा।”

तीन बेटियों ने छोड़ा पटना का घर

 

रोहिणी के आरोपों के बाद, पारिवारिक क्लेश इतना बढ़ गया कि लालू प्रसाद यादव की बाकी तीन बेटियों— राजक्ष्मी, रागिनी, और चंदा यादव— ने नाराजगी में अपने-अपने परिवारों के साथ पटना स्थित आवास छोड़ दिया। 16 नवंबर की शाम को उन्हें पटना एयरपोर्ट पर देखा गया। पीटीआई के अनुसार, लालू की चौथी बेटी हेमा यादव को भी दिल्ली से रवाना होते हुए देखा गया।

सूत्रों के मुताबिक, पिछले दो दिनों से मचे पारिवारिक कलह और रोहिणी के सार्वजनिक आरोपों से नाराज होकर लालू और राबड़ी की इन बेटियों ने घर छोड़ने का फैसला किया।

शिवानंद तिवारी का तेजस्वी पर हमला

 

आरजेडी के वरिष्ठ नेता और पूर्व उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने भी हार के बाद बयान जारी कर तेजस्वी यादव पर हमला बोला। उन्होंने खुलासा किया कि तेजस्वी ने उन्हें उपाध्यक्ष पद से हटा दिया और कार्यकारिणी में भी जगह नहीं दी।

तिवारी ने आरोप लगाया कि वह तेजस्वी को चुनाव परिणाम के खिलाफ सड़कों पर उतरकर संघर्ष करने की सलाह दे रहे थे, लेकिन तेजस्वी “सपनों की दुनिया में मुख्यमंत्री पद की शपथ ले रहा था।” तिवारी ने लालू यादव पर भी निशाना साधते हुए कहा कि वह “धृतराष्ट्र की तरह बेटे के लिए राजसिंहासन को गर्म कर रहे थे।”

चिराग पासवान की प्रतिक्रिया

 

एलजेपी (रामविलास) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने इस पारिवारिक संकट पर संवेदना व्यक्त की।

“क्योंकि जब एक परिवार ऐसी कठिन परिस्थितियों से गुजरता है तो वह किस मानसिक दबाव में रहता है इसका अंदाजा मुझे है क्योंकि मैं भी इस दौर से गुजरा हूं। हम लोगों के राजनीतिक मतभेद जरूर रहे हैं पर मैंने हमेशा आदरणीय लालू जी के परिवार को अपना परिवार माना है। मैंने हमेशा तेजस्वी हूं, तेज हूं, मीदी हो, रोहिणी जी हो सबको मैंने अपने भाई-बहन ही माना है।”

बिहार चुनाव के नतीजे

 

इस पारिवारिक कलह की पृष्ठभूमि में, बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजों में एनडीए को 243 में से 202 सीटों पर जीत मिली है। वहीं, आरजेडी ने 143 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे, लेकिन उसे केवल 25 सीटों पर ही संतोष करना पड़ा। चुनावी हार के बाद अब पारिवारिक फूट और सार्वजनिक आरोप-प्रत्यारोप पार्टी को गहरे संकट में डाल रहे हैं।