“तलाकशुदा पत्नी ने झूठे केस में “अपने ही पति को जेल भिजवा दिया… “फिर जो हुआ…

कहते हैं हर चमकती चीज सोना नहीं होती और हर मुस्कुराते चेहरे के पीछे एक कहानी छिपी होती है, दर्द, धोखा और साजिश की। यह कहानी एक ऐसे इंसान की है जिसने प्यार में सब कुछ दिया और बदले में मिला एक झूठा इल्जाम। क्या वाकई वह गुनहगार था या उसके खिलाफ रची गई थी कोई चाल? कौन था सच्चा? कौन था झूठा? इसका जवाब आपको कहानी के आखिर में मिलेगा।

दिल्ली की सड़कों पर

दिल्ली के पौश इलाके में स्थित विशाल मेहरा मैशन रात को भी जगमगा रहा था। चारों तरफ ऊंचे ऊंचे पेड़, खूबसूरत लॉन, विदेशी कारों से भरा गैराज और मुख्य दरवाजे पर खड़े सर्द निगाहों वाले सिक्योरिटी गार्ड। यह घर मेहरा इंडस्ट्रीज के मालिक अर्जुन मेहरा का था। अर्जुन उम्र 34 साल, लंबा चौड़ा, बेहद आकर्षक और सफल बिजनेसमैन। उसके पिता राजेंद्र मेहरा ने जीरो से शुरुआत कर अरबों का साम्राज्य खड़ा किया था। लेकिन राजेंद्र अब रिटायर होकर अपनी पत्नी सविता मेहरा के साथ घर में शांत जीवन बिताते थे।

शादी का सुखद सपना

अर्जुन की जिंदगी में एक ऐसा तूफान आ चुका था जिसने उसके पूरे अस्तित्व को हिला दिया था। तीन साल पहले अर्जुन ने अपने ही कॉलेज की खूबसूरत, होशियार और आत्मविश्वासी लड़की सान्या कपूर से शादी की थी। सान्या दिल्ली की एक हाई प्रोफाइल फैमिली से थी। उनकी शादी को मीडिया ने भी कवर किया था। सबको लगा था कि यह पावर कपल इंडिया के बिजनेस और सोसाइटी पेजेस पर छा जाएगा।

शादी के शुरुआती महीने बहुत सपनों जैसे बीते। सान्या स्टाइलिश, स्मार्ट और पार्टी लवर थी, जबकि अर्जुन सीधा साधा लेकिन जिम्मेदार इंसान। लेकिन धीरे-धीरे दोनों की सोच में अंतर सामने आने लगा। अर्जुन बिजनेस पर फोकस करता था जबकि सान्या सोशल सर्कल, क्लब्स और अपनी आजादी में जीती थी। अर्जुन ने कई बार सान्या को समझाने की कोशिश की कि बिजनेस में धोखाधड़ी और कॉर्पोरेट पॉलिटिक्स से बचने के लिए उसे भी संभल कर रहना चाहिए। लेकिन सान्या के कानों पर जू तक नहीं रेंगी।

धोखे का सामना

फिर एक दिन अचानक सान्या ने अर्जुन पर मानसिक उत्पीड़न, घरेलू हिंसा और धोखाधड़ी के गंभीर आरोप लगाते हुए तलाक की अर्जी दे दी। मीडिया में यह खबर आग की तरह फैल गई। मेहरा फैमिली का इकलौता बेटा निकला औरतों पर हाथ उठाने वाला। हेडलाइन बन गई। अर्जुन पर आरोप इतने संगीन थे कि पुलिस ने उसे बिना देर किए गिरफ्तार कर लिया। पूरे बिजनेस जगत में हड़कंप मच गया। अर्जुन को यह किसी बुरे सपने जैसा लग रहा था। वह जानता था कि उसने कभी सान्या को चोट तक नहीं पहुंचाई।

