मरा हुआ बेटा 25 साल बाद SP बनकर घर लौटा, मां बाप ने धक्के देकर भगाया फिर जो हुआ
कहानी: “25 साल बाद लौटे बेटे की सच्ची घटना”
मध्य प्रदेश के एक छोटे से शहर में उमा शंकर शास्त्री और उनकी पत्नी सावित्री रहते थे। दोनों सिद्धांतवादी और धार्मिक विचारों वाले थे। उनका इकलौता बेटा, अनिल, उनकी जिंदगी की सबसे बड़ी खुशी था। अनिल के जन्म के लिए सावित्री ने 10 साल तक इंतजार किया था। जब उनका बेटा 5 साल का हुआ, तो उन्होंने एक धार्मिक यात्रा पर जाने का निश्चय किया।
.
.
.
साल 2008 में, उमा शंकर, सावित्री और अनिल चार धाम की यात्रा पर निकले। यह यात्रा उनके लिए बहुत महत्वपूर्ण थी क्योंकि उमा शंकर ने मन्नत मांगी थी कि बेटे के जन्म के बाद वह गंगोत्री धाम जाकर कुल देवता के मंदिर में पूजा करेंगे। लेकिन इस यात्रा के दौरान उनकी जिंदगी हमेशा के लिए बदल गई।
यात्रा के दौरान एक भयानक बस हादसा हुआ। इस हादसे में उमा शंकर और सावित्री तो बच गए, लेकिन उनका बेटा अनिल लापता हो गया। किसी ने कहा कि वह खाई में गिर गया, तो किसी ने कहा कि नदी में बह गया। उन्होंने बहुत ढूंढा, लेकिन अनिल का कोई पता नहीं चला।
अपने इकलौते बेटे को खोने के गम में सावित्री और उमा शंकर पूरी तरह टूट गए। सावित्री ने भगवान को कोसते हुए कहा कि उन्होंने उनकी सबसे बड़ी खुशी छीन ली। समय बीतता गया, लेकिन दोनों उस हादसे को कभी भूल नहीं पाए। अनिल के बिना उनकी जिंदगी अधूरी थी।
25 साल बाद, जब दोनों बूढ़े हो चुके थे और अपने बेटे को खोने का गम उनके दिलों में ताजा था, तभी एक चमत्कार हुआ। एक दिन, अनिल, जो अब एक एसपी बन चुका था, उनके घर पहुंचा। उसने अपने माता-पिता को बताया कि वह उनका खोया हुआ बेटा है।
उमा शंकर और सावित्री यह सुनकर हैरान रह गए। उन्होंने अनिल को पहचानने से इंकार कर दिया। उमा शंकर को लगा कि यह व्यक्ति उनकी संपत्ति हड़पने के लिए झूठ बोल रहा है। लेकिन सावित्री ने अनिल के गले पर जन्म का निशान देखा, जो उनके बेटे के गले पर था। उन्होंने उमा शंकर को समझाने की कोशिश की, लेकिन वह मानने को तैयार नहीं थे।
अनिल ने अपनी कहानी सुनाई। उसने बताया कि बस हादसे के दौरान वह एक पत्थर के नीचे दब गया था। एक साधु महाराज ने उसे देखा और उसकी जान बचाई। साधु ने उसे अपनी झोपड़ी में रखा और बाद में उसे एक अनाथ आश्रम में भेज दिया। अनाथ आश्रम में अनिल ने पढ़ाई की और मेहनत करके एसपी का पद हासिल किया।
साधु महाराज ने ही अनिल को उसके माता-पिता का पता बताया। उन्होंने कहा कि उसके माता-पिता अब भी जिंदा हैं और उसका इंतजार कर रहे हैं। साधु महाराज ने अनिल के सिर पर हाथ रखकर उसे उसकी पुरानी यादें दिखाईं।
जब अनिल ने अपनी पूरी कहानी सुनाई, तो उमा शंकर और सावित्री को यकीन हो गया कि वह उनका बेटा है। दोनों ने उसे गले लगाया और जोर-जोर से रोने लगे। यह खबर पूरे गांव में फैल गई। गांव वाले कहने लगे कि उमा शंकर और सावित्री बहुत भाग्यशाली हैं, जिन्हें उनका खोया हुआ बेटा वापस मिला।
यह घटना किसी चमत्कार से कम नहीं थी। लोगों ने इसे भगवान की लीला माना। सावित्री और उमा शंकर ने अनिल के लौटने पर भगवान का धन्यवाद किया। उनके घर में त्यौहार जैसा माहौल था।
यह कहानी हमें सिखाती है कि भगवान के घर देर है, लेकिन अंधेर नहीं। चाहे कितनी भी मुश्किलें क्यों न आएं, उम्मीद कभी नहीं छोड़नी चाहिए।
News
“Awez & Nagma Exposed: Why Are They Still Hiding Their Relationship After Planning Marriage?”
“Awez & Nagma Exposed: Why Are They Still Hiding Their Relationship After Planning Marriage?” Awez Darbar and Nagma Mirajkar—two names…
“Awez & Nagma: The Truth Behind Their Relationship Lies – Marriage Fixed, But Still Denying!”
“Awez & Nagma: The Truth Behind Their Relationship Lies – Marriage Fixed, But Still Denying!” Awez Darbar and Nagma Mirajkar—two…
Sanjeeda Sheikh’s Controversial Choices: Did She Cheat and Keep Her Daughter Away?
Sanjeeda Sheikh’s Controversial Choices: Did She Cheat and Keep Her Daughter Away? Sanjeeda Sheikh, once celebrated as one of television’s…
Sanjeeda Sheikh’s Problematic Past: Cheating Scandal & Heartbreaking Family Drama
Sanjeeda Sheikh’s Problematic Past: Cheating Scandal & Heartbreaking Family Drama Sanjeeda Sheikh, once celebrated as one of television’s most beloved…
When Confidence Turns Cruel: Mrunal Thakur’s Mean Streak Against Other Women
When Confidence Turns Cruel: Mrunal Thakur’s Mean Streak Against Other Women Recently, there’s been a buzz in town about Mrunal…
Mrunal Thakur’s Shocking Superiority Complex: Has She Gone Too Far?
Mrunal Thakur’s Shocking Superiority Complex: Has She Gone Too Far? Recently, there’s been a buzz in town about Mrunal Thakur….
End of content
No more pages to load