पारिवारिक सुख और अचानक आया तूफान

नितिन, पूजा और उनका बेटा आर्यन — एक खुशहाल परिवार जिसकी मिसाल पड़ोसी भी देते थे।
एक रविवार की दोपहर, पूजा मार्केट गई और अपना फोन घर छोड़ गई।
नितिन ने पूजा के फोन पर आए एक संदिग्ध मैसेज पढ़ा — “कल तुमसे मिलकर अच्छा लगा, कब मिल रही हो फिर से?”
मैसेज सिद्धार्थ नाम के व्यक्ति का था।
नितिन के मन में शक घर कर गया — क्या पूजा उसे धोखा दे रही है?

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शक की आग और सच्चाई की तलाश

नितिन ने पुराने मैसेज देखे, सिद्धार्थ के कई मैसेज थे जिनमें मुलाकातों की बातें थीं।
नितिन बेचैन हो गया, लेकिन सीधे पूजा से कुछ नहीं पूछा।
अपने दोस्त अभिषेक से सलाह ली — उसने कहा, “जल्दबाजी मत करो, पहले पूरी सच्चाई जानो।”
नितिन ने पूजा का पीछा किया, लेकिन दो दिन तक कुछ संदिग्ध नहीं मिला।
तीसरे दिन पूजा एक कॉफी शॉप में सिद्धार्थ से मिली — नितिन ने देखा, पूजा बातों के दौरान रो रही थी।

सामना और बड़ा खुलासा

रात को नितिन ने पूजा से सीधे सवाल किया।
पूजा ने बताया — सिद्धार्थ उसका कॉलेज का दोस्त है, और वह सिर्फ उसकी मदद कर रही है।
नितिन ने कहा, “अगर सच है तो मुझे उससे मिलवाओ।”
अगले दिन सिद्धार्थ घर आया, उसने बताया कि वह पूजा का कॉलेज फ्रेंड है।
लेकिन नितिन का शक गहरा था।
आखिरकार पूजा ने रोते हुए सच बताया — सिद्धार्थ उसका पहला प्यार था, और कॉलेज में उनकी एक बेटी भी हुई थी, जिसका जन्म नितिन को नहीं बताया गया था।
सिद्धार्थ ने पूजा को बताया कि वह बच्ची (अनन्या) अब 7 साल की है और उसकी देखभाल सिद्धार्थ ने अकेले की है।

अतीत का सामना और नया संकट

पूजा अपनी बेटी से मिलना चाहती थी।
नितिन सहमत हुआ, दोनों सिद्धार्थ के घर गए और अनन्या से मिले।
लेकिन नितिन के मन में गुस्सा और दुविधा थी — क्या बच्ची को घर लाना ठीक होगा?
इसी बीच, एक अनजान नंबर से नितिन को मैसेज आया — “सिद्धार्थ पर भरोसा मत करो, वह प्रोफेशनल ठग है।”
नितिन ने सिद्धार्थ की सच्चाई जानने की ठान ली।
पता चला, सिद्धार्थ ऑफिस और घर दोनों जगह गायब था।
फिर विक्रम नामक व्यक्ति मिला, जिसने बताया कि सिद्धार्थ लड़कियों को ब्लैकमेल करता है, और बच्ची अनन्या भी उसकी साजिश का हिस्सा है।

पुलिस केस और संघर्ष

सिद्धार्थ ने पूजा से पैसे मांगने शुरू किए — “अनन्या की तबीयत खराब है, जल्दी पैसे भेजो।”
नितिन ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।
पुलिस ने सिद्धार्थ को रंगे हाथ पकड़ लिया, लेकिन गिरफ्तारी के दौरान नितिन घायल हो गया।
अस्पताल में पूजा नितिन के लिए दुआ करती रही।
आखिरकार नितिन खतरे से बाहर आया, सिद्धार्थ पर केस चला।
कोर्ट में सिद्धार्थ की असली पहचान — “राहुल वर्मा” — सामने आई, जो कई शहरों में अपराध कर चुका था।
गवाहों और सबूतों के आधार पर सिद्धार्थ को सजा हुई।

रिश्तों की सीख और नया विश्वास

कोर्ट से बाहर नितिन ने कहा — “तूफान तुम्हारी वजह से नहीं, मेरी असुरक्षा और शक से आया था।”
नितिन ने पूजा से माफी मांगी, पूजा ने भी अपनी गलती स्वीकार की।
दोनों ने फैसला किया — अब कभी कोई बात नहीं छुपाएंगे।
आर्यन के साथ उनका परिवार फिर से खुशहाल हो गया।

कहानी की सीख

रिश्तों में शक और गलतफहमियां सबसे बड़ा जहर हैं।
सच्चाई छुपाने से परेशानियां बढ़ती हैं, खुलकर संवाद जरूरी है।
विश्वास, माफ़ी और एक-दूसरे का साथ ही हर तूफान पार करवा सकता है।

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