तलाक के 7 साल बाद पत्नी बन गई SDM पति उसके ऑफिस के बाहर कुल्फी बेच रहा था

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यह कहानी है रविता की, एक ऐसी लड़की की जिसने अपने जीवन में कई उतार-चढ़ाव देखे। तलाक के बाद उसने न केवल खुद को संभाला, बल्कि एक सफल अधिकारी बनकर साबित किया कि संघर्ष का सामना करके भी जीत हासिल की जा सकती है। आइए जानते हैं उसकी कहानी।

बचपन और परिवार

रविता का जन्म बिहार के एक छोटे से गांव में हुआ था। उसके पिता एक सरकारी टीचर थे और मां गृहिणी। रविता के परिवार में चार बहनें थीं, और उसके पिता चाहते थे कि उनकी सभी बेटियां अच्छी शिक्षा प्राप्त करें और अपने जीवन में सफल हों। रविता ने हमेशा से पढ़ाई में रुचि रखी थी और उसने अपनी कड़ी मेहनत से स्कूल में अच्छे अंक प्राप्त किए।

कॉलेज के दिन

रविता ने अपनी उच्च शिक्षा पटना विश्वविद्यालय से प्राप्त की। वह हमेशा से पढ़ाई में अव्‍वल रही और अपने परिवार की उम्मीदों पर खरा उतरने के लिए मेहनत करती रही। कॉलेज में पढ़ाई के साथ-साथ उसने विभिन्न प्रतियोगिताओं में भाग लिया और कई पुरस्कार भी जीते। उसकी मेहनत के कारण उसे सरकारी नौकरी की तैयारी करने का भी अवसर मिला।

शादी की तैयारी

जब रविता ने अपनी पढ़ाई पूरी की, उसके पिता ने सोचा कि अब उसकी शादी कर देनी चाहिए। उन्होंने वैशाली जिले के एक लड़के, रितिक से उसकी शादी तय कर दी। रितिक एक अच्छे परिवार से था, लेकिन रविता को शादी के लिए तैयार होने में थोड़ी हिचकिचाहट महसूस हुई। उसने अपने पिता से कहा, “पापा, मैं अभी शादी नहीं करना चाहती। मुझे अपनी पढ़ाई पूरी करनी है और एक सफल करियर बनाना है।”

लेकिन रविता के पिता ने कहा, “बेटा, तुम बड़ी हो गई हो और तुम्हें शादी करनी चाहिए। हम तुम्हारे लिए एक अच्छा लड़का ढूंढ चुके हैं।” अंततः, रविता ने अपने पिता की इच्छाओं का सम्मान करते हुए शादी के लिए हां कर दी।

शादी और संघर्ष

शादी के बाद, रविता ने रितिक को अपना जीवनसाथी मान लिया। लेकिन शादी के कुछ महीनों बाद ही उसे रितिक की असलियत का पता चला। रितिक अपने दोस्तों के साथ समय बिताने में व्यस्त रहता था और शराब पीने लगा। रविता ने उसे समझाने की कोशिश की, “रितिक, तुम ऐसा मत करो। इससे हमारी जिंदगी बर्बाद हो जाएगी।” लेकिन रितिक ने उसकी बातों को अनसुना कर दिया।

घरेलू हिंसा

समय बीतने के साथ रितिक की आदतें और भी खराब होती गईं। वह अक्सर रविता के साथ मारपीट करने लगा। रविता को यह सब सहन करना बहुत कठिन हो रहा था। एक दिन उसने अपने सास-ससुर से शिकायत की, लेकिन उन्होंने भी रितिक का समर्थन किया। “वह हमारा इकलौता बेटा है, तुम उसे समझाओ,” वे कहते थे।

तलाक का फैसला

रविता ने एक दिन अपने पिता को फोन किया और कहा, “पापा, मैं इस जिंदगी से थक गई हूं। मुझे तलाक लेना है।” उसके पिता ने उसकी बात सुनकर चिंता जताई, लेकिन उन्होंने उसकी इच्छाओं का सम्मान किया। कुछ दिनों बाद, रविता ने तलाक के लिए कोर्ट में अर्जी दी। रितिक ने भी तलाक के लिए सहमति दी, और कुछ समय बाद उनका तलाक हो गया।

