जब इंस्पेक्टर ने सुश्री आईपीएस से रिश्वत मांगी, तो उन्होंने इंस्पेक्टर के साथ क्या किया?

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जब इंस्पेक्टर ने आईपीएस मैडम से रिश्वत मांगी: जिले के सबसे बड़े अधिकारीयों का थाने में पर्दाफाश

लखनऊ की एक गर्म दोपहर थी। जिले के सबसे बड़े अधिकारी डीएम अभिजीत वर्मा और आईपीएस हानिया अमीर ने एक भ्रष्ट थाने का पर्दाफाश करने का फैसला किया। दोनों ने पति-पत्नी का रूप धारण किया, साधारण कपड़े पहने और डीएम ने अपनी बनियान के अंदर एक छोटा छुपा हुआ कैमरा फिट कर लिया। उनका मकसद था कि वे थाने के अंदर छुपे भ्रष्टाचार को सबके सामने लाएं।

दोनों गुप्त रूप से थाने में दाखिल हुए। गेट पर एक हवलदार बैठा था जिसने घूस की मांग की। डीएम ने ₹400 देने की कोशिश की, लेकिन हवलदार ने ₹500 की डिमांड पर अड़ गए। अंततः ₹400 देकर वे अंदर घुसे। अंदर का नजारा देखकर दोनों दंग रह गए। थाने का माहौल पूरी तरह अव्यवस्थित था। इंस्पेक्टर रणवीर सिंह आराम से टांग पर टांग चढ़ाए बैठा था और दो हवलदार उसकी मालिश कर रहे थे। ऐसा लग रहा था जैसे वह कोई दबंग सरगना हो, न कि कानून का रखवाला।

डीएम और आईपीएस ने इंस्पेक्टर के सामने जाकर रिपोर्ट लिखवाने की बात कही, तो इंस्पेक्टर ने खुलकर ₹5000 रिश्वत की मांग कर दी। जब पैसे देने से मना किया गया, तो उसने अभिजीत वर्मा को थप्पड़ मार दिया। अभिजीत और हानिया ने अपनी असली पहचान छुपाई रखी, लेकिन कैमरे में सारी हरकतें रिकॉर्ड हो रही थीं।

इंस्पेक्टर ने अभिजीत से कहा, “पैसे हैं तो रिपोर्ट लिखेगी, नहीं तो दफा हो जाओ।” अभिजीत ने शांतिपूर्वक कहा कि यह रिश्वत लेना कानूनन अपराध है और पुलिस का काम जनता को न्याय दिलाना है। इंस्पेक्टर ने धमकी दी कि अगर ज्यादा जुबान चलाई तो वह उसे चलने लायक नहीं छोड़ेगा।

डीएम और आईपीएस ने संयम रखा और इंस्पेक्टर की हरकतें रिकॉर्ड करते रहे। उन्होंने इंस्पेक्टर को ₹4000 दिए और किसान होने का नाटक करते हुए जमीन के विवाद की कहानी बताई। इंस्पेक्टर ने कहा कि जमींदार गांव का सबसे बड़ा आदमी है, जिसके खिलाफ वह कुछ नहीं कर सकता। उसने साफ मना कर दिया कि रिपोर्ट नहीं लिखेगा।

हानिया अमीर का खून खौल उठा, लेकिन उन्होंने संयम बनाए रखा। अभिजीत ने फिर से रिपोर्ट लिखवाने की विनती की, लेकिन इंस्पेक्टर ने जोर से चिल्लाकर कहा कि वह रिपोर्ट नहीं लिखेगा और लोगों को बाहर निकालने की धमकी दी।

डीएम और आईपीएस ने थाने से बाहर निकल कर पूरी फाइल तैयार की और अगले दिन कोर्ट में मामला पेश किया। कोर्ट परिसर में भारी भीड़ जमा हो गई। मीडिया, नेता और पुलिस अधिकारी सभी इस मामले में रुचि दिखा रहे थे।

कोर्ट में डीएम और आईपीएस ने अपने सबूत पेश किए। बड़ी स्क्रीन पर थाने में रिश्वत मांगने, रिपोर्ट लिखने से मना करने और थप्पड़ मारने की वीडियो दिखाई गई। वीडियो देखकर पूरा कोर्ट स्तब्ध रह गया।

रणवीर सिंह के वकील ने वीडियो को झूठा और एडिटेड बताया, लेकिन आईपीएस हानिया अमीर ने दृढ़ता से कहा कि यह वीडियो उन्होंने और डीएम ने खुद रिकॉर्ड किया है। अदालत ने इंस्पेक्टर को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया और भ्रष्टाचार के आरोप में 10 साल की सजा सुनाई।

कोर्ट से बाहर जनता ने डीएम और आईपीएस का जोरदार स्वागत किया। हानिया अमीर ने कहा, “यह जीत सिर्फ हमारी नहीं, बल्कि पूरे जिले की है। अब कोई भी अधिकारी जनता के साथ अन्याय नहीं कर सकेगा।” अभिजीत वर्मा ने कहा, “न्याय हमेशा जीतता है, बुराई चाहे कितनी भी ताकतवर क्यों न हो।”

यह कहानी साबित करती है कि भ्रष्टाचार और अन्याय के खिलाफ लड़ाई में हिम्मत और सच्चाई की जीत होती है। जब अधिकारी अपनी जिम्मेदारी निभाते हैं और जनता के साथ खड़े होते हैं, तो कोई भी भ्रष्टाचार टिक नहीं सकता।

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