गरीब मजदूर ने अमीर सेठ को दिया एक छोटा सा सुझाव, जब सेठ ने वो माना तो 1 महीने में 100 करोड़ कमा लिए!
ज्ञान का असली मूल्य: एक प्रेरणादायक कहानी
क्या होता है जब ज्ञान डिग्रियों की ऊंची दीवारों को लांघकर एक साधारण मजदूर की आंखों में चमकता है? क्या एक जमीन से जुड़ा विचार बड़ी-बड़ी यूनिवर्सिटीज से पढ़े मैनेजरों की मोटी-मोटी फाइलों पर भारी पड़ सकता है? यह कहानी है एक घमंडी करोड़पति सेठ विक्रम खन्ना की, जिसका साम्राज्य दीमक लगी लकड़ी की तरह खोखला हो रहा था, और एक गरीब मजदूर शंकर की, जिसकी दुनिया उस सेठ की फैक्ट्री की धूल और धुएं तक ही सीमित थी।
.
.
.
विक्रम खन्ना की दुविधा
कानपुर का खन्ना टेक्सटाइल्स एक समय में सबसे बड़ी कपड़ा मिल थी, जिसे सेठ विक्रम खन्ना ने अपने दादा से विरासत में पाया था। लेकिन बाजार में नए विदेशी खिलाड़ियों के आने के साथ, कंपनी का मुनाफा घट रहा था और कर्ज बढ़ रहा था। विक्रम अपनी हाईफाई मैनेजमेंट टीम के साथ मीटिंग करता था, लेकिन उसे अपनी कंपनी में वो जुनून नजर नहीं आता था जो कभी उसके दादा और पिता के समय में हुआ करता था।
शंकर का सुझाव
एक दिन, जब विक्रम खन्ना ने अपनी फैक्ट्री के मजदूरों से सवाल पूछा, तो शंकर, जो स्पिनिंग डिपार्टमेंट में काम करता था, ने डरते-डरते एक सुझाव दिया। उसने देखा था कि कैसे हर रोज हजारों किलो कपास धागा बनाने की प्रक्रिया में बर्बाद हो जाता है। उसने कहा, “क्या हम इस कचरे का कोई उपयोग नहीं कर सकते?” सभी ने उसका मजाक उड़ाया, लेकिन विक्रम ने उसकी बात को गंभीरता से लिया।
एक नई शुरुआत
विक्रम ने अपने रिसर्च एंड डेवलपमेंट हेड को शंकर के सुझाव पर काम करने का आदेश दिया। कुछ ही दिनों में यह पता चला कि उस कचरे में सेलुलोस की मात्रा बहुत अधिक है, जो उसे उच्च गुणवत्ता के कागज बनाने के लिए आदर्श बनाता है। एक महीने के अंदर, खन्ना टेक्सटाइल्स ने भारतीय रिजर्व बैंक के साथ एक बड़ा कॉन्ट्रैक्ट साइन किया, जिससे उन्हें 100 करोड़ का मुनाफा हुआ।
शंकर की पहचान
लेकिन विक्रम को शंकर की याद आई, जिसने उसे यह विचार दिया था। उसे पता चला कि शंकर ने अपनी नौकरी छोड़ दी थी, शायद अपनी बेइज्जती बर्दाश्त नहीं कर पाया। विक्रम ने उसे खोजने की ठानी और अंततः बिठुर नामक गांव में उसे ढूंढ निकाला।
माफी और नई जिम्मेदारी
विक्रम ने शंकर से माफी मांगी और उसे अपने साथ कानपुर ले आया। उसने शंकर को एक नई पेपर कंपनी का मैनेजिंग डायरेक्टर बनाया। शंकर ने अपनी मेहनत और व्यावहारिक ज्ञान से कंपनी को देश की सबसे बड़ी और मुनाफे वाली कंपनियों में से एक बना दिया।
सीख
यह कहानी हमें सिखाती है कि ज्ञान और काबिलियत किसी डिग्री या पद के मोहताज नहीं होते। एक छोटा सा विचार भी दुनिया को बदलने की ताकत रखता है। विक्रम खन्ना ने अपनी गलती को सुधारा और एक हीरे को उसकी सही जगह दी, जिसने उसकी पूरी दुनिया को रोशन कर दिया।
इस कहानी को साझा करें ताकि यह संदेश हर उस इंसान तक पहुंच सके जो खुद को छोटा समझता है और हर उस मालिक तक जो अपने कर्मचारियों की सच्ची कीमत नहीं पहचानता।
News
ज्ञान का असली मूल्य: एक प्रेरणादायक कहानी
ज्ञान का असली मूल्य: एक प्रेरणादायक कहानी क्या होता है जब ज्ञान डिग्रियों की ऊंची दीवारों को लांघकर एक साधारण…
लड़का करोड़पति का बैग लौटाने गया, लेकिन जेल में हुआ ऐसा ईनाम कि होश उड़ जाएंगे!
लड़का करोड़पति का बैग लौटाने गया, लेकिन जेल में हुआ ऐसा ईनाम कि होश उड़ जाएंगे! ईमानदारी का फल: एक…
लड़का एक करोड़पति का बैग लौटाने गया तो हुई जेल , मिला ईमानदारी का ऐसा ईनाम की आप के होश उड़ जायेंगेे
लड़का एक करोड़पति का बैग लौटाने गया तो हुई जेल , मिला ईमानदारी का ऐसा ईनाम की आप के होश…
Nation in Shock as Karisma Kapoor’s Sudden Death News Goes Viral
Nation in Shock as Karisma Kapoor’s Sudden Death News Goes Viral Karisma Kapoor was one of the superhit actresses of…
Tragic News: Karisma Kapoor’s Sudden Passing Leaves Fans Heartbroken
Tragic News: Karisma Kapoor’s Sudden Passing Leaves Fans Heartbroken Karisma Kapoor was one of the superhit actresses of the 90s,…
Shockwave Across India as ‘Sath Nibhana Saathiya’ Star Jiya Malik (Gopi Bahu) Reportedly Passes Away
Shockwave Across India as ‘Sath Nibhana Saathiya’ Star Jiya Malik (Gopi Bahu) Reportedly Passes Away The popular Star Plus serial…
End of content
No more pages to load