परिचय

यह कहानी एक 10 साल की बच्ची पूजा की है, जो फुटपाथ पर खड़ी होकर बचे हुए खाने की गुहार लगाती है। उसकी संघर्षपूर्ण जिंदगी और इंसानियत की कहानी हमें सिखाती है कि कैसे एक छोटी सी मदद जीवन को बदल सकती है।

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पूजा का संघर्ष

पूजा, बाल उलझे हुए और कपड़े फटे, हर रोज होटल के गेट पर खड़ी होती थी। वह हाथ जोड़कर कहती, “भैया, थोड़ा बचा हुआ खाना दे दीजिए।” लेकिन होटल के कर्मचारी उसे धक्का देकर भगा देते थे। पूजा का दिल टूट जाता, लेकिन भूख उसे हर रोज वहां लाती थी।

होटल की कड़ी सच्चाई

पूजा का परिवार गरीब था। उसके पिता की एक साल पहले ईंट भट्ठे पर मौत हो गई थी, और उसकी मां बीमार रहने लगी थी। पूजा अपने छोटे भाई-बहनों का पेट भरने के लिए हर दिन होटल के बाहर खड़ी रहती थी। एक दिन, एक कर्मचारी ने उसे मजबूर किया कि वह बर्तन धोकर खाना ले जाए। पूजा ने अपनी हिम्मत जुटाकर काम करना स्वीकार कर लिया।

आमिर मलिक का ध्यान

एक दिन, शहर के जाने-माने बिजनेसमैन आमिर मलिक होटल में आए। उन्होंने पूजा को देखा, जो गंदे बर्तन धो रही थी और आधी जली हुई रोटी खा रही थी। आमिर को गुस्सा आया और उन्होंने कर्मचारियों को डांटा। पूजा ने कहा, “साहब, मुझे भूख लगी थी।” आमिर ने उसे आश्वासन दिया कि अब उसे काम नहीं करना पड़ेगा और वह उसे अपने घर ले गए।

नया जीवन

आमिर ने पूजा को अपने घर में जगह दी। झारा, आमिर की पत्नी, ने पूजा को प्यार से गले लगाया और उसे अपने घर का हिस्सा बना लिया। पूजा ने पहली बार गर्म रोटी खाई और उसकी आंखों में खुशी के आंसू आ गए। आमिर ने कहा कि वह पढ़ाई करके डॉक्टर बनेगी।

समाज में बदलाव

आमिर ने होटल में ऐलान किया कि अब कोई भी भूखा इंसान आएगा तो उसे मुफ्त में खाना मिलेगा। इससे समाज में बदलाव आया और लोग गरीबों की मदद करने लगे। पूजा ने अपनी पढ़ाई में मेहनत की और स्कूल में टॉपर बनी।

मां की बीमारी

एक दिन पूजा को पता चला कि उसकी मां की हालत बिगड़ गई है। आमिर ने तुरंत डॉक्टर को बुलवाया और उसकी मां का इलाज शुरू हुआ। पूजा की मां ने आमिर का धन्यवाद किया और कहा कि उन्होंने भगवान का काम किया है।

अस्पताल में संघर्ष

जब पूजा की मां को खून की जरूरत पड़ी, तो पूजा ने लोगों से मदद मांगी। एक अजनबी ने आगे आकर खून देने की इच्छा जताई। पूजा ने उसकी मदद के लिए धन्यवाद दिया। ऑपरेशन सफल रहा और पूजा की मां ठीक हो गईं।

इंसानियत की कहानी

पूजा की कहानी मीडिया में फैल गई। आमिर ने बताया कि वह भी कभी गरीब था और अब अपनी मेहनत से सफल हुआ है। पूजा ने कहा, “अगर मुझे उस दिन होटल से उठाकर घर नहीं लाते, तो शायद आज मैं जिंदा भी नहीं होती।”

अंत

कुछ सालों बाद, पूजा डॉक्टर बन गई। उसने अपनी सफलता का श्रेय इंसानियत को दिया। उसने कहा कि आमिर और झारा ने उसकी जिंदगी बदल दी।

निष्कर्ष

यह कहानी हमें सिखाती है कि इंसानियत और मदद का हाथ बढ़ाना कितना महत्वपूर्ण है। अगर आपको यह कहानी पसंद आई, तो कृपया हमें बताएं और हमारे चैनल को सब्सक्राइब करें!