नदी में कूदकर मरने जा रही थी लड़की, एक अजनबी लड़के ने बचाया… फिर जो हुआ

पूनम नदी के पुल पर खड़ी थी, उसके कदम आत्महत्या की ओर बढ़ रहे थे। उसकी आंखों में दर्द और लाचारी साफ झलक रही थी, जैसे जिंदगी ने उसे पूरी तरह तोड़ दिया हो। तभी एक अजनबी लड़का मुकेश वहां आया और उसने पूनम को पानी में कूदने से रोक लिया। मुकेश ने बिना एक पल गवाए पूनम को किनारे खींचा और उसकी जान बचाई।

पूनम ने मुकेश को देखा, उसकी आंखों में हैरानी थी। “तुमने मुझे क्यों बचाया?” उसने धीमी आवाज में पूछा। मुकेश ने मुस्कुराकर कहा, “क्योंकि जिंदगी में हर किसी को एक मौका मिलना चाहिए।”

पूनम ने मुकेश को अपने दर्द की कहानी बताई। उसने कहा कि उसके पिता ने दूसरी शादी की थी, और उसकी सौतेली मां ने उसे कभी बेटी नहीं माना। उसे घर में नौकर की तरह रखा गया, कोई प्यार नहीं, कोई सम्मान नहीं। पूनम की आंखों में सालों का दर्द जमा था, जैसे हर आंसू ने उसकी आत्मा को और तोड़ दिया हो।

मुकेश ने उसकी बातें सुनीं, और उसके दिल में एक अजीब सी संवेदना जागी। उसने तय किया कि वह पूनम की जिंदगी बदल देगा। मुकेश ने पूनम के पिता से बात की, लेकिन उन्होंने कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई। उल्टा उन्होंने कहा कि अगर पूनम बच गई तो ठीक है, वरना उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता।

मुकेश का गुस्सा बढ़ गया। उसने पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज करवाया और पूनम के साथ खड़ा रहा। उसने पूनम से कहा, “तुम अकेली नहीं हो, मैं तुम्हारे साथ हूं।” पुलिस ने कार्रवाई शुरू की और पूनम के सौतेले माता-पिता को थाने बुलाया गया।

मुकेश ने एक फैसला किया जिसने सबको हैरान कर दिया। उसने पूनम से शादी करने का फैसला किया। “मैं तुम्हें सिर्फ सहानुभूति नहीं देना चाहता, मैं तुम्हें सम्मान और प्यार देना चाहता हूं,” मुकेश ने कहा। पूनम की आंखें नम हो गईं, उसने पहली बार किसी को अपने लिए इतना सोचते देखा था।

पूनम ने हां कहा और दोनों की शादी हो गई। मुकेश के परिवार ने पूनम को अपनाया, उसे प्यार दिया। धीरे-धीरे पूनम की जिंदगी बदल गई। वह खुश रहने लगी, उसके बच्चे हुए, और उसकी जिंदगी में सुकून आ गया। मुकेश ने उसे कभी अकेला नहीं छोड़ा, हर मुश्किल में साथ खड़ा रहा।

समय बीतता गया और पूनम की कहानी गांव में फैल गई। लोग उसकी तारीफ करने लगे, कैसे एक अजनबी ने उसकी जिंदगी बचाई और उसे अपनाया। लेकिन पूनम की सौतेली मां को सब तरफ से तिरस्कार मिला। लोग उससे बात करना बंद कर दिए, और वह अकेली पड़ गई।

एक दिन पूनम के पिता ने माफी मांगी। वे कमजोर और पछतावे से भरे थे। पूनम ने उन्हें गले लगा लिया, और कहा कि माफ करना ही सबसे बड़ी सजा है। मुकेश और पूनम की कहानी इंसानियत और प्यार की मिसाल बन गई। उन्होंने साबित किया कि सच्चा प्यार और समर्थन किसी भी दर्द को भर सकता है।

पूनम अब एक खुशहाल जिंदगी जी रही है, मुकेश के साथ। उनके बच्चे हैं, एक प्यारा सा परिवार है। वह अब कभी अकेली नहीं है, मुकेश हमेशा उसके साथ है। उनकी कहानी हर उस इंसान के लिए प्रेरणा है जो जिंदगी में टूट चुका है, क्योंकि मुकेश ने दिखाया कि इंसानियत कभी खत्म नहीं होती।

मुकेश और पूनम की जिंदगी अब खुशियों से भरी है। वे साथ में हंसते हैं, साथ में सपने देखते हैं। पूनम की आंखों में अब दर्द नहीं, खुशी है। और मुकेश की आंखों में प्यार और संतोष है। उनकी कहानी एक नई शुरुआत की कहानी है, जहां प्यार और इंसानियत ने जिंदगी को नया अर्थ दिया है।
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