तलाक का फैसला सुनते ही पति और बेटी रो पड़े, लेकिन पत्नी मुस्कुराने लगी – फिर जो हुआ, उसने सबको चौंका दिया!

तलाक का फैसला सुनते ही पति और बेटी रो पड़े, लेकिन पत्नी मुस्कुराने लगी – फिर जो हुआ, उसने सबको चौंका दिया!

राजस्थान के एक फैमिली कोर्ट में आज का दिन कुछ अलग था। जज साहब ने जैसे ही तलाक का फैसला सुनाया, सौरव वर्मा और उसकी 5 साल की बेटी आरोही फूट-फूटकर रो पड़े। सौरव की मां सुशीला देवी भी अपने आंसू रोक नहीं सकीं। सबकी दुनिया बिखर गई थी। लेकिन वहीं, अंजलि – सौरव की पत्नी – के चेहरे पर संतुष्ट मुस्कान थी, जैसे उसने कोई बड़ी लड़ाई जीत ली हो।

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कोर्ट से बाहर निकलते ही आरोही भागकर अपने पापा के पास गई और बोली, “पापा, आप क्यों रो रहे हो? प्लीज मत रोइए ना!” सौरव अपनी बेटी को सीने से लगाकर और जोर-जोर से रोने लगा। लेकिन अंजलि गुस्से में आई और आरोही का हाथ खींचकर उसे अपने साथ ले गई। आरोही की मासूम आंखों में बस एक सवाल था – “पापा, आप मेरे साथ क्यों नहीं आ रहे?”

सौरव की दुनिया खाली हो गई थी। वह उन दिनों को याद करने लगा जब सब कुछ अच्छा था, जब उसकी जिंदगी में प्यार था, उम्मीद थी, और एक प्यारा सा परिवार था। लेकिन धीरे-धीरे सब बदल गया। अंजलि ने शादी के कुछ साल बाद सौरव से दूरी बनानी शुरू कर दी। वह देर रात पार्टियों में जाती, कॉलेज फ्रेंड्स से बात करती और घर की जिम्मेदारियों से दूर रहती। सौरव सब सहता रहा, उम्मीद करता रहा कि शायद वक्त के साथ सब ठीक हो जाएगा।

फिर उनकी जिंदगी में आई आरोही – एक नन्ही सी परी। सौरव को लगा अब सब बदल जाएगा। लेकिन अंजलि की बेरुखी और बढ़ गई। जिम्मेदारी सुशीला देवी पर आ गई। सौरव ऑफिस और घर दोनों संभालता रहा, लेकिन अंजलि की जिंदगी में अब विशाल नाम का एक नया शख्स आ गया था। विशाल बेरोजगार था, शराबी था, और घर पर आने-जाने लगा था।

आरोही इस सब से डरने लगी थी। एक दिन विशाल ने उसके साथ गलत हरकत की। आया ने सब देखा और सौरव को बताया। सौरव ने सबूत जुटाए, पुलिस में रिपोर्ट लिखवाई और विशाल को गिरफ्तार करवा दिया। कोर्ट ने फैसला सुनाया कि आरोही की कस्टडी सौरव को दी जाएगी और अंजलि को सिर्फ कोर्ट की निगरानी में बेटी से मिलने की इजाजत दी गई।

अब सौरव फिर से जीने लगा था। आरोही की मुस्कान लौट आई थी। लेकिन मां वाला कोना उसके दिल में खाली था। अंजलि अकेली हो गई थी। उसने अपनी गलतियों को समझा और बेटी का भरोसा जीतने के लिए मेहनत करने लगी। धीरे-धीरे आरोही ने मां से बात करना शुरू किया, लेकिन अब परिवार पहले जैसा नहीं रहा।

सौरव और अंजलि एक साथ रहते हैं, लेकिन सिर्फ अपनी बेटी के लिए। प्यार अब नहीं रहा, बस जिम्मेदारी है। दोनों ने माफ कर दिया, लेकिन दिल की दरारें अब भी बाकी हैं।

अब सवाल यह है:
क्या हर टूटा रिश्ता माफी और समझदारी से फिर से जुड़ सकता है?
या कुछ दरारें हमेशा के लिए रह जाती हैं?

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