सड़क किनारे अंडे बेच रही मां के साथ इंस्पेक्टर ने किया बर्बर व्यवहार, बेटी ने दी सख्त जवाबी कार्रवाई!

सड़क के किनारे एक पुराने ठेले पर करीना देवी रोज़ अंडों की ट्रे सजाकर अपनी रोज़ी-रोटी कमाने में लगी रहती थीं। थकान भरे चेहरे पर भी उनके हौसले की चमक साफ नजर आती थी। उनकी इकलौती बेटी सरिता उसी जिले में जिलाधिकारी (डीएम) के पद पर तैनात थी, लेकिन व्यस्तता के कारण उसे यह पता नहीं था कि उसकी मां किस मुश्किल हालात में जीवन बिता रही है।

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एक दिन इंस्पेक्टर राकेश वर्मा गुस्से में आया और करीना देवी को धमकाते हुए अंडों का ठेला तोड़ दिया। उसने अंडों की ट्रे जमीन पर फेंक दी और लोगों के सामने मां को अपमानित किया। भीड़ तमाशा देखती रही, कोई मदद को आगे नहीं आया। इस घटना को एक लड़की ने मोबाइल में रिकॉर्ड कर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया।

जब सरिता को यह वीडियो मिला, तो उसका खून खौल उठा। उसने तय किया कि वह अपनी मां के अपमान का बदला लेगी। उसने अपनी पुलिस वर्दी उतारकर साधारण सलीके से तैयार होकर थाने पहुंची। वहां उसने इंस्पेक्टर राकेश वर्मा और एसएओ संदीप सिंह के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की।

इंस्पेक्टर और एसएओ ने उसे धमकाने की कोशिश की, लेकिन सरिता ने डटकर उनका सामना किया। अंततः डीएम के आदेश पर दोनों अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया। यह खबर पूरे शहर में फैल गई और लोगों ने सरिता की हिम्मत की जमकर तारीफ की।

सरिता ने मां के साथ कुछ दिन बिताए और अपने पोस्टिंग पर वापस लौट गईं। उन्होंने इलाके में छोटे दुकानदारों और ठेले वालों की सुरक्षा के लिए सख्त निर्देश दिए ताकि कोई भी अधिकारी उनके साथ दुर्व्यवहार न कर सके।

इंस्पेक्टर राकेश वर्मा के खिलाफ जांच हुई, जिसमें उसके खिलाफ ठोस सबूत मिले और उसे नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया। साथ ही उस पर आपराधिक मामला भी दर्ज हुआ। यह कहानी सिर्फ एक इंस्पेक्टर के निलंबन की नहीं, बल्कि बेटी के अपने मां के प्रति प्रेम, साहस और न्याय की जीत की कहानी थी।

यह घटना पूरे शहर के लिए एक सीख बन गई कि वर्दी का असली सम्मान तभी है जब वह जनता की सेवा और ईमानदारी के लिए पहनी जाए। सत्ता का दुरुपयोग कभी सफल नहीं होता, अंत में सच्चाई और न्याय की ही जीत होती है।

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