सच्चाई की खोज

लेकिन सान्या ने चतुराई से फेक मेडिकल रिपोर्ट, झूठे गवाह और फर्जी सबूत पेश कर दिए। जेल की सलाखों के पीछे पहली रात अर्जुन को नींद नहीं आई। उसके मन में बस एक सवाल गूंज रहा था, “सान्या, तुमने ऐसा क्यों किया?” अर्जुन के जेल जाते ही मीडिया ने मेहरा परिवार को घेर लिया। उनके माता-पिता बदहवास हो गए। खासकर मां सविता मेहरा के लिए यह सदमा असनीय था। उन्होंने हमेशा सान्या को बेटी की तरह अपनाया था।

बिजनेस बोर्ड में भी हलचल मच गई। मेहरा इंडस्ट्रीज के डायरेक्टर्स को लगा कि इस कैंडल से कंपनी की इमेज बुरी तरह प्रभावित होगी। शेयर प्राइस गिरने लगे। इसी अंधेरे दौर में अर्जुन से मिलने एक पुराना कॉलेज फ्रेंड राहुल मल्होत्रा आया। राहुल अब एक सफल क्रिमिनल लॉयर था। कॉलेज के दिनों में अर्जुन ने उसकी कई बार मदद की थी। राहुल ने अर्जुन की आंखों में देखते हुए कहा, “अर्जुन, मैं जानता हूं, तुम निर्दोष हो। तुमने मुझे कभी झूठ नहीं बोला। मैं तुम्हें इस जाल से बाहर निकालूंगा। चाहे कीमत कुछ भी हो।”

उम्मीद की किरण

अर्जुन ने पहली बार राहत की सांस ली। राहुल ने तुरंत केस स्टडी शुरू की। उसने देखा कि सान्या ने घरेलू हिंसा, 498, मानसिक उत्पीड़न और संपत्ति में धोखाधड़ी जैसे गंभीर आरोप लगाए हैं। साथ ही एक मेडिकल रिपोर्ट जिसमें सान्या के हाथ में चोट दिखाई गई थी। राहुल को रिपोर्ट में कुछ गड़बड़ महसूस हुई। उसने अपने एक डॉक्टर दोस्त से चेक कराया। डॉक्टर ने बताया कि यह रिपोर्ट में बताई गई चोट कम से कम 3 महीने पुरानी है, जबकि सान्या कह रही थी कि चोट शादी के बाद झगड़े में हुई।

सच्चाई की खोज

राहुल ने धीरे-धीरे सान्या के सोशल मीडिया और उसके बैंक रिकॉर्ड्स की पड़ताल शुरू की। तभी उसे एक चौंकाने वाली बात पता चली। सान्या का गुप्त अफेयर। सान्या दिल्ली के एक रियलस्टेट टुकरान ओबेरॉय के साथ पिछले एक साल से रिलेशनशिप में थी। करण काफी चालाक और लालची आदमी था। राहुल ने अनुमान लगाया कि सान्या ने शायद अर्जुन से तलाक के बहाने भारी मुआवजा झटकने और मेहरा फैमिली की प्रॉपर्टी पर दावा करने की साजिश रची है।

राहुल ने यह जानकारी अर्जुन के माता-पिता को भी दी। राजेंद्र मेहरा का गुस्सा सातवें आसमान पर था। लेकिन उन्होंने खुद को संभालते हुए कहा, “अर्जुन को जेल से निकालना है। सच्चाई को साबित करना है। लेकिन यह काम दिमाग से होगा, गुस्से से नहीं।”

जेल की कठिनाइयाँ

इधर जेल में अर्जुन टूट चुका था। रातों को जाग जाग कर सोचता। “क्या मेरा प्यार इतना कमजोर था कि सान्या ने मुझे इस तरह धोखा दे दिया? क्या उसने मुझे सिर्फ मेरे पैसे के लिए अपनाया था?” राहुल ने उसे हिम्मत दी। “भाई, सच्चाई की जीत होगी। बस तुम हिम्मत मत हारो।”

