धर्मेंद्र के अंतिम संस्कार के दौरान हेमा मालिनी के साथ हुई बड़ी नाइंसाफी! Hema Malini ! Dharmendra

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धर्मेंद्र के अंतिम संस्कार के दौरान हेमा मालिनी के साथ हुई बड़ी नाइंसाफी

परिचय

धर्मेंद्र जी का निधन भारतीय सिनेमा के लिए एक अपूरणीय क्षति है। 89 साल की उम्र में उन्होंने अंतिम सांस ली, और उनके जाने के बाद पूरे फिल्म इंडस्ट्री में शोक की लहर दौड़ गई। इस दुखद घटना के बीच, एक ऐसा पल आया जिसने सबको हिला दिया। वह पल था जब उनकी दूसरी पत्नी हेमा मालिनी को अंतिम संस्कार के दौरान एक बड़ी नाइंसाफी का सामना करना पड़ा। इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे कि कैसे धर्मेंद्र जी की पहली पत्नी प्रकाश कौर के परिवार ने इस अवसर पर हेमा को किनारे कर दिया, और इसके पीछे के कारण क्या थे।

धर्मेंद्र जी का निधन

धर्मेंद्र जी के निधन की खबर ने न केवल उनके परिवार, बल्कि पूरे फिल्म उद्योग को झकझोर कर रख दिया। जब से यह खबर फैली, हर कोई गम में था। धर्मेंद्र जी की विदाई के समय पूरा परिवार और करीबी दोस्त इकट्ठा हुए थे, लेकिन इस मौके पर जो हुआ, उसने सबको चौंका दिया।

हेमा मालिनी का दुख

हेमा मालिनी, जो धर्मेंद्र जी की पत्नी थीं, अपने पति के अंतिम संस्कार में बेहद भावुक थीं। जैसे ही वह वहां पहुंची, उनके चेहरे पर गम साफ नजर आ रहा था। उनकी आंखें लाल थीं, और वह कांपते हुए कदमों से आगे बढ़ रही थीं। लेकिन जैसे ही रिचुअल्स शुरू हुए, उन्हें रोक दिया गया। पंडित जी ने कहा कि पहले पत्नी को बुलाया जाएगा, और इस दौरान प्रकाश कौर को आगे कर दिया गया।

पारिवारिक तनाव

यहां पर पारिवारिक तनाव की एक बड़ी कहानी सामने आई। धर्मेंद्र जी की पहली पत्नी प्रकाश कौर, अपने बच्चों के साथ वहां मौजूद थीं। देओल परिवार की परंपराओं के अनुसार, शादी का पहला हक पहली पत्नी का होता है। इस स्थिति ने हेमा को एकदम से ठहरा दिया। उन्हें लगा कि इस मुश्किल समय में शायद उन्हें पति का कर्तव्य निभाने का मौका मिलेगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।

हेमा का दर्द

हेमा मालिनी ने अपनी पूरी कोशिश की कि वह खुद को संभाल लें, लेकिन जब उन्होंने धर्मेंद्र जी का चेहरा देखा, तो वह फूट-फूट कर रोने लगीं। वहां मौजूद हर किसी ने महसूस किया कि इस पल में हेमा कितनी अकेली थीं। ईशा देओल, जो उनकी बेटी हैं, भी उनकी तरफ खड़ी थीं, लेकिन वह भी कुछ नहीं कर पा रही थीं।

मीडिया की प्रतिक्रिया

इस घटना ने न केवल परिवार को प्रभावित किया, बल्कि मीडिया में भी हलचल मचा दी। कई पत्रकारों ने इस पल को अपने कैमरे में कैद किया, लेकिन हेमा के चेहरे पर जो दर्द था, उसे देखकर किसी को भी उन्हें ज्यादा कैप्चर करने की हिम्मत नहीं हुई।

बॉलीवुड का नजरिया

बॉलीवुड के कई सितारे इस मौके पर मौजूद थे, और उन्होंने हमेशा धर्मेंद्र और हेमा की जोड़ी को एक मिसाल माना था। लेकिन उस दिन की स्थिति ने सबको चौंका दिया। यह स्पष्ट था कि हेमा और देओल परिवार के बीच की दूरी कभी खत्म नहीं हुई।

अंतिम संस्कार की प्रक्रिया

धर्मेंद्र जी का अंतिम संस्कार एक पारिवारिक रिचुअल था, जिसमें प्रकाश कौर और उनके बेटे सनी और बॉबी ने रिचुअल्स पूरे किए। इस दौरान हेमा को दूर रखा गया, और यह बात पूरे परिवार के लिए बेहद संवेदनशील बन गई।

हेमा का अंतिम पल

हेमा मालिनी ने सोचा था कि वह अपने पति को अंतिम बार छू पाएंगी और उन्हें अलविदा कह सकेंगी, लेकिन उन्हें केवल दूर से देखने का हक मिला। यह स्थिति उनके लिए बेहद दर्दनाक थी।

समाज में चर्चा

धर्मेंद्र जी के अंतिम संस्कार के बाद, सोशल मीडिया पर कई लोगों ने इस बात की निंदा की कि हेमा को इस तरह से किनारे किया गया। लोगों ने कहा कि चाहे पहली पत्नी हो या दूसरी, इंसानियत के नाते दोनों का हक बराबर होना चाहिए।

ईशा का समर्थन

ईशा देओल ने अपनी मां का सहारा देने की कोशिश की, लेकिन वह भी इस स्थिति को सहन नहीं कर पा रही थीं। दोनों ने अपनी पूरी जिंदगी इस बात को समझते हुए बिताई कि देओल परिवार उन्हें कभी सहज रूप से स्वीकार नहीं करेगा।

दर्द और दूरी

धर्मेंद्र जी की दूसरी शादी से उनकी दो बेटियां, ईशा और अहाना, हैं। लेकिन आज के इस दुखद मौके पर, हेमा और ईशा दोनों ही अपने पिता की विदाई को लेकर बेहद भावुक थीं।

अंतिम विदाई

जब हेमा मालिनी ने कार में बैठते ही अपने आंसुओं को रोकने की कोशिश की, तो वह सोच रही थीं कि क्या धर्मेंद्र जी भी यही देखते अगर वह वहां होते।

निष्कर्ष

धर्मेंद्र जी ने हमेशा सबको जोड़ने की कोशिश की, लेकिन उनके जाने के बाद भी उनके परिवार के दोनों हिस्सों के बीच की दीवारें खड़ी रहीं। इस घटना ने साबित कर दिया कि रिश्ते कितने भी बड़े क्यों न हों, जब मन में दरारें पड़ जाती हैं तो वह कभी नहीं भरती।

इस पूरे मामले ने यह दिखाया कि कैसे पारिवारिक तनाव और पुरानी यादें एक व्यक्ति के जीवन को प्रभावित कर सकती हैं। धर्मेंद्र जी की विदाई के समय हेमा मालिनी का दर्द और देओल परिवार की दूरी ने सबको सोचने पर मजबूर कर दिया।

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