ड्राइवर ने एक बूढ़ी औरत को अस्पताल पहुँचाया, जब अगले दिन उसे नौकरी से निकाला गया तो जो हुआ वो रोंगटे
समीर की इंसानियत: एक ड्राइवर की कहानी जिसने बदल दी तकदीर
.
.
.
मुंबई, सपनों का शहर। भीड़, बारिश, उम्मीद और संघर्ष से भरा। इसी शहर की एक छोटी सी चौल में रहता था समीर—एक ईमानदार टैक्सी ड्राइवर, जो अपनी पत्नी सीमा और पांच साल की बेटी प्रिया के साथ छोटी-सी दुनिया में खुश था। समीर की जिंदगी उसकी पीली-काली टैक्सी के इर्द-गिर्द घूमती थी, जो उसके परिवार के सपनों की सवारी थी।
कठिन जिम्मेदारी
समीर राठौर लॉजिस्टिक्स नाम की बड़ी ट्रांसपोर्ट कंपनी में काम करता था, जिसके मालिक थे अमन सिंह—एक अनुशासनप्रिय, सख्त और पैसे के पीछे भागने वाले अमीर इंसान। एक दिन समीर को बहुत जिम्मेदारी वाला काम मिला—उसे शाम सात बजे एयरपोर्ट से कंपनी के विदेशी मेहमान को फार्महाउस पहुंचाना था। एक मिनट की भी देरी बर्दाश्त नहीं थी। समीर ने वादा किया कि वह समय पर पहुंचेगा, क्योंकि यह उसके परिवार के बेहतर भविष्य का सवाल था।
इंसानियत की कसौटी
शाम को जब समीर एयरपोर्ट जा रहा था, अचानक मूसलाधार बारिश शुरू हो गई। रास्ते में ट्रैफिक जाम और वक्त की कमी से वह बेचैन था। तभी उसकी नजर बस स्टॉप पर कांपती, भीगी हुई एक बूढ़ी मां पर पड़ी—बेबस, दर्द में डूबी। समीर के मन में अपनी मां की यादें ताजा हो गईं, जो इलाज न मिलने से चल बसी थी। उसने अपनी जिम्मेदारी, नौकरी, बोनस, बेटी का वादा—सब भूलकर उस मां को अस्पताल पहुंचाने का फैसला किया। डॉक्टर ने बताया, अगर 5 मिनट की भी देरी होती, तो जान चली जाती।
कठोर सजा
समीर देर रात तक अस्पताल में रहा। बूढ़ी औरत का बेटा आया, समीर के पैरों पर गिर गया। समीर ने सिर्फ इतना कहा, “मैंने अपना फर्ज निभाया।” लेकिन जब वह घर लौटा, उसे पता चला कि उसकी नौकरी जा चुकी है। अमन सिंह ने उसकी एक न सुनी—उसके लिए एक क्लाइंट का एक मिनट, हजारों जानों से ज्यादा कीमती था। समीर बेरोजगार हो गया, पर उसका दिल सुकून से भरा था।
संघर्ष और उम्मीद
समीर ने कई जगह नौकरी ढूंढी, पर कहीं बात नहीं बनी। घर की हालत खराब होने लगी। एक दिन उसी बूढ़ी मां के बेटे ने मदद के लिए कुछ पैसे दिए। समीर ने सेकंड हैंड वैन खरीदी और “समीर ट्रांसपोर्ट” शुरू किया—उसका सिद्धांत था: आपकी अमानत, हमारी जिम्मेदारी। सीमा ने घर से टिफिन बनाकर बेचे, समीर ने ईमानदारी और मेहनत से छोटे-छोटे काम किए। धीरे-धीरे उसकी ईमानदारी की चर्चा पूरे शहर में होने लगी। एक वैन से दो, दो से चार, फिर एक छोटी कंपनी बन गई। समीर अब मालिक था, उसके पास एक टीम थी, और उसकी पत्नी ऑफिस संभालती थी।
वक्त का पहिया
15 साल बीत गए। समीर लॉजिस्टिक्स देश की सबसे बड़ी ट्रांसपोर्ट कंपनियों में से एक बन गई। उसका बंगला, बेटी प्रिया अब पढ़ी-लिखी, कारोबार संभालने वाली। समीर ने अपनी कंपनी के हर ड्राइवर को सिखाया—पहले इंसानियत, फिर काम। वहीं, अमन सिंह का साम्राज्य घमंड और गलत फैसलों में डूब गया। उसका बंगला बिकने की कगार पर था, दोस्त साथ छोड़ चुके थे, बेटा गायब, पत्नी नहीं रही।
