SDM Neelam Verma की सच्ची कहानी: अकेली महिला अधिकारी ने पूरे थाने को हिला कर रख दिया!
एसडीओ बरनाली सिंह की सच्ची कहानी: एक अकेली महिला अधिकारी ने पूरे सिस्टम को हिला दिया!
बरनाली सिंह, एक युवा और साहसी एसडीओ, अपनी सहेली की शादी में जाने के लिए आम लड़की की तरह तैयार हुई थी। ना कोई सरकारी गाड़ी, ना सुरक्षा – बस खुद ही मोटरसाइकिल चलाते हुए निकल पड़ी। रास्ते में हसनाबाद शहर के पास एक पुलिस चेक पोस्ट आया। वहां तीन-चार पुलिसकर्मी और एक इंस्पेक्टर, प्रोसेसजीत, मौजूद थे। उन्होंने बरनाली को रोक लिया।
इंस्पेक्टर ने उसकी सादगी पर हँसी उड़ाई, हेलमेट ना पहनने का बहाना बनाकर चालान काटने लगा। बरनाली ने शांति से जवाब दिया, लेकिन इंस्पेक्टर का व्यवहार और कठोर हो गया। उसने बरनाली को थप्पड़ मार दिया, बाल खींचे, और जबरन थाने ले जाने की कोशिश की। बरनाली ने अब भी अपनी असली पहचान नहीं बताई। वह देखना चाहती थी कि सिस्टम की असलियत क्या है।.
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थाने में उसे झूठे केस में फँसाने की कोशिश की गई। इंस्पेक्टर ने चोरी और ब्लैकमेलिंग जैसे आरोप लगाए बिना किसी सबूत के। बरनाली को बदबूदार हवालात में डाल दिया गया। वहां दो कैदी पहले से थे, लेकिन बरनाली चुप रही। उसने सबकुछ देखा, सुना और समझा – आम नागरिकों के साथ पुलिस क्या करती है।
कुछ देर बाद, सीनियर इंस्पेक्टर संजय वर्मा पहुंचे। उन्होंने बरनाली की हालत देखी और सवाल पूछे। इंस्पेक्टर प्रोसेसजीत घबरा गया। तभी कमिश्नर साहब भी थाने आ पहुंचे। उन्होंने सबूत मांगे, लेकिन इंस्पेक्टर के पास कोई सबूत नहीं था। कमिश्नर ने बरनाली से नाम पूछा, और पहली बार बरनाली ने मुस्कुरा कर कहा – “एसडीओ बरनाली सिंह।”
पूरा थाना सन्न रह गया। प्रोसेसजीत के पैरों तले जमीन खिसक गई। जिस महिला को वह मामूली अपराधी समझ रहा था, वही जिले की प्रशासनिक अधिकारी थी। कमिश्नर ने तुरंत कार्रवाई के आदेश दिए। प्रोसेसजीत ने ट्रांसफर ऑर्डर दिखाने की कोशिश की, लेकिन उसे बचाया नहीं जा सकता था। बरनाली ने साफ कह दिया – अब तेरा नया ठिकाना वही होगा जहां तू दूसरों को डाला करता था।
प्रोसेसजीत ने बाकी पुलिसकर्मियों को भी घसीटना चाहा, लेकिन बरनाली ने कमिश्नर से कहा – अब पूरा थाना साफ करना होगा। कमिश्नर ने भी आदेश दे दिया – सबका हिसाब होगा। पत्रकारों को खबर लगी, ब्रेकिंग न्यूज़ वायरल हो गई। एसपी साहब भी थाने पहुंचे, लेकिन उनके भी काले कारनामे सामने आ गए। बरनाली ने सबूतों के साथ उन्हें चुनौती दी। कमिश्नर ने तुरंत गिरफ्तारी का आदेश दिया।
दो ही दिनों में पूरे जिले के 40 से ज्यादा पुलिस अफसर, 10 बड़े अधिकारी और कुछ नेता गिरफ्तार कर लिए गए। हसनाबाद जिले में एक नई हवा बहने लगी। हर जुबान पर सिर्फ एक नाम – एसडीओ बरनाली सिंह। उनकी ईमानदारी और साहस ने पूरे सिस्टम को बदल दिया।
बरनाली सिंह ने साबित कर दिया – अगर मन साफ हो, नियत सच्ची हो, तो पूरा देश भी सुधारा जा सकता है। उनकी कहानी आज भी सबको प्रेरणा देती है कि एक अकेला इंसान भी बदलाव ला सकता है।
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