💔 25 साल बाद ‘मरा हुआ’ बेटा SP बनकर लौटा ! माँ-बाप ने धक्के देकर निकाला… फिर जो हुआ चौंका देगा ! 😧

यह कहानी है बिहार के सोनपुर जिले के शिवपुर गांव की, जहां 25 साल पहले एक गरीब किसान रामलाल तिवारी और उनकी पत्नी सुमित्रा देवी का बेटा अर्जुन अचानक गायब हो गया था। उस दिन वे काशी वाराणसी में गंगा स्नान के लिए ट्रेन से यात्रा कर रहे थे। स्टेशन पर भारी भीड़ में अर्जुन का हाथ अपने पिता के हाथ से छूट गया और वह खो गया। परिवार ने पूरे वाराणसी में उसे ढूंढा, लेकिन वह कहीं नहीं मिला। थक हार कर उन्होंने मान लिया कि उनका बेटा अब इस दुनिया में नहीं है।

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सुमित्रा इस सदमे में चली गईं और उन्होंने कसम खाई कि अब वह कभी मां नहीं बनेंगी। समय बीतता गया, 25 साल बाद अचानक शिवपुर गांव में एक बड़ी सरकारी गाड़ी आई और उसमें से एक कड़क पुलिस अधिकारी उतरा। वह था एसपी अर्जुन तिवारी, जो अपने गांव और माता-पिता से मिलने आया था।

अर्जुन जब अपने पुराने घर पहुंचा और दरवाजा खटखटाया, तो उसकी मां सुमित्रा ने उसे अजनबी समझकर पहचानने से इंकार कर दिया। रामलाल भी उसे पैसे हड़पने वाला समझकर घर से बाहर निकाल दिया। अर्जुन टूट गया, लेकिन उसने हार नहीं मानी। उसने अपनी पहचान साबित करने के लिए अपने गले पर मौजूद जन्म के निशान को दिखाया।

सुमित्रा ने ध्यान से देखा और उसके पैरों तले जमीन खिसक गई। वह रोते हुए अर्जुन को गले लगा लिया। रामलाल अब भी यकीन नहीं कर पा रहे थे, तो अर्जुन ने बताया कि जब वह भीड़ में खो गया था, तब एक साधु महाराज ने उसे बचाया था। हादसे के कारण उसकी याददाश्त चली गई थी। साधु महाराज ने उसकी देखभाल की और उसे एक अनाथ आश्रम में भेज दिया, जहां उसने मेहनत से पढ़ाई की और एसपी बन गया। बाद में वही साधु महाराज उससे मिले और उसकी असली पहचान बताई। तब सारी यादें वापस आईं और अर्जुन ने फैसला किया कि वह अपने माता-पिता से मिलेगा।

सुमित्रा ने कहा, “मैंने कहा था ना भगवान के घर देर है लेकिन अंधेर नहीं, हमारा बेटा हमारे पास लौट आया है।” रामलाल ने भी अर्जुन को गले लगाते हुए माफी मांगी कि उन्होंने उसे पहचानने में देर कर दी।

पूरा गांव इस चमत्कार को देखकर हैरान रह गया। 25 साल बाद यह परिवार फिर से एक हो गया।

इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि भगवान के घर देर हो सकती है, लेकिन अंधेरा नहीं रहता।

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मिलते हैं अगली प्रेरणादायक कहानी के साथ।
जय हिंद!