नियति का खेल
एक दिन अमन ने अपने बंगले को बेचने के लिए एक बड़ी कंपनी को चिट्ठी लिखी। जवाब आया—कंपनी का मालिक खुद मिलने आएगा। जिस दिन चमचमाती गाड़ी उसके बंगले पर रुकी, उसमें से उतरा समीर—अब एक सफल कारोबारी और उसके साथ उसकी बेटी प्रिया। अमन के पैरों तले जमीन खिसक गई। जिस ड्राइवर को उसने बेइज्जत कर निकाला था, आज वही उसकी मदद के लिए आया था।
माफ करना—सबसे बड़ी जीत
समीर ने कहा, “मैं बदला लेने नहीं, मदद करने आया हूं। आप इस बंगले को हमें किराए पर दें, आप ऑफिस के मैनेजर बनें। आपका अनुभव हमारे लिए अनमोल है।” अमन फूट-फूटकर रो पड़ा, माफी मांगी। समीर ने उसे गले लगा लिया—“गुजरा वक्त लौट नहीं सकता, पर नया वक्त जरूर सुधर सकता है।”
नई शुरुआत
अमन ने समीर लॉजिस्टिक्स के नॉर्थ मुंबई ऑफिस का जिम्मा संभाला। उसका अनुभव और मेहनत कंपनी को नई ऊंचाइयों पर ले गया। समीर ने साबित किया—इंसानियत से बड़ा कोई धर्म नहीं, कर्म का फल जरूर मिलता है। बदला नहीं, माफी और दया ही असली जीत है।
यह कहानी हमें सिखाती है कि अच्छाई का फल देर से सही, पर जरूर मिलता है। इंसानियत और माफी ही जिंदगी का असली धर्म है। अगर यह कहानी आपको प्रेरित करती है, तो लाइक करें, शेयर करें और बताएं कि आपको सबसे खूबसूरत पल कौन सा लगा। ऐसी ही और कहानियों के लिए हमारे चैनल को सब्सक्राइब करें। धन्यवाद!
News
“बीमार पिता के इलाज के लिए रोज़ सड़क पर भीख मांगता था एक बच्चा, फिर एक चमत्कार ने उसकी किस्मत हमेशा के लिए बदल दी”
“बीमार पिता के इलाज के लिए रोज़ सड़क पर भीख मांगता था एक बच्चा, फिर एक चमत्कार ने उसकी किस्मत…
बीमार पिता के इलाज के लिए एक बच्चा रोज़ सड़क पर भीख मांगता फिर कुछ ऐसा हुआ जिसने उसकी किस्मत पलट दी
बीमार पिता के इलाज के लिए एक बच्चा रोज़ सड़क पर भीख मांगता फिर कुछ ऐसा हुआ जिसने उसकी किस्मत…
“गरीब वेटर ने लौटाई दुबई के शेख़ की खोई हुई सोने की अंगूठी, फिर शेख़ ने किया ऐसा काम कि हर कोई रह गया हैरान!”
“गरीब वेटर ने लौटाई दुबई के शेख़ की खोई हुई सोने की अंगूठी, फिर शेख़ ने किया ऐसा काम कि…
गरीब वेटर ने लौटाई, दुबई से भारत घूमने आये शैख़ की सोने की गुम हुई अंगूठी, फिर उसने जो किया जानकर
गरीब वेटर ने लौटाई, दुबई से भारत घूमने आये शैख़ की सोने की गुम हुई अंगूठी, फिर उसने जो किया…
Shock for Fans: Rashmika Mandanna Hospitalized Amid Health Scare!
Shock for Fans: Rashmika Mandanna Hospitalized Amid Health Scare! Pushpa Star Rashmika Mandanna Hospitalized After Serious Accident—Fans Pray for Her…
Sad News for Rashmika Mandanna Fans: Actress Admitted to Hospital!
Sad News for Rashmika Mandanna Fans: Actress Admitted to Hospital! Pushpa Star Rashmika Mandanna Hospitalized After Serious Accident—Fans Pray for…
End of content
No more pages to load