सुनवाई का समय

केस की सुनवाई शुरू हुई। मीडिया कैमरों के सामने सान्या आत्मविश्वास से खड़ी थी। उसने वकीलों के साथ मिलकर अपनी बात बड़े नाटकीय तरीके से रखी। “माय लॉर्ड, अर्जुन मेहरा ने मेरी जिंदगी नरक बना दी। उसने मुझ पर हाथ उठाया। मानसिक रूप से तोड़ा और प्रॉपर्टी में धोखा दिया। मैं उसके खिलाफ इंसाफ चाहती हूं।” हर शब्द पर कैमरे चमक उठते।

अर्जुन का दर्द

अर्जुन चुपचाप खड़ा था। पर उसकी आंखों में गुस्सा और दर्द साफ दिख रहा था। राहुल ने अपनी दलील में कहा, “माय लॉर्ड, अभी ओजन पक्ष के सारे सबूत झूठे और गढ़े हुए हैं। मेडिकल रिपोर्ट फर्जी है और सान्या का चरित्र संदिग्ध है। मेरे पास ऐसे साक्ष्य हैं जो सच्चाई उजागर करेंगे।”

सच्चाई का सामना

राहुल ने सबसे पहले मेडिकल रिपोर्ट की धज्जियां उड़ाई। उसने कोर्ट में डॉक्टर का बयान दिलवाया कि रिपोर्ट पुरानी चोट पर आधारित थी और सान्या के दावे से मेल नहीं खाती। फिर उसने सान्या और करण के बीच हुए मैसेज, होटल बुकिंग्स और बैंक ट्रांजैक्शंस के सबूत पेश किए। यह देखकर पूरा कोर्ट रूम सन्न रह गया। सान्या के चेहरे का रंग उड़ गया।

नया दांव

लेकिन उसने तुरंत नया दांव खेला। उसने कहा, “यह सब मेरे निजी जीवन को बदनाम करने की कोशिश है। मेरा करण से कोई अफेयर नहीं है। यह अर्जुन की फैमिली की साजिश है।” लेकिन राहुल यहीं नहीं रुका। उसने प्राइवेट इन्वेस्टिगेटर की रिपोर्ट पेश की जिसमें साफ लिखा था कि सान्या और करण पिछले एक साल से साथ रह रहे थे।

अंतिम वार

राहुल ने आखिरी वार करते हुए कहा, “माय लॉर्ड, यह एक साफ साजिश है झूठे आरोपों से अर्जुन मेहरा की इमेज खराब करने और मेहरा फैमिली की प्रॉपर्टी पर दावा करने की।” कोर्ट में सन्नाटा छा गया। मीडिया के कैमरे अब सान्या पर टिकी थी। जैसे-जैसे सबूत सामने आते गए, सान्या की कहानी ढहने लगी।

सच्चाई का खुलासा

करण ओबेरॉय को भी कोर्ट में तलब किया गया। पहले तो करण ने सान्या का साथ दिया। लेकिन जब राहुल ने उसके खिलाफ टैक्स चोरी और अवैध डील्स के सबूत पेश किए तो करण टूट गया। करण ने कोर्ट में कबूल कर लिया कि सान्या ने उससे मिलकर अर्जुन के खिलाफ साजिश रची थी। उसने कहा, “सान्या चाहती थी कि तलाक में उसे भारी रकम और मेहरा मैशन का हिस्सा मिले। मैंने सिर्फ उसे सपोर्ट किया क्योंकि मुझे भी मेहरा इंडस्ट्रीज के प्रोजेक्ट्स में फायदा चाहिए था।”

कोर्ट का फैसला

यह सुनकर कोर्ट हिल गया। मीडिया में हंगामा मच गया। जज ने कड़े शब्दों में कहा, “सान्या कपूर ने ना केवल अदालत को गुमराह किया बल्कि निर्दोष व्यक्ति पर झूठे आरोप लगाकर उसकी जिंदगी बर्बाद करने की कोशिश की। इस तरह के फर्जी मुकदमों को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।” अर्जुन को तुरंत बरी कर दिया गया। सान्या के खिलाफ झूठी गवाही और धोखाधड़ी के मामले दर्ज हो गए।

