नारियल बेचने वाली लड़की ने IPS अफसर को धूल चटा दी! 😱 | सच्चाई की जीत

रीमा एक साधारण नारियल बेचने वाली लड़की थी, जो अपने बीमार पिता की देखभाल के लिए दिन-रात मेहनत करती थी। उसके पिता कभी खेतों में मजदूरी करते थे, लेकिन अब बीमारी ने उन्हें तोड़ दिया था। रीमा की रेड़ी बाजार के एक कोने में लगी रहती, जहां वह नारियल बेचती और लोगों को ठंडा पानी पिलाती।

एक दिन, इंस्पेक्टर राजीव अपनी वर्दी की अकड़ के साथ बाजार में आया। उसने रीमा की रेड़ी देखी और उसे हटाने का हुक्म दिया। राजीव का कहना था कि रीमा ने सड़क पर अवैध रूप से दुकान लगाई है। रीमा ने विनम्रता से कहा कि वह सिर्फ अपने पिता की दवाओं के लिए यह सब कर रही है, लेकिन राजीव ने एक नहीं सुनी।

उसने रीमा की रेड़ी को धक्का दिया, नारियल बिखेर दिए और उसे धमकाया। रीमा का सब्र टूट गया। उसने राजीव का हाथ पकड़ लिया और कहा कि वह अपनी मेहनत की कमाई पर जुल्म नहीं होने देगी। भीड़ इकट्ठी हो गई, लोगों ने रीमा का साथ दिया और राजीव की वर्दी की पोल खोल दी।

राजीव बौखला गया, लेकिन रीमा ने उसे पीछे धकेल दिया। बाजार में शोर मच गया, लोग नारे लगाने लगे – “जुल्म मुर्दाबाद, सच्चाई जिंदाबाद!” राजीव की अकड़ चकनाचूर हो गई और अंत में वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने उसे निलंबित कर दिया।

रीमा की बहादुरी की खबर पूरे शहर में फैल गई। वह एक साधारण नारियल बेचने वाली से फौज की लेफ्टिनेंट निकली, जो अपने लोगों की रक्षा के लिए हमेशा तैयार रहती थी। रीमा की कहानी ने सबको प्रेरित किया कि सच्चाई और हिम्मत से कोई भी जुल्म पराजित किया जा सकता है।

रीमा अपने गांव लौटी, जहां उसके पिता और पड़ोसी उसे नायिका की तरह देखने लगे। उसने साबित कर दिया कि कमजोर समझे जाने वाले लोग भी बड़े जालिमों को हरा सकते हैं। रीमा की यह कहानी आने वाली पीढ़ियों के लिए एक मिसाल बन गई।
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