दिल्ली की एक रात

दिल्ली में एक रात लगभग 12 बजे तेज बारिश हो रही थी। एक टैक्सी ड्राइवर, रवि, अपनी टैक्सी को सड़क किनारे खड़ा करके उसमें आराम कर रहा था। तभी अचानक उसकी खिड़की पर किसी ने दस्तक दी। वह चौंककर उठा और देखा कि एक घबराई हुई लड़की, जिसके कपड़े भीग चुके थे, हाथ जोड़कर अंदर आने की इजाज़त मांग रही थी।

रवि पहले तो घबरा गया, उसे डर था कि कहीं कोई मुसीबत न हो जाए। लेकिन लड़की की हालत देखकर उसे दया आ गई और उसने दरवाज़ा खोल दिया। लड़की जल्दी से पिछली सीट पर बैठ गई और बोली, “कृपया गाड़ी चलाओ, कोई मेरा पीछा कर रहा है।” इतना कहकर वह बेहोश हो गई।

रवि घबरा गया। तभी एक बड़ी कार आकर उसकी टैक्सी के सामने रुकी। उसमें से दो लड़के निकले और रवि से पूछने लगे, “क्या तुमने यहाँ कोई लड़की देखी है?” रवि ने मना कर दिया और वे लोग चले गए। रवि ने सोचा कि लड़की सच में परेशानी में है, इसलिए वह उसे अस्पताल ले जाने लगा। लेकिन उसे डर था कि कहीं वे लोग अस्पताल में भी न आ जाएं। उसने लड़की को अपने घर ले जाना बेहतर समझा।

रात के एक बजे वह अपनी बस्ती में पहुँचा, चुपचाप लड़की को घर के अंदर ले गया और बिस्तर पर लिटा दिया। अगली सुबह जब लड़की को होश आया, तो वह डर गई। रवि ने उसे समझाया कि वह सुरक्षित है। लड़की ने बताया कि वह कॉल सेंटर में काम करती है। रात को ड्यूटी खत्म होने के बाद बस स्टॉप पर दो लड़कों ने उसका पीछा किया था। वह भागकर रवि की टैक्सी तक पहुँची थी।

रवि ने उसे उसके घर छोड़ दिया। लड़की का नाम काव्या था। काव्या ने रवि का दिल से धन्यवाद किया और अपने घर चली गई। लेकिन रवि की आँखों में काव्या की छवि बार-बार घूमने लगी। उसे एहसास हुआ कि वह काव्या से प्यार करने लगा है।

अगले दिन सुबह, काव्या अपने माता-पिता के साथ रवि के घर आई। काव्या के पिता ने रवि का धन्यवाद किया और कहा कि आज के ज़माने में ऐसे अच्छे लोग कम मिलते हैं। धीरे-धीरे काव्या और रवि के बीच दोस्ती गहरी होती गई, और काव्या भी रवि से प्यार करने लगी।

एक दिन काव्या ने रवि से अपने प्यार का इज़हार कर दिया और शादी का प्रस्ताव रखा। रवि ने पहले मना किया, लेकिन काव्या ने कहा कि उसे रवि का साथ चाहिए, न कि पैसे। दोनों के परिवार राज़ी हो गए और दोनों की शादी हो गई।

शादी के बाद रवि की मेहनत और बढ़ गई। उसने काव्या के लिए एक लैपटॉप खरीदा, जिससे काव्या ने घर से काम शुरू किया और धीरे-धीरे एक छोटी कंपनी खोल ली। दोनों की ज़िंदगी बदल गई। रवि की ईमानदारी और मेहनत की चर्चा चारों ओर होने लगी।

एक दिन एक फंक्शन में रवि ने अपनी कहानी सुनाई, जिससे सभी बहुत प्रेरित हुए।