निक्की की बहन की हत्या, पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में चौंकाने वाला खुलासा! निक्की दहेज हत्या मामला

ग्रेटर नोएडा के कांसना थाना क्षेत्र के सरसा गांव में 21 अगस्त 2025 को जो घटना सामने आई, उसने पूरे समाज को झकझोर कर रख दिया। 26 वर्षीय निक्की भाटी की मौत ने न केवल एक परिवार को तोड़ दिया, बल्कि एक बार फिर से समाज में दहेज प्रथा और महिलाओं के खिलाफ हो रहे अपराधों की गंभीरता को उजागर कर दिया है।

क्या हुआ उस दिन?

घटना के दिन शुरुआत में बताया गया कि निक्की गैस सिलेंडर फटने से जल गई थी। उन्हें उनके चचेरे भाई देवेंद्र अस्पताल लेकर गए। अस्पताल से जो रिपोर्ट आई, उसमें गंभीर रूप से जलने की बात कही गई थी।

हालांकि, कुछ ही घंटों में कहानी ने एक नया मोड़ ले लिया जब निक्की की बहन कंचन ने थाने में एफआईआर दर्ज करवाई। उन्होंने सीधा आरोप लगाया कि निक्की को उसके पति विपिन भाटी, सास दया, ससुर सत्यवीर, और देवर रोहित ने मिलकर जिंदा जला दिया। कारण — ₹36 लाख की नकद राशि और एक महंगी कार का दहेज में मांग पूरी न होना।

विडियो, CCTV और चश्मदीद

इस केस को उलझाने और फिर खोलने में सबसे अहम भूमिका निभाई — वीडियो और सीसीटीवी फुटेज ने।

कंचन ने दावा किया कि घटना के तुरंत बाद उन्होंने निक्की की हालत और विपिन की हरकतों को कैमरे में रिकॉर्ड किया। एक वीडियो में निक्की की चीख सुनाई देती है, जबकि एक अन्य में विपिन उसके बाल पकड़कर आग की ओर घसीटते दिखाई देता है।

CCTV फुटेज में भी देखा गया कि घटना से पहले विपिन घर के बाहर भागते दिखता है और कुछ समय बाद पड़ोसी मौके पर पहुंचते हैं।

बेटे और बहन की गवाही

निक्की का 6 वर्षीय बेटा, जो घटनास्थल पर मौजूद था, उसने पुलिस को बताया:
“मम्मा को उन्होंने चांटा मारा, फिर कुछ तरल डाला, और फिर लाइटर से आग लगा दी।”
वहीं उसकी बड़ी बहन ने बताया कि उन्हें भी पीटा गया और वे बेहोश हो गईं।

कंचन ने पुलिस को बताया कि निक्की कई सालों से घरेलू हिंसा की शिकार थी। न सिर्फ मारपीट होती थी, बल्कि कमाई भी छीन ली जाती थी और रोज़ अपमानित किया जाता था।

गिरफ्तारी और पुलिस कार्रवाई

एफआईआर दर्ज होने के बाद पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए मुख्य आरोपी विपिन भाटी को गिरफ्तार किया। भागने की कोशिश में विपिन को गोली भी लगी। बाद में सास, ससुर और देवर को भी हिरासत में लिया गया। सभी पर हत्या, दहेज उत्पीड़न, और साजिश रचने जैसी धाराएं लगाई गईं।

पुलिस की जांच में नए मोड़

जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ी, केस ने और भी पेचिदगियां ले लीं। अस्पताल की शुरुआती रिपोर्ट, कुछ अन्य सीसीटीवी फुटेज और निक्की के शरीर पर चोट के निशान पुलिस के सामने नए सवाल खड़े करने लगे।

पुलिस अब कंचन से दोबारा पूछताछ करने की तैयारी में है। यह जांचना आवश्यक हो गया है कि क्या बयान में कोई विरोधाभास है या किसी बात को छिपाया गया है।

आखिरी संस्कार को लेकर विवाद

निक्की का अंतिम संस्कार पहले मायके वाले करना चाहते थे, लेकिन बाद में कंचन ने ही ससुराल पक्ष को यह जिम्मेदारी सौंपी, यह कहते हुए कि “यही निक्की की आखिरी इच्छा थी।”

इस फैसले पर भी सोशल मीडिया पर सवाल उठे। कुछ लोगों ने इसे “दबाव में लिया गया फैसला” कहा, तो कुछ ने इसे “शांति बनाए रखने की कोशिश” बताया।

समाज में उबाल

सोशल मीडिया और स्थानीय समुदाय में इस केस ने जबरदस्त आक्रोश पैदा किया है।
“निक्की को न्याय दो” जैसे हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं। कई महिला संगठनों और मानवाधिकार संस्थाओं ने उत्तर प्रदेश सरकार से सख्त कार्रवाई की मांग की है।

लोगों का कहना है कि यह सिर्फ एक पारिवारिक विवाद नहीं, बल्कि जेंडर आधारित हिंसा और दहेज जैसी कुप्रथा का सीधा उदाहरण है।

विपिन भाटी पर पुराने आरोप

खुलासे यहीं नहीं रुके। जांच में सामने आया कि विपिन का अतीत भी साफ नहीं था। 2024 में वह एक अन्य महिला के साथ पकड़ा गया था। उस समय भी निक्की ने अपने परिवार से मदद मांगी थी, लेकिन मामला किसी तरह सुलझा लिया गया।

राष्ट्रीय महिला आयोग की प्रतिक्रिया

राष्ट्रीय महिला आयोग ने मामले को गंभीरता से लेते हुए पुलिस से रिपोर्ट तलब की है और निष्पक्ष जांच की मांग की है। आयोग ने कहा है कि निक्की को न्याय दिलाने के लिए हर संभव कदम उठाए जाएंगे।

निष्कर्ष

निक्की की मौत एक व्यक्तिगत त्रासदी नहीं, बल्कि पूरे समाज के लिए चेतावनी है। दहेज, पितृसत्ता, और घरेलू हिंसा — ये तीनों जब एक साथ मिलते हैं, तो परिणाम भयानक होता है। यह केस हमें यह सोचने पर मजबूर करता है कि कितनी और निक्कियाँ होंगी जो बिना आवाज़ के बुझा दी जाती हैं?

अब इस केस में न्यायपालिका का रुख और पुलिस जांच की निष्पक्षता ही तय करेगी कि क्या निक्की को वास्तव में न्याय मिल पाएगा।

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