.

.

बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता धर्मेंद्र का हाल ही में निधन हो गया, जिससे न केवल उनके परिवार, बल्कि पूरे फिल्म उद्योग में शोक की लहर दौड़ गई। धर्मेंद्र ने छह दशकों तक दर्शकों को एंटरटेन किया, और उनके जाने के बाद उनकी वसीयत को लेकर कई सवाल उठने लगे हैं। खासकर यह जानने की जिज्ञासा कि उन्होंने अपनी वसीयत में क्या लिखा है, जिसने उनकी पत्नी हेमा मालिनी और पहली पत्नी प्रकाश कौर को हैरान कर दिया।

धर्मेंद्र का जीवन और करियर

धर्मेंद्र का जन्म 8 दिसंबर 1935 को पंजाब के एक छोटे से गांव में हुआ था। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत 1960 के दशक में की और जल्दी ही बॉलीवुड के सबसे बड़े सितारों में से एक बन गए। उनकी फिल्मों में “शोले”, “चुपके चुपके”, “वीरू”, “ग़दर” और कई अन्य शामिल हैं। धर्मेंद्र की छवि एक एक्शन स्टार के साथ-साथ एक रोमांटिक हीरो के रूप में भी जानी जाती थी।

धर्मेंद्र ने 1954 में प्रकाश कौर से शादी की और उनके चार बच्चे हुए: सनी देओल, बॉबी देओल, अजीता और विजेता। इसके बाद, उन्होंने 1980 के दशक में हेमा मालिनी से शादी की, जो खुद एक प्रसिद्ध अभिनेत्री और सांसद हैं। इस शादी के चलते धर्मेंद्र को हमेशा “दूसरी पत्नी” का टैग सहन करना पड़ा।

वसीयत का खुलासा

धर्मेंद्र की वसीयत में जो खुलासे हुए हैं, उन्होंने उनके परिवार को चौंका दिया है। रिपोर्टों के अनुसार, धर्मेंद्र ने अपनी संपत्ति का लगभग 70% हिस्सा अपनी बड़ी बेटी ईशा देओल के नाम किया है। ईशा, जो कि हेमा मालिनी से हुई उनकी बेटी हैं, ने अपने पिता के कहने पर फिल्म इंडस्ट्री में काम करना छोड़ दिया था।

धर्मेंद्र की कुल संपत्ति लगभग 1000 करोड़ रुपये बताई जा रही है, जिसमें 450 करोड़ रुपये की प्रॉपर्टी शामिल है। उन्होंने अपने फार्म हाउस, गाड़ियों और अन्य संपत्तियों का भी ध्यान रखा है।

ईशा को 70% संपत्ति

धर्मेंद्र ने अपनी वसीयत में स्पष्ट रूप से लिखा है कि वह अपनी संपत्ति का 70% हिस्सा ईशा के नाम करते हैं। यह फैसला इस बात को दर्शाता है कि उन्होंने अपनी बेटी के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए यह कदम उठाया। ईशा ने पहले अपने करियर को छोड़कर अपने पिता की इच्छा का सम्मान किया था, और अब जब वह एक कठिन समय से गुजर रही हैं, तो यह संपत्ति उनके लिए एक बड़ा सहारा बन सकती है।

प्रकाश कौर और हेमा मालिनी को 30% हिस्सा

धर्मेंद्र ने अपनी वसीयत में बाकी 30% संपत्ति को अपनी दोनों पत्नियों, हेमा मालिनी और प्रकाश कौर के बीच बांटने का निर्णय लिया है। हालांकि, यह ध्यान देने योग्य है कि उन्होंने अपने चारों बेटों, सनी, बॉबी, अजीता और विजेता को इस वसीयत में कोई हिस्सा नहीं दिया है। उन्होंने लिखा है कि उनके बाकी बच्चे “वेल टू डू” हैं और उनकी माताएं अपने हिस्से में से चाहें तो उन्हें कुछ भी दे सकती हैं।

इस फैसले ने देओल परिवार के भीतर तनाव को और बढ़ा दिया है। सनी और बॉबी ने हमेशा अपने पिता के प्रति सम्मान जताया है, लेकिन यह स्थिति उनके लिए भी चुनौतीपूर्ण हो सकती है।

प्रकाश कौर का दुख

धर्मेंद्र की पहली पत्नी प्रकाश कौर, जो कि धर्मेंद्र के साथ शादी के समय से ही उनके जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा रही हैं, भी इस वसीयत से प्रभावित हुई हैं। उन्होंने अपने पति को 71 साल तक समर्थन किया और उनके साथ खड़ी रहीं। अब जब धर्मेंद्र का निधन हो गया है, तो प्रकाश कौर के लिए यह एक बहुत ही कठिन समय है।

प्रकाश कौर ने अपने पति के अंतिम संस्कार में भी भाग लिया, लेकिन मीडिया की चकाचौंध से दूर रहने की कोशिश की। यह स्पष्ट है कि वह इस स्थिति में कितनी टूट चुकी हैं। उन्होंने अपने पति को दूसरी पत्नी के साथ देखा, और अब धर्मेंद्र के जाने के बाद, उन्हें अपने बच्चों का भी ख्याल रखना है।

हेमा मालिनी का झटका

हेमा मालिनी, जो कि धर्मेंद्र की दूसरी पत्नी हैं, ने हमेशा अपने हक की लड़ाई लड़ी है। उन्होंने अपने पति के लिए हर संभव प्रयास किया, लेकिन उनकी वसीयत में जो खुलासा हुआ, उसने उन्हें झटका दिया।

हेमा ने अपने पति के साथ बिताए सभी वर्षों के बावजूद, उनकी वसीयत में उन्हें कोई महत्वपूर्ण हिस्सा नहीं दिया गया। यह स्थिति उनके लिए बेहद कठिन है, क्योंकि उन्होंने अपने पति के लिए हमेशा समर्थन दिया और उनके साथ खड़ी रहीं।

संपत्ति का बंटवारा: भविष्य की चुनौतियाँ

धर्मेंद्र की वसीयत का खुलासा होने के बाद, अब सवाल उठता है कि देओल परिवार का भविष्य क्या होगा। क्या सनी देओल अपनी सौतेली मां और बहनों के साथ मिलकर परिवार को एकजुट रख पाएंगे, या फिर यह दूरियां अब खाइयों में बदल जाएंगी?

यह स्थिति न केवल परिवार के लिए, बल्कि उनके प्रशंसकों के लिए भी चिंता का विषय है। धर्मेंद्र ने जो विरासत छोड़ी है, वह उनके परिवार के लिए एक चुनौती बन सकती है।

निष्कर्ष

धर्मेंद्र की वसीयत ने उनके परिवार के भीतर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। उन्होंने अपनी संपत्ति का बड़ा हिस्सा अपनी बेटी ईशा के नाम किया, जबकि प्रकाश कौर और हेमा मालिनी को केवल 30% हिस्सा दिया। यह स्थिति परिवार के लिए कठिनाई और तनाव का कारण बन सकती है।

धर्मेंद्र की कहानी सिर्फ एक अभिनेता की नहीं है, बल्कि यह रिश्तों, प्यार और त्याग की कहानी है। उनके जाने के बाद, यह देखना होगा कि उनके परिवार में क्या बदलाव आते हैं और क्या वे अपने मतभेदों को सुलझा पाएंगे।

धर्मेंद्र जी को हमारी भावनात्मक श्रद्धांजलि। आप हमेशा याद आएंगे अपने काम और अपने रिश्तों के लिए।