पुनर्जन्म | 4 साल की लड़की ने बताई अपने पिछले जन्म की कहानी | 4 साल की लड़की निकली दो बच्चों की माँ

एक अनोखी कहानी जिसमें पुनर्जन्म और रहस्य का अद्भुत मेल है।

बिहार के एक छोटे से गांव में एक गरीब मजदूर के घर एक बच्ची का जन्म हुआ। उसका नाम उर्मिला था। जब वह 4 साल की हुई तो उसने अपने मां-बाप से जो कहा, सुनकर आपके भी रोंगटे खड़े हो जाएंगे। उसने कहा, “मेरा नाम उर्मिला नहीं, मेरा नाम करीना मित्तल है। मैं तो एक अरबपति हूं। मैं मित्तल मोटर्स की मालकिन हूं। मेरे दो बच्चे हैं और मेरा परिवार मुंबई में रहता है।”

उर्मिला की बातें सुनकर उसके मां-बाप दंग रह गए। उन्होंने सोचा कि शायद किसी ने उनकी बच्ची पर कोई जादू-टोना कर दिया है। लेकिन उर्मिला की बातें दिन-ब-दिन और भी अजीब होती गईं। वह धाराप्रवाह अंग्रेजी बोलती और अपने काल्पनिक सचिव को निर्देश देती।

जब उर्मिला 8 साल की हुई तो उसकी जिद एक जुनून बन चुकी थी। उसने दो बार घर से मुंबई के लिए भागने की कोशिश की। उसका कहना था कि मित्तल मोटर्स उसकी और कुणाल की खून-पसीने की कमाई है जिसे वे किसी और के हाथों में नहीं जाने दे सकती।

एक दिन उर्मिला ने हेडमास्टर लालाचंद को अपने ऑफिस में घेर लिया और कहा, “आपको मेरी मदद करनी होगी। मैं जानती हूं कि आप मेरी बातों पर विश्वास नहीं करते। लेकिन अगर आप एक कोशिश नहीं करेंगे तो मेरी पूरी जिंदगी बर्बाद हो जाएगी।”

लालाचंद एक पढ़े-लिखे और सुलझे हुए इंसान थे। उन्होंने बच्ची की आंखों में एक अजीब सी सच्चाई देखी। उन्होंने एक फैसला किया। उन्होंने मित्तल मोटर्स मुंबई के पते पर एक चिट्ठी लिखी जिसमें उन्होंने उर्मिला की कही हर बात का जिक्र किया।

तीन हफ्ते बाद गांव के डाकिया ने लालाचंद को एक सरकारी लिफाफा थमाया। उस पर गृह मंत्रालय बिहार सरकार की मोहर लगी थी। लिफाफे में लिखा था कि मित्तल मोटर्स ने उनकी चिट्ठी को गंभीरता से लिया है और इस मामले की जांच के लिए अपनी सबसे तेजतर्रार और काबिल ऑफिसर डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट डीएम अंजलि सिंह को नियुक्त किया है।

डीएम अंजलि सिंह ने अपनी टीम के साथ गांव में प्रवेश किया। उन्होंने उर्मिला से पूछा, “तुम्हारा नाम उर्मिला है?” उर्मिला ने बिना पलक झपकाए साफ अंग्रेजी में जवाब दिया, “मेरा नाम करीना मित्तल है और मैं मानती हूं कि आप यहां मेरी मदद करने के लिए आई हैं।”

अंजलि सिंह ने उर्मिला से कई सवाल पूछे। उर्मिला ने हर सवाल का जवाब दिया। उसने बताया कि वह और कुणाल पहली बार मुंबई के एक अनाथालय में मिले थे। उन्होंने बताया कि मित्तल मोटर्स की शुरुआती फंडिंग ऑमप्रेशन फोनिक्स से हुई थी।

अंजलि सिंह ने कुणाल मित्तल को बुलाया। कुणाल मित्तल ने उर्मिला को पहचानने से इनकार कर दिया। लेकिन जब अंजलि सिंह ने उनसे एक कोड वर्ड पूछा, तो कुणाल मित्तल की आंखों से आंसू बह निकले।

उर्मिला ने बताया कि उनके बेडरूम में एक तिजोरी है जिसमें एक लाल डायरी है। अंजलि सिंह ने तिजोरी को खुलवाया और लाल डायरी निकाली। लेकिन तभी कुणाल मित्तल ने अंजलि सिंह पर पिस्तौल तान दी।

कुणाल मित्तल की पत्नी सोनिया ने कबूल किया कि उसने करीना को पेनिसिलिन का इंजेक्शन दिया था। सोनिया को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।

लाल डायरी में लिखा था कि करीना की मौत एक हादसा नहीं थी। वह एक जरूरी कदम था। डायरी में यह भी लिखा था कि असली मास्टरमाइंड कोई और है।

अंजलि सिंह ने उर्मिला को बताया कि वह इस केस को आगे बढ़ाएंगी। उर्मिला ने उन्हें एक फटा हुआ पन्ना दिया जिस पर गुरु जी का असली नाम लिखा था। वह नाम पढ़कर अंजलि सन्न रह गई। वह देश का एक बहुत बड़ा और सम्मानित राजनेता था।

उर्मिला ने 21 साल की उम्र में मित्तल मोटर्स के खरबों की दौलत से एक ट्रस्ट बनाया। उसने अपने लिए कुछ नहीं रखा। वह एक शिक्षिका बन गई और गांव के बच्चों को पढ़ाने लगी।

उर्मिला की कहानी पुनर्जन्म की एक अनसुनी दास्तान बन गई जो सबूतों और विज्ञान से परे विश्वास, कर्म और अंततः मुक्ति की कहानी है।
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