नई शुरुआत

तलाक के बाद, रविता अपने माता-पिता के घर लौट आई। उसने सोचा कि अब उसे अपनी जिंदगी को फिर से संवारना होगा। उसने पटना में सरकारी नौकरी की तैयारी शुरू की। उसने दिन-रात मेहनत की और परीक्षा दी। कुछ महीनों बाद, उसे सरकारी नौकरी मिल गई। वह एसडीएम बन गई और उसकी जिंदगी में एक नया मोड़ आया।

सरकारी नौकरी में सफलता

रविता ने अपनी नई नौकरी में बहुत मेहनत की। उसने अपने काम को पूरी ईमानदारी से किया और लोगों की समस्याओं का समाधान करने में मदद की। उसकी मेहनत और लगन ने उसे एक सफल अधिकारी बना दिया। लोग उसकी प्रशंसा करने लगे और उसे एक आदर्श अधिकारी मानने लगे।

कुल्फी वाला

एक दिन, जब रविता अपनी सरकारी गाड़ी से काम पर जा रही थी, उसने देखा कि गेट के बाहर एक लड़का कुल्फी बेच रहा है। वह हमेशा से उस लड़के को देखती थी, लेकिन उस दिन उसने उसे ध्यान से देखा। वह लड़का गमछे से अपना चेहरा ढके हुए था। रविता ने अपने ड्राइवर से कहा, “जरा उस कुल्फी वाले के पास जाओ और दो कुल्फी लेकर आओ।”

फिर से सामना

रविता ने पहले दिन कुल्फी खाई, दूसरे दिन भी खाई, लेकिन तीसरे दिन जब वह खुद कुल्फी लेने गई, तो उसे पता चला कि वह लड़का कोई और नहीं, बल्कि उसका तलाकशुदा पति रितिक है। दोनों ने एक-दूसरे को पहचाना नहीं क्योंकि दोनों ने अपने चेहरे पर मास्क और गमछा बांध रखा था।

रितिक की हालत

रविता ने रितिक से पूछा, “तुम यहां कुल्फी क्यों बेच रहे हो?” रितिक ने जवाब दिया, “मेरे पास कोई और रास्ता नहीं है। मैंने सब कुछ खो दिया है।” रविता ने उसकी आंखों में दर्द देखा। वह जानती थी कि रितिक की स्थिति कितनी खराब हो गई है।

रविता का निर्णय

रविता ने रितिक को समझाया, “तुम्हें अपनी जिंदगी को फिर से संवारना होगा। मैं तुम्हारी मदद कर सकती हूं।” रितिक ने कहा, “मुझे कोई मदद नहीं चाहिए। मैं खुद अपनी जिंदगी को संभाल लूंगा।” लेकिन रविता ने ठान लिया कि वह रितिक की मदद करेगी।

रितिक का नया रास्ता

रविता ने रितिक को उसके प्रॉपर्टी के कागजात दिलवाने में मदद की। उसने तहसीलदार से बात की और रितिक की सारी प्रॉपर्टी को वापस दिलवाने का प्रयास किया। धीरे-धीरे, रितिक की जिंदगी में सुधार आने लगा। उसने शराब पीना बंद कर दिया और अपनी दुकान को संभालने लगा।

पुनर्मिलन

कुछ महीनों बाद, रविता और रितिक ने एक मंदिर में जाकर दोबारा शादी कर ली। रितिक की मां ने भी उनकी शादी में खुशी जताई। अब रितिक ने अपने पुराने दोस्तों से दूरी बना ली थी और रविता के साथ मिलकर एक नई जिंदगी की शुरुआत की थी।

समर्पण और प्रेम

रविता ने रितिक को हमेशा सपोर्ट किया। उसने उसे सिखाया कि प्यार का असली मतलब क्या होता है। रितिक ने भी अपनी गलतियों का एहसास किया और अपने जीवन को सही दिशा में ले जाने का प्रयास किया।

अंत की ओर

यह कहानी हमें यह सिखाती है कि जीवन में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है, लेकिन सच्चे प्रेम और समर्पण से हर मुश्किल को पार किया जा सकता है। रविता ने साबित किया कि एक महिला कितनी ताकतवर हो सकती है और कैसे वह अपने साथी को सही रास्ते पर ला सकती है।