करोड़पति ने तलाकशुदा पत्नी को शादी में बेइज़्ज़त करने बुलाया – पर वह जुड़वां बच्चों संग पहुँची!

एक अमीर और अहंकारी बिजनेसमैन राजीव मल्होत्रा अपनी भव्य शादी में अपनी पूर्व पत्नी को बुलाता है, ताकि सबके सामने उसे अपमानित कर सके। उसे लगता था कि उसकी पुरानी पत्नी सुनीता टूटी हुई और उदास होकर आएगी, लेकिन जब सुनीता तीन नन्हे बच्चों का हाथ थामे एक चमचमाती रोल्स रॉयस से उतरी, तो पूरा माहौल बदल गया। जिसे कभी बांझ कहकर घर से निकाला गया था, वही आज तीन बच्चों की मां बनकर सबके सामने खड़ी थी।

राजीव की दुनिया बाहर से शानो-शौकत से भरी थी – महंगे बंगले, गाड़ियां, पार्टियां। लेकिन इस चकाचौंध के पीछे छिपा था क्रूर व्यवहार। सुनीता, जो सात साल पहले एक संस्कारी लड़की के रूप में उसकी जिंदगी में आई थी, घर-परिवार को संभालने और प्यार की उम्मीद लेकर आई थी। मगर राजीव के लिए शादी सिर्फ एक सौदा था – वारिस पैदा करने का।

साल दर साल बीतते गए, लेकिन जब बच्चे नहीं हुए तो राजीव का प्यार तिरस्कार में बदल गया। वह सुनीता को सबके सामने बांझ कहता, ताने देता और आखिरकार घर से निकाल देता। टूटे दिल के साथ सुनीता अपनी सहेली अनीता के घर पहुंची। वहीं से उसकी जिंदगी का नया अध्याय शुरू हुआ। डॉक्टरों की रिपोर्ट ने सच्चाई उजागर कर दी – कमी सुनीता में नहीं, बल्कि राजीव में थी।

इस सच्चाई ने सुनीता को मजबूत बना दिया। उसने अपने पैरों पर खड़ा होने का फैसला किया और एक छोटा सा ढाबा शुरू किया। धीरे-धीरे मेहनत और सच्चाई से उसका ढाबा मशहूर हो गया। इसी दौरान उसकी मुलाकात अजय से हुई, जो उसके जीवन में सुकून और सम्मान लेकर आया। दोनों ने शादी की और जल्द ही सुनीता मां बनी। भगवान ने उसे तीन-तीन बच्चों का आशीर्वाद दिया।

इधर, राजीव अपनी झूठी शानो-शौकत में जी रहा था, लेकिन अंदर से खालीपन और लोगों की फुसफुसाहट उसे खाए जा रही थी। उसने अपनी इज्जत वापस पाने के लिए दोबारा शादी का नाटक रचा और सुनीता को बुलाकर सबके सामने नीचा दिखाना चाहा। मगर किस्मत को कुछ और ही मंजूर था।

शादी के दिन जब सुनीता तीन बच्चों और अजय के साथ शालीनता और आत्मविश्वास से भरी हुई पहुंची, तो सबकी आंखें फटी की फटी रह गईं। राजीव का घमंड मिट्टी में मिल गया। उसकी होने वाली दुल्हन ने शादी तोड़ दी और सबके सामने सच सामने आ गया। राजीव शर्म से झुक गया और सुनीता से माफी मांगी।

सुनीता ने शांत स्वर में कहा –
“मैंने तुम्हें बहुत पहले माफ कर दिया था, राजीव। लेकिन याद रखना, इज्जत और प्यार पैसों से नहीं खरीदे जा सकते।”

उसकी बातों पर पूरा हॉल तालियों से गूंज उठा। राजीव अकेला और शर्मिंदा रह गया, जबकि सुनीता अपने बच्चों और नए जीवन के साथ सम्मान और खुशियों की मिसाल बन गई।

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