Proparty के बंटवारे को लेकर सनी देओल और बॉबी देओल में हुई भयंकर लड़ाई

धर्मेंद्र देओल की विदाई और परिवार में उठता तूफ़ान — एक काल्पनिक विशेष रिपोर्ट

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नॉलेज ट्विस्ट | विशेष संवाददाता

मनोरंजन जगत पर आधारित एक काल्पनिक परिदृश्य में दिग्गज अभिनेता धर्मेंद्र देओल की कथित मृत्यु ने पूरे उद्योग को झकझोर दिया है।
31 अक्टूबर को गंभीर स्वास्थ्य खराब होने के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया—जहाँ लगभग दो सप्ताह तक वेंटिलेटर पर रखने के बावजूद स्थिति बिगड़ती चली गई।
और 24 नवंबर 2025 को, इस कल्पित कथा में, उन्होंने पंचतत्वों में विलीन होकर एक युग का अंत कर दिया।

लेकिन अभिनेता की भावनात्मक कविताओं, जीवन-दर्शन और गहरी संवेदनाओं के बीच, परिवार के भीतर संपत्ति और रस्मों को लेकर उठे विवादों ने और भी सवाल खड़े कर दिए हैं।


🕯️ दो शोकसभाएँ, एक परिवार—और बढ़ती खामोशी

इस काल्पनिक कहानी में सबसे बड़ा विवाद उस समय उभरता है जब—

हेमा मालिनी अपने आवास पर अलग शोकसभा रखती हैं

सनी देओल और प्रकाश कौर भी जूहू रेज़िडेंस में अलग श्रद्धांजलि समारोह आयोजित करते हैं

सोशल मीडिया पर यह सवाल गूंजता है:

जब धर्मेंद्र का सपना था कि उनका परिवार एकजुट रहे, तो उनकी अंतिम विदाई में पूरा परिवार साथ क्यों नहीं आया?

सलमान खान का परिवार प्रकाश कौर के घर पहुँचता है, वहीं कृति सेनन हेमा मालिनी के आवास पर श्रद्धांजलि देती हैं।
दोनों स्थानों पर भीड़ उमड़ती है—और तस्वीरें परिवार की टूटन की कहानी कहती प्रतीत होती हैं।


💸 500 करोड़ की संपत्ति पर कथित घमासान

इस काल्पनिक रिपोर्ट के मुताबिक, अभिनेता की लगभग 500 करोड़ की संपत्ति के बंटवारे पर घर के भीतर तनाव बढ़ने लगता है।

सूत्रों के हवाले से ये बातें सामने आती हैं—

क्या वसीयत वास्तव में मौजूद है?

कथित दस्तावेज़ में किसे कितना हिस्सा दिया गया है?

क्या कानूनन पहली पत्नी प्रकाश कौर ही वैध उत्तराधिकारी मानी जाएंगी?

क्या हेमा मालिनी और उनकी बेटियाँ कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाएँगी?

कथाओं में यह भी बताया गया कि एक कथित वसीयत में:

200 करोड़ प्रकाश कौर के नाम

200 करोड़ हेमा मालिनी के नाम

30-30 करोड़ सनी और बॉबी

और 40 करोड़ चारों बेटियों में

हालाँकि परिवार की ओर से कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं, जिससे बहस और गहरी होती जाती है।


🍽️ “धर्म ढाबा” पर भी भाइयों में कथित तनाव

काल्पनिक रिपोर्ट में एक और विवाद उभरकर सामने आता है:

अभिनेता के दो लोकप्रिय रेस्टोरेंट्स में से एक—धर्म ढाबा—सनी देओल के हिस्से में आए या बॉबी देओल संभालें?
बताया गया कि इस फैसले को लेकर दोनों भाइयों के बीच पहले से ही मतभेद मौजूद थे, जो अब और बढ़ गए हैं।


📝 कविताएँ और अंतिम संदेश—दर्शकों को भावुक करते हुए

इस कल्पित कहानी का सबसे भावनात्मक हिस्सा धर्मेंद्र की वे पंक्तियाँ हैं जो फैंस के बीच वायरल बताई जाती हैं—

“खामोशी को मेरी बदज़ाती ना समझना,
चाहत सबसे बदस्तूर बरकरार है।”

“तवक्को ना करो—उदासियां और बढ़ेंगी,
ख़ुद ही से जियो—ज़िंदगी संवर जाएगी।”

उनकी कविताएँ मानो अपने जीवन का आईना पेश करती हैं—
एक दिलचस्प दास्तान, जो पलों में बीत गई।


📌 अंत में—एक काल्पनिक रिपोर्ट का संदेश

यह पूरी कहानी एक क्रिएटिव, काल्पनिक समाचार प्रस्तुति है जो दिखाती है—

परिवारिक मतभेद कैसे दुख की घड़ी में और गहरे हो सकते हैं

प्रसिद्धि, संपत्ति और रीतियों के संघर्ष किस तरह चर्चाओं का केंद्र बन जाते हैं

और कैसे एक कलाकार की अंतिम इच्छा पूरी करना भी कभी-कभी मुश्किल हो जाता है

धर्मेंद्र जैसे सुपरस्टार का जीवन—वास्तविक हो या कल्पित—हमें यही सिखाता है:

आख़िर में मायने सिर्फ प्रेम, एकजुटता और रिश्तों की गर्माहट रखते हैं।