नहीं रही बॉलीवुड अभिनेत्री नाजिमा जानिए कौन है नाजिमा actress Nazima Passed away who is Nazima
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मुंबई, 13 अगस्त 2025
हिंदी सिनेमा से एक और दुखद खबर आई है। 1960 और 1970 के दशक में अपनी मासूम मुस्कान और भावुक अभिनय से दर्शकों के दिलों में जगह बनाने वाली अभिनेत्री नाजिमा अब हमारे बीच नहीं रहीं। सोमवार, 11 अगस्त को 77 वर्ष की आयु में मुंबई के दादर स्थित अपने घर पर उन्होंने अंतिम सांस ली। उनके निधन की पुष्टि उनकी कजिन जरीन बाबू ने की है। हालांकि, नाजिमा की मौत की वजह अभी सामने नहीं आई है, लेकिन उनके जाने से बॉलीवुड में शोक की लहर दौड़ गई है।
नाजिमा: एक परिचय
नाजिमा का जन्म 25 मार्च 1948 को महाराष्ट्र के नासिक शहर में हुआ था। उनका असली नाम ‘नाजिमा’ ही था, लेकिन फिल्मी दुनिया में वे प्यार से ‘रेजिडेंट सिस्टर’ कहलाती थीं। वे अपने दो बेटों के साथ मुंबई के दादर इलाके में रहती थीं। नाजिमा के परिवार में फिल्मी माहौल था—उनकी रिश्तेदार हुस्न बानो ने प्रसिद्ध फिल्म निर्माता असफी ईरानी से शादी की थी।
बाल कलाकार से बॉलीवुड की बहन बनने तक का सफर
नाजिमा ने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत बतौर बाल कलाकार ‘बेबी चंद’ के नाम से फिल्म ‘दो बीघा जमीन’ (1953) से की थी। इस फिल्म में उन्होंने दो बहनों में बड़ी बहन की भूमिका निभाई थी, जिससे उन्हें पहली बार पहचान मिली। इसके बाद वे 1955 में आई क्लासिक फिल्म ‘देवदास’ में यंग पारो की क्लासमेट के किरदार में नजर आईं। राज कपूर की फिल्म ‘अब दिल्ली दूर नहीं’ में भी उन्होंने बच्चों के किरदारों में अपनी छाप छोड़ी।
धीरे-धीरे, नाजिमा ने सपोर्टिंग एक्ट्रेस के तौर पर बॉलीवुड में अपनी जगह बना ली। उन्हें खासकर हीरो-हीरोइन की बहन, दोस्त या सहेली के किरदारों के लिए जाना गया। उनकी मासूमियत, भावनाओं की गहराई और स्क्रीन प्रेजेंस ने उन्हें दर्शकों के दिलों में अमर कर दिया।
हिट फिल्मों की लंबी फेहरिस्त
नाजिमा ने अपने करियर में कई ब्लॉकबस्टर फिल्मों में काम किया। 1960 से 1970 के दशक तक वे लगभग हर बड़ी फिल्म में बहन या दोस्त के रोल में दिखीं।
उनकी प्रमुख फिल्मों में शामिल हैं:
आरजू
बेईमान
प्रेमनगर
अनुराग
औरत
डोली
मंचली
निशान
तबस्सुम तेरा
रंग वो फिरकी वाली
संग बसंती
काश किसी दीवाने को (आशा पारेख की बहन के रूप में)
राजा और रंग
संजू कुमार के साथ संग बसंती
साल 1972 में सुपरहिट फिल्म ‘बेईमान’ में उन्होंने मनोज कुमार की बहन का किरदार निभाया था, जिसे दर्शकों ने खूब पसंद किया था। इसी तरह, उन्होंने राजेश खन्ना के साथ ‘औरत’ और ‘डोली’ में भी शानदार भूमिकाएँ निभाईं। उनकी सबसे बड़ी खासियत यह थी कि वे हर किरदार में पूरी तरह फिट बैठती थीं—चाहे वह गरीब बहन हो, सहेली हो या परिवार का कोई अन्य सदस्य।
बॉलीवुड की ‘रेजिडेंट सिस्टर’
