बूढ़े को बैंक से बाहर निकालकर फंसा बैंक मैनेजर, फिर जो हुआ देख सबके होश उड़ गए!
कहानी: बुजुर्ग की इज्जत – बैंक मैनेजर को मिली सीख
क्या हुआ जब एक बुजुर्ग व्यक्ति को बैंक मैनेजर ने तिरस्कार के साथ बैंक से बाहर निकाल दिया? फिर जो हुआ, उसने पूरे शहर को हिला दिया।
.
.
.

कहानी की शुरुआत
सुबह 11 बजे, शहर के बड़े बैंक में चहल-पहल थी। तभी दरवाजे से एक बुजुर्ग, राजपाल सिंह जी, साधारण कपड़ों और झुर्रियों भरे चेहरे के साथ अंदर आए। उन्होंने काउंटर पर बैठी प्रियांशी से विनम्रता से कहा—”बेटी, मेरे अकाउंट में कुछ समस्या आ रही है, देखोगी?”
प्रियांशी ने कपड़े देखकर जज किया, “बाबा, कहीं आप गलत बैंक में तो नहीं आ गए?”
राजपाल जी ने विनम्रता से कहा—”बेटी, एक बार देख तो लो।”
प्रियांशी ने लिफाफा लिया, लेकिन ध्यान नहीं दिया और उन्हें वेटिंग एरिया में बैठा दिया।
बैंक का माहौल
बैंक के अमीर ग्राहकों के बीच बुजुर्ग का साधारण पहनावा मजाक और तिरस्कार का कारण बन गया। लोग फुसफुसा रहे थे—”यह भिखारी जैसा आदमी यहां क्या कर रहा है?”
राजपाल जी सब सुनते रहे, लेकिन शांत रहे।
मैनेजर का रवैया
रमेश नामक कर्मचारी ने बुजुर्ग से आदर से बात की, लेकिन जब मैनेजर को बताया, उसने बेरुखी से कहा—”बिठा दो, खुद ही चला जाएगा।”
एक घंटे बाद, राजपाल जी खुद मैनेजर के केबिन की ओर बढ़े। मैनेजर ने तिरस्कार से कहा—”बाबा, आपके अकाउंट में पैसे नहीं होंगे, इसलिए लेनदेन नहीं हो रहा। अब यहां से चले जाइए।”
राजपाल जी ने बस इतना कहा—”बेटा, मेरा अकाउंट एक बार चेक कर लो। फिर जो कहना हो, कह लेना।”
मैनेजर ने उन्हें बाहर निकाल दिया। जाते-जाते बुजुर्ग बोले—”तुम्हें इसका अंजाम भुगतना पड़ेगा।”

सच का खुलासा
रमेश ने बुजुर्ग का लिफाफा खोला, अकाउंट डिटेल्स देखी, तो हैरान रह गया—राजपाल सिंह जी इस बैंक के 60% शेयर के मालिक थे।
रमेश ने रिपोर्ट मैनेजर को दी, लेकिन मैनेजर ने नजरअंदाज कर दिया।
अगले दिन का धमाका
अगले दिन राजपाल सिंह जी बैंक में सूट-बूट पहने व्यक्ति के साथ आए। उन्होंने मैनेजर को बुलाया और कहा—”तुम्हें मैनेजर पद से हटा दिया गया है। अब रमेश नया मैनेजर होगा।”
मैनेजर घबराया, माफी मांगी। राजपाल जी बोले—”तुमने मुझे कपड़ों से जज किया, गरीब समझकर बाहर निकाला। यह इस बैंक की नीति के खिलाफ है। अमीर-गरीब सब बराबर हैं।”
प्रियांशी को भी समझाया—”कभी किसी ग्राहक को कपड़ों से मत जज करना।”
बैंक का माहौल बदल गया। अब सब अपने काम को ईमानदारी से करने लगे।
कहानी का संदेश
राजपाल सिंह जी ने दिखा दिया कि असली नेतृत्व सिर्फ मुनाफा नहीं, बल्कि इज्जत और इंसानियत से चलता है। बदलाव वहीं आता है, जहां नेतृत्व मजबूत हो।
अगर कहानी पसंद आई हो, तो लाइक करें और चैनल को सब्सक्राइब करें।
मिलते हैं अगली कहानी में।
जय हिंद, जय भारत!
यह कहानी हमें सिखाती है:
कभी किसी को उसके कपड़ों या हालात से मत आंकिए।
असली सम्मान हर इंसान का अधिकार है।
नेतृत्व वही है, जो सबको साथ लेकर चले।
News
मदद की आड़ में छुपा था बड़ा सच, अमीर और गरीब लड़की की कहानी ने सबको झकझोर दिया
मदद की आड़ में छुपा था बड़ा सच, अमीर और गरीब लड़की की कहानी ने सबको झकझोर दिया एक रात…
अमीर आदमी ने गरीब लड़की की मदद की लेकिन जब सच्चाई सामने आई तो उसके सबको हिला दिया
अमीर आदमी ने गरीब लड़की की मदद की लेकिन जब सच्चाई सामने आई तो उसके सबको हिला दिया एक रात…
रिश्तों की अदालत: थाने में रिपोर्ट लिखाने आई पत्नी के सामने बैठा उसका तलाकशुदा पति SP
रिश्तों की अदालत: थाने में रिपोर्ट लिखाने आई पत्नी के सामने बैठा उसका तलाकशुदा पति SP अधूरी शिकायत – एक…
रिपोर्ट लिखाने थाने पहुंची पत्नी, सामने बैठा SP निकला उसका तलाकशुदा पति
रिपोर्ट लिखाने थाने पहुंची पत्नी, सामने बैठा SP निकला उसका तलाकशुदा पति अधूरी शिकायत – एक रिश्ता, एक कसक बारिश…
डिलीवरी बॉय को बिना पैसे दिए धक्का मारकर भगा दिया, लेकिन अगले दिन वीडियो वायरल हुआ
डिलीवरी बॉय को बिना पैसे दिए धक्का मारकर भगा दिया, लेकिन अगले दिन वीडियो वायरल हुआ यह कहानी लखनऊ के…
बुजुर्ग को सबके सामने धक्का मारकर निकाला लेकिन अगले दिन जो हुआ बैंक मैनेजर..
बुजुर्ग को सबके सामने धक्का मारकर निकाला लेकिन अगले दिन जो हुआ बैंक मैनेजर.. कभी-कभी जिंदगी हमें ऐसे पल दिखाती…
End of content
No more pages to load



