“तलाक के 8 साल बाद पत्नी बनी बैंक मैनेजर, ऑटो चलाते मिला पति — फिर जो हुआ, वो दिल छू लेने वाला था!”

तलाक के बाद संघर्ष से सफलता तक: संगीता की प्रेरणादायक कहानी

उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में एक साधारण लेकिन ईमानदार परिवार रहता था। इस परिवार की सबसे बड़ी बेटी संगीता बचपन से ही होशियार और पढ़ाई में टॉपर थी। उसके माता-पिता को गर्व था कि उनकी बेटी एक दिन कुछ बड़ा करेगी। संगीता का सपना था पढ़ लिखकर नौकरी करना और परिवार का नाम रोशन करना।

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लेकिन जैसे-जैसे संगीता बड़ी हुई, मोहल्ले और रिश्तेदारों के दबाव बढ़ने लगे कि अब उसकी शादी हो जानी चाहिए। पिता भी मजबूर होकर संगीता को शादी के लिए राजी कर गए। दिल्ली के सतीश से शादी हुई, जो एक व्यापारी परिवार से था। शुरुआत में सब ठीक था, लेकिन जल्द ही दहेज की उम्मीदों और तानों ने संगीता की जिंदगी को मुश्किल बना दिया।

ससुराल में ताने, अपमान और मारपीट ने संगीता को तोड़ दिया। पति सतीश भी उसका साथ न देकर उसे अकेला छोड़ देता। जब हालात बेकाबू हो गए, तो संगीता मायके लौट आई। पिता ने ससुराल वालों से लड़ाई की, पंचायत हुई और अंत में रिश्ता टूट गया।

लेकिन संगीता ने हार नहीं मानी। उसने पढ़ाई जारी रखी, बैंकिंग की परीक्षा पास की और एक प्रतिष्ठित बैंक में मैनेजर बन गई। अब वह आत्मनिर्भर थी, अपने पैरों पर खड़ी थी।

किस्मत ने फिर एक दिन नया मोड़ दिया। बाजार से घर लौटते समय संगीता ने ऑटो रोका, और ड्राइवर को देखकर उसके कदम ठिठक गए — वह था उसका पहला पति सतीश, जो अब ऑटो चलाता था। सतीश ने हाथ जोड़कर माफी मांगी और दोबारा शादी करने की गुहार लगाई। उसने बताया कि उसकी दूसरी शादी दहेज के कारण टूट गई, कारोबार डूब गया और परिवार बिखर गया।

संगीता ने सतीश की बात सुनी, लेकिन कहा कि अब रिश्ता बराबरी और बिना दहेज के होगा। दोनों ने मंदिर में साधारण तरीके से फिर से शादी की। संगीता ने अपने पैसों से सतीश के लिए छोटा कारोबार शुरू कराया। मेहनत और प्यार से उनकी जिंदगी में खुशहाली आई, और एक बेटा भी हुआ जो उनके नए रिश्ते का प्रतीक बना।

आज संगीता और सतीश उसी घर में रहते हैं, लेकिन अब वहां ताने नहीं, प्यार और अपनापन है।

यह कहानी हमें सिखाती है कि दहेज सिर्फ रिश्ते नहीं तोड़ता, बल्कि इंसानियत भी छीन लेता है। लेकिन अगर इंसान अपनी गलती मानकर सचमुच बदल जाए, तो रिश्ते फिर से जुड़ सकते हैं।

आपका क्या विचार है? क्या संगीता का फैसला सही था? कमेंट में जरूर बताएं।

अगर आप चाहें तो मैं इस कहानी को और भी संक्षेप या विस्तार से लिख सकती हूँ।