नाजिमा की छवि बॉलीवुड में ‘रेजिडेंट सिस्टर’ के रूप में बन गई थी। जितनी बार भी किसी फिल्म में बहन के किरदार की जरूरत होती, डायरेक्टर्स सबसे पहले नाजिमा को याद करते थे। उनकी मासूमियत, भावनात्मक संवाद अदायगी और सादगी ने उन्हें इस रोल के लिए परफेक्ट बना दिया था। दर्शकों के लिए वे सिर्फ एक किरदार नहीं, बल्कि हर घर की अपनी बहन बन गई थीं।
निजी जीवन और गुमनामी के साल
नाजिमा की निजी जिंदगी हमेशा लाइमलाइट से दूर रही। उन्होंने नेवी में कैप्टन रहे अशुल रहमान से शादी की थी। उनके दो बेटे हैं। साल 2018 में उनके पति के निधन की खबर आई थी। लेकिन नाजिमा खुद पिछले 50 सालों से गुमनामी में जी रही थीं। वे फिल्मी पार्टियों, अवॉर्ड फंक्शन्स या मीडिया से दूर रहीं। शायद यही वजह थी कि उनकी मौत की खबर भी कई घंटों बाद सामने आई।
मौत की अफवाहें और सच्चाई
कई बार नाजिमा की मौत की झूठी खबरें भी उड़ चुकी थीं। जब वे महज 27 साल की थीं, तब भी अफवाहें उड़ीं कि वे कैंसर से जूझ रही हैं और उनका निधन हो गया है। लेकिन तबस्सुम टॉकीज के एक एपिसोड में तबस्सुम ने बताया था कि नाजिमा स्वस्थ हैं और अपने परिवार के साथ खुशहाल जीवन बिता रही हैं। अब, 77 साल की उम्र में, उन्होंने सचमुच दुनिया को अलविदा कह दिया।
आखिरी वक्त और श्रद्धांजलि
नाजिमा ने मुंबई के दादर स्थित अपने घर में अंतिम सांस ली। उनके दो बेटे अंतिम समय तक उनके साथ थे। उनके निधन की खबर सुनते ही बॉलीवुड में शोक की लहर दौड़ गई। सोशल मीडिया पर फैंस और फिल्म इंडस्ट्री के लोगों ने नम आंखों से उन्हें श्रद्धांजलि दी। कई पुराने कलाकारों ने उनकी सादगी, अभिनय और इंसानियत को याद किया।
एक युग का अंत
नाजिमा मेनस्ट्रीम सिनेमा की हीरोइन भले ही नहीं बन सकीं, लेकिन उन्होंने सपोर्टिंग किरदारों में ऐसी छाप छोड़ी जिसे दर्शक कभी नहीं भूल पाएंगे। उनकी मासूम मुस्कान, भावनात्मक संवाद और बहन के किरदार में उनकी सच्चाई ने उन्हें हमेशा के लिए अमर बना दिया। हिंदी सिनेमा में जिस तरह से उन्होंने बहन, दोस्त और परिवार के सदस्य की भूमिका को एक नई ऊँचाई दी, वह आज भी अनूठी मिसाल है।
फैंस की यादें और संदेश
नाजिमा के फैंस आज भी उनकी फिल्मों को याद करते हैं। सोशल मीडिया पर लोग लिख रहे हैं—
“नाजिमा जी, आपकी मासूमियत और अभिनय हमेशा याद रहेगा। ओम शांति।”
“आपने बहन के किरदार को जो ऊँचाई दी, वह कोई नहीं दे सकता।”
“मेरी फेवरेट फिल्म ‘बेईमान’ में आपकी भूमिका आज भी दिल को छू जाती है।”
नाजिमा की विरासत
नाजिमा ने साबित किया कि बड़े किरदार सिर्फ हीरो-हीरोइन के नहीं होते। सपोर्टिंग रोल भी उतने ही जरूरी हैं, जितना मुख्य किरदार। उनकी अभिनय यात्रा हर उस कलाकार के लिए प्रेरणा है, जो छोटे-छोटे किरदारों में भी अपनी छाप छोड़ना चाहता है।
अंतिम शब्द
नाजिमा अब हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनकी फिल्में, उनका अभिनय और उनकी मुस्कान हमेशा हमारे दिलों में जिंदा रहेगी। हिंदी सिनेमा की यह ‘रेजिडेंट सिस्टर’ भले ही पर्दे से दूर हो गई, लेकिन उनकी यादें कभी नहीं मिटेंगी।
एवरग्रीन फैमिली और तमाम फैंस की ओर से नाजिमा जी को शत-शत नमन।
ओम शांति।
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