धर्मेंद्र के बाद हेमा को धक्के देकर निकाला घर से || बिखर गया देओल परिवार

धर्मेंद्र देओल की अंतिम विदाई: राजकीय सम्मान के अभाव पर उठा विवाद, पीएम मोदी और बॉलीवुड ने जताई संवेदना

मुंबई।
बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता धर्मेंद्र देओल अब इस दुनिया में नहीं रहे, लेकिन उनके निधन के बाद कई सवाल खड़े हो गए हैं। सबसे बड़ा सवाल यही है कि आखिर धर्मेंद्र को राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई क्यों नहीं दी गई? देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रिया दी है।

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राजकीय सम्मान क्यों नहीं मिला?

धर्मेंद्र देओल ने अपने जीवन में न सिर्फ बॉलीवुड बल्कि इंसानियत के लिए भी मिसाल कायम की थी। उन्होंने अपनी कमाई का हिस्सा गरीबों में दान किया। उनके निधन के बाद फैंस और बॉलीवुड जगत के लोग उनके घर के बाहर जुटे रहे, लेकिन उन्हें अंतिम दर्शन का मौका नहीं दिया गया।

पीएम नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर कहा—
“मुझे भी लगता है कि धर्मेंद्र जी को राजकीय सम्मान मिलना चाहिए था। उन्हें ढेर सारे सम्मानों के साथ अंतिम विदाई दी जानी चाहिए थी, लेकिन यह परिवार का निजी फैसला था।”
मोदी जी ने यह भी कहा कि परिवार को आम लोगों के लिए एक सभा रखनी चाहिए, ताकि फैंस उन्हें अंतिम विदाई दे सकें।

अंतिम संस्कार में इतनी जल्दी क्यों?

धर्मेंद्र की हालत पिछले कुछ महीनों से बहुत गंभीर थी। डॉक्टरों के मुताबिक, वेंटिलेटर और दवाइयों के असर के कारण उनका शरीर कमजोर हो चुका था। पेट की बीमारी की वजह से डॉक्टरों ने सलाह दी थी कि ज्यादा देर तक पार्थिव शरीर को न रखा जाए। इसी कारण, परिवार ने जल्द से जल्द उनका अंतिम संस्कार कर दिया।

हेमा मालिनी भी अंतिम समय में उनके पास पहुंची थीं, लेकिन वे जल्द ही श्मशान से बाहर आ गईं। हेमा मालिनी की हालत भी बेहद खराब बताई जा रही है।

दो जगहों पर शोक सभा, परिवार में गहरा सदमा

धर्मेंद्र के निधन के बाद दो जगहों पर शोक सभाएं रखी गईं—

हेमा मालिनी के घर
प्रकाश कौर (पहली पत्नी) के घर

बॉलीवुड के कई सितारे दोनों जगह श्रद्धांजलि देने पहुंचे।

हेमा मालिनी के घर: गोविंदा, शिल्पा शेट्टी, सुनीता अहूजा
प्रकाश कौर के घर: सलमान खान, संजय दत्त, सुनील शेट्टी, अनिल कपूर, मलाइका अरोड़ा

दोनों पत्नियां और पूरा परिवार गहरे सदमे में है। सनी देओल और बॉबी देओल भी खुद को घर में कैद किए हुए हैं।

अस्थियों का विसर्जन भी दो जगह

धर्मेंद्र की अस्थियों को लेकर भी दोनों पत्नियों ने अलग-अलग तैयारियां की हैं। हेमा मालिनी और प्रकाश कौर दोनों अपने-अपने तरीके से धर्मेंद्र की अस्थियों का विसर्जन करेंगी।

आपकी राय क्या है?

क्या आपको लगता है कि धर्मेंद्र को राजकीय सम्मान मिलना चाहिए था? क्या परिवार को एकजुट होकर उन्हें अंतिम विदाई देनी चाहिए थी?
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हेमा मालिनी और प्रकाश कौर के लिए “गेट वेल सून” और धर्मेंद्र जी के लिए “ओम शांति” जरूर लिखें।

नोट:
इस रिपोर्ट में दी गई जानकारी सोशल मीडिया और विभिन्न स्रोतों से प्राप्त की गई है। इसकी पुष्टि हमारा चैनल नहीं करता है और ना ही किसी अफवाह को फैलाना उद्देश्य है।
हमें अपना कीमती समय देने के लिए धन्यवाद।

ओम शांति