दोनों पत्नियों में से किसको मिलेगा 500 करोड़ का हक || सलमान दिलाएंगे हेमा को इंसाफ

धर्मेंद्र देओल: एक दिग्गज की विरासत पर उठते सवाल — एक काल्पनिक रिपोर्ट

नवंबर 2025 — मनोरंजन जगत में हलचल मच गई जब एक काल्पनिक परिदृश्य में यह खबर सामने आई कि दिग्गज अभिनेता धर्मेंद्र देओल ने दुनिया को अलविदा कह दिया। इस कल्पित कथा में उनके जाने के बाद न सिर्फ़ पूरी इंडस्ट्री सदमे में है, बल्कि उनके परिवार के भीतर उठता विवाद सुर्खियों का केंद्र बन गया है।

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इस कहानी में, धर्मेंद्र के अंतिम संस्कार के बाद उनकी दो पत्नियों — प्रकाश कौर और हेमा मालिनी — के बीच उनकी लगभग 500 करोड़ की संपत्ति को लेकर गहन मतभेद पैदा हो जाते हैं। सोशल मीडिया पर बहस छिड़ जाती है — कुछ हेमा मालिनी के पक्ष में, तो कुछ प्रकाश कौर के समर्थन में आवाज़ उठा रहे हैं।

दो शोक सभाएं, दो परिवार — और एक खामोश जंग

इस काल्पनिक घटनाक्रम में अभिनेता के निधन के बाद मुंबई में दो अलग–अलग स्थानों पर शोक सभाएं रखी जाती हैं —
एक तरफ हेमा मालिनी का आयोजन, जहां आधी बॉलीवुड इंडस्ट्री शामिल होती है;
दूसरी ओर सनी देओल और उनकी मां प्रकाश कौर द्वारा आयोजित सभा, जिसमें बाकी कलाकार श्रद्धांजलि देने पहुंचते हैं।

कहानी में बताया गया है कि यह पहली बार है जब किसी स्टार के जाने के बाद परिवार दो हिस्सों में बंटकर श्रद्धांजलि देता दिखाई देता है।

वसीयत पर विवाद, संपत्ति पर सवाल

इस काल्पनिक रिपोर्ट के अनुसार, परिवार में एक कथित वसीयत सामने आती है, जो बाद में गलत साबित होती है। इसके बाद संपत्ति को लेकर कई नए सवाल खड़े हो जाते हैं—

क्या पूरा अधिकार पहली पत्नी प्रकाश कौर का है?

क्या हेमा मालिनी और उनकी बेटियों का हिस्सा अलग तय होगा?

छह बच्चों और दो पत्नियों के बीच बंटवारा कैसे होगा?

इन सवालों ने इस कल्पित कहानी को और भी दिलचस्प मोड़ दे दिया है।

धर्मेंद्र की अंतिम इच्छा — क्या वह पूरी हो पाएगी?

कथानक में बताया गया है कि धर्मेंद्र की अंतिम इच्छा थी कि उनका पूरा परिवार जुड़कर एक साथ रहे।
लेकिन उनकी कल्पित मृत्यु के बाद दोनों पक्षों में तनाव और बढ़ गया।

यहां तक कि अस्थियों के विसर्जन को लेकर भी दो मत उभरते हैं —
हेमा मालिनी अपने तरीके से रस्म निभाना चाहती हैं,
जबकि सनी देओल और प्रकाश कौर पारंपरिक पंजाबी रीति-रिवाजों का पालन करना चाहते हैं।

सोशल मीडिया की प्रतिक्रिया

इस कहानी में दर्शाया गया है कि सोशल मीडिया में बहस चरम पर है —

कुछ कहते हैं कि किसी एक पत्नी को झुक जाना चाहिए।

कुछ का मानना है कि बच्चों को एक साथ आकर फैसला लेना चाहिए।

कई लोग सोचते हैं कि धर्मेंद्र की आत्मिक शांति के लिए परिवार को एकजुट होना चाहिए।

इंडस्ट्री में हलचल — कौन करेगा सुलह?

इस काल्पनिक कथा में यह सवाल भी उठता है कि बॉलीवुड के वरिष्ठ कलाकारों में से किसी ने इस परिवार को समझाने की कोशिश क्यों नहीं की।
सनी देओल के गुस्से और हेमा मालिनी के स्वाभिमान को लेकर भी चर्चा होती है।

अंत में…

यह काल्पनिक रिपोर्ट मनोरंजन जगत की उस कड़वी सच्चाई को उजागर करती है कि चमक–दमक के पीछे परिवारों में मतभेद, संपत्ति के विवाद और टूटते रिश्ते किसी भी क्षण जन्म ले सकते हैं।

धर्मेंद्र जैसे सुपरस्टार की कहानी — चाहे वास्तविक हो या कल्पित — हमें यह सोचने पर मजबूर करती है कि आखिर किसी महान कलाकार की असली विरासत क्या होती है:
उनका नाम, उनका काम, या उनका परिवार?