जश्न का माहौल

मेहरा मैशन में उस दिन जश्न का माहौल था। लेकिन अर्जुन के चेहरे पर मुस्कान नहीं थी। उसने अपने माता-पिता के गले लगते हुए कहा, “मैं जीत गया। लेकिन इस लड़ाई ने मुझे तोड़ दिया।” उसकी मां ने उसके सिर पर हाथ रखकर कहा, “बेटा, तू हारा नहीं है। तूने सच्चाई की लड़ाई जीती है। बस अब फिर से खुद को जोड़ने की हिम्मत रख।”

नई शुरुआत

कुछ महीनों बाद अर्जुन ने धीरे-धीरे अपनी जिंदगी को पटरी पर लाना शुरू किया। राहुल उसके बिजनेस का लीगल हेड बन गया। मेहरा इंडस्ट्रीज ने एक बार फिर बाजार में अपनी साख बना ली। अर्जुन अब पहले जैसा मासूम नहीं था। उसने रिश्तों को लेकर सतर्क रहना सीख लिया था। लेकिन उसके भीतर अभी भी इंसानियत बाकी थी।

अचानक मुलाकात

एक दिन वह कोर्ट के बाहर किसी दूसरे केस के सिलसिले में गया। वहां उसने देखा सान्या जेल से जमानत पर बाहर आई थी। लेकिन पूरी तरह टूट चुकी थी। उसके चेहरे पर पछतावे की छाया थी। सान्या ने धीरे से कहा, “अर्जुन, मैं गलत थी। लालच ने मुझे अंधा कर दिया। मैंने तुम्हें खो दिया और खुद को भी।”

माफ करने का साहस

अर्जुन ने उसे कुछ देर चुपचाप देखा। फिर बस इतना कहा, “सान्या, जिंदगी इंसाफ करती है। मैंने तुम्हें माफ किया लेकिन मैं कभी भूल नहीं पाऊंगा।” सान्या के आंसू छलक पड़े। अर्जुन वापस अपनी कार की तरफ बढ़ गया। उसके चेहरे पर इस बार अजीब सी शांति थी।

सच्चाई की जीत

वह जान चुका था कि बदला हमेशा जरूरी नहीं होता। कभी-कभी सच्चाई ही सबसे बड़ा जवाब बन जाती है। कुछ महीने बाद अर्जुन के जीवन में एक नई शुरुआत हुई। वह एक चैरिटी प्रोजेक्ट के तहत अनन्या शर्मा नाम की एक सशक्त और संवेदनशील लड़की से मिला। अनन्या को उसकी सादगी और जज्बा भा गया। धीरे-धीरे दोनों के बीच दोस्ती और फिर भरोसा पनपने लगा।

निष्कर्ष

अर्जुन ने महसूस किया कि टूटा हुआ दिल भी समय के साथ फिर से धड़कना सीख सकता है। यह कहानी हमें सिखाती है कि सच्चाई देर से सही लेकिन जीतती है। झूठ और लालच का अंत हमेशा विनाश में होता है। टूटे रिश्तों के बाद भी इंसान अपने जीवन को नया आयाम दे सकता है। कभी-कभी जिंदगी हमें ऐसे मोड़ पर ला देती है जहां झूठ और सच के बीच की रेखा बहुत पतली हो जाती है। लेकिन सच्चाई का रास्ता कठिन जरूर होता है, पर अंत में जीत उसी की होती है जो सच्चा होता है।

अर्जुन ने सब कुछ खोकर भी खुद को टूटने नहीं दिया। उसने दुनिया को यह साबित कर दिया कि इंसाफ देर से मिल सकता है लेकिन मिलता जरूर है। तो दोस्तों, यह थी एक दिल को छू लेने वाली सच्चाई। एक पति की, एक इंसान की और एक सच्चे दिल की।

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