गरीब बच्ची ने सिर्फ दो रुपए मांगे थे… करोड़पति पति-पत्नी ने जो किया, इंसानियत रोने लगी

गाजियाबाद की चमचमाती सड़कों पर 9 साल की कोमल भीख मांग रही थी। उसकी आंखों में भूख और संघर्ष की कहानी थी। एक दिन, करोड़पति विक्रम सिन्हा और उनकी पत्नी पूजा, जो एक काली BMW में थे, ने कोमल को देखा। पूजा ने विक्रम से कहा, “इस बच्ची की आंखों में रोती हुई मासूमियत है।” विक्रम ने सहमति जताई और पूजा को गाड़ी रोकने के लिए कहा।

मदद का हाथ

पूजा ने कोमल से पूछा, “तुम्हारा नाम क्या है?” कोमल ने जवाब दिया, “कोमल।” पूजा ने कहा, “अगर तुम्हें भीख मांगना बंद करना पड़े, तो क्या तुम तैयार हो?” कोमल ने डरते हुए कहा, “फिर खाऊंगी क्या?” यह सुनकर पूजा का दिल टूट गया। विक्रम ने पास की दुकान से स्टेशनरी का सामान खरीदकर कोमल को दिया और कहा, “तुम यह बेचोगी, और भीख नहीं मांगोगी।”

नई शुरुआत

कोमल ने मेहनत से पेन और कॉपियां बेचना शुरू किया। धीरे-धीरे उसका हौसला बढ़ा और उसने ठेला खरीद लिया। अब वह न केवल अपने लिए, बल्कि दूसरों के लिए भी काम करने लगी। उसकी मेहनत ने 100 से ज्यादा बच्चों को प्रेरित किया।

बदलती दुनिया

कोमल की सफलता की कहानी सुनकर विक्रम और पूजा ने गर्व महसूस किया। लेकिन उनके बेटे, जो पहले उनकी संपत्ति के लिए लालायित थे, अब उन्हें नजरअंदाज कर रहे थे। जब विक्रम और पूजा ने अपने बच्चों से सहारा मांगा, तो उन्होंने मना कर दिया।

पुनर्मिलन

एक दिन, कोमल ने विक्रम और पूजा को अपने घर बुलाया। उसने कहा, “आप दोनों मेरे लिए बहुत खास हैं। मैं चाहती हूं कि आप मेरे साथ रहें।” विक्रम और पूजा ने उसे गले लगाया और आंसू बहाए। उन्होंने महसूस किया कि असली रिश्ते इंसानियत में होते हैं।

निष्कर्ष

इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि एक छोटी सी मदद किसी की पूरी जिंदगी बदल सकती है। इंसानियत और दया का रिश्ता सबसे मजबूत होता है। हमें हमेशा एक-दूसरे की मदद करनी चाहिए और बुजुर्गों का सम्मान करना चाहिए।

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