डिलीवरी बॉय का किया अपमान, 24 घंटे बाद मालिक निकला! 😲 फिर जो हुआ…

कहानी: शेखर और पलक का संघर्ष

क्या होता है जब एक अमीर लड़के का घमंड एक गरीब की आंखों में आंसू ले आता है? यह कहानी है शेखर की, जो एक डिलीवरी बॉय था और अपने स्वाभिमान को बचाने के लिए संघर्ष करता है।

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शेखर की जिम्मेदारी

मुंबई की भागती-दौड़ती जिंदगी में शेखर एक साधारण डिलीवरी बॉय था। उसके माता-पिता एक सड़क हादसे में गुजर गए थे, और तब से उसने अपनी छोटी बहन पलक की जिम्मेदारी ले ली थी। पलक एक 20 साल की भोली-भाली लड़की थी, जो हाल ही में रोहन नाम के एक अमीर लड़के के प्यार में थी।

रोहन का घमंड

रोहन एक बड़ी मल्टीनेशनल कंपनी में मैनेजर था। पलक को लगता था कि उसने अपनी जिंदगी का राजकुमार पाया है। लेकिन शेखर को रोहन के घमंड और उसके नजरिए में एक अजीब सी उपेक्षा का एहसास था।

अपमान की रात

एक रात, जब शेखर रोहन के घर एक डिलीवरी के लिए पहुंचा, तो रोहन ने उसे अपमानित किया। उसने शेखर के सामने केक को कीचड़ में फेंक दिया और उसे अपमानित किया। शेखर का दिल टूट गया, लेकिन उसने चुप रहना बेहतर समझा।

नियति का खेल

अगली सुबह, शेखर को अपने पिता के दोस्त और वकील शर्मा अंकल का फोन आया। उन्होंने बताया कि शेखर अपने पिता की बनाई कंपनी “स्वादिष्ट एक्सप्रेस” का मालिक है। शेखर की दुनिया पलट गई। अब उसके पास बदला लेने का मौका था, लेकिन उसके मन में अपनी बहन पलक की चिंता थी।

रोहन की सच्चाई

शेखर ने जानने की कोशिश की कि रोहन का असली चरित्र क्या है। उसने पता लगाया कि रोहन ने एक ईमानदार युवक, सुमित, को नौकरी से निकाल दिया था क्योंकि उसने रोहन की धोखाधड़ी का पर्दाफाश किया था। शेखर ने ठान लिया कि वह अपनी बहन को रोहन की सच्चाई से बचाएगा।

न्याय की लड़ाई

शेखर ने सुमित से संपर्क किया और एक योजना बनाई। उसने रोहन को उसके गुनाह कबूल करने के लिए मजबूर करने का फैसला किया। शेखर ने एक डिलीवरी का बहाना बनाकर रोहन के ऑफिस में प्रवेश किया और वहां उसकी सच्चाई उजागर की।

सच्चाई का सामना

रोहन को जब पता चला कि शेखर अब “स्वादिष्ट एक्सप्रेस” का मालिक है, तो उसकी दुनिया ढह गई। शेखर ने पुलिस को बुलाकर रोहन की धोखाधड़ी का पर्दाफाश किया।

अंत में

जब शेखर घर लौटा, तो उसने पलक को सब कुछ बताया। पलक ने रोते हुए कहा कि उसने सही समय पर सही फैसला लिया। शेखर ने अपनी बहन को एक अंधेरे भविष्य से बचा लिया और न्याय की जीत सुनिश्चित की।

सीख

यह कहानी हमें यह सिखाती है कि किसी भी इंसान को उसके कपड़ों या काम से नहीं आंकना चाहिए। असली दौलत स्वाभिमान, हिम्मत, और परिवार का साथ है।

अगर इस कहानी ने आपके दिल को छुआ है, तो इसे लाइक करें और अपने दोस्तों के साथ शेयर करें। आपका सवाल: अगर आपको किसी इंसान की दौलत और उसके सच्चे चरित्र में से किसी एक को चुनना हो, तो आप किसे चुनेंगे? अपनी राय कमेंट्स में बताएं।