पुलिस ने दुल्हन के सामने दूल्हे का मज़ाक उड़ाया – आगे जो भी होगा वो सामने आएगा
.
.
“सच की सवारी”
एक रिक्शा वाला, एक पुलिस अफसर, और एक सिस्टम हिला देने वाली सच्चाई की कहानी
फरीहा खान — एक निडर और ईमानदार IPS अफसर। उसने कई ऑपरेशन किए थे, आतंकियों को पकड़ा था, मगर आज उसकी सबसे बड़ी जंग थी – अपने ही दिल से। आज वो एक साधारण निकाह में एक ऐसे इंसान से शादी कर रही थी जिसे दुनिया ‘रिक्शा वाला’ कहती थी। सज्जाद अहमद – सीधा-सादा, चुपचाप लड़का, जिसके पास ना दौलत थी, ना रुतबा, सिर्फ सच्चाई और इरादे।
निकाह के मंच पर जैसे ही कलमे पूरे हुए, हॉल में हँसी गूँज उठी। वर्दी वाले अफसर तंज कसने लगे – “IPS मैडम और रिक्शा वाला?” लेकिन फरीहा चुप रही, सज्जाद ने बस एक बात कही – “आज जो हँस रहे हैं, कल शर्मिंदा होंगे। मैं तुम्हें कभी शर्मिंदा नहीं होने दूँगा।”
शादी के बाद जब फरीहा ड्यूटी पर लौटी, तो अफसरों ने तंज कसने में कोई कसर नहीं छोड़ी। लेकिन उसे क्या पता था, जिसका वो मज़ाक उड़ा रहे थे, वही सज्जाद दरअसल एक अंडरकवर इंटेलिजेंस अफसर था। कॉफी शॉप के पीछे छुपे कमरे में सज्जाद भ्रष्ट अफसरों की रिकॉर्डिंग करता, रिपोर्ट तैयार करता, और चुपचाप सिस्टम के भीतर सड़ांध का पर्दाफाश करता।
फरीहा को शक तो था, पर सच्चाई तब सामने आई जब एक दिन सज्जाद ने उसका हाथ पकड़ा और एक कार्ड उसके सामने रख दिया – “सज्जाद अहमद – स्पेशल इंटेलिजेंस यूनिट, गृह मंत्रालय।” वो हक्का-बक्का रह गई। जिसे दुनिया रिक्शा वाला समझती थी, वो एक मिशन पर था।
“तुमने सब छुपाया मुझसे!” – फरीहा के आँसू छलक पड़े। सज्जाद ने नरम स्वर में कहा – “मैंने तुम्हें कभी अकेला नहीं छोड़ा। ये सिर्फ मिशन नहीं, ईमान की जंग थी। तुम मेरी ताकत हो।”
अब लड़ाई दोनों की थी। जब फरीहा की सबसे करीबी दोस्त ज़ैनब के भ्रष्टाचार में शामिल होने की पुष्टि हुई, तो फरीहा टूट गई। “वो तो मेरी बहन जैसी थी!” लेकिन सज्जाद ने उसका हाथ थाम कर कहा – “तुमने एक दुश्मन को पहचान लिया। अब वक्त है, इस गंदगी को जड़ से खत्म करने का।”
उन्होंने D.S.P गोपाल वर्मा और 14 अफसरों की गिरफ्तारी के लिए सबूत इकट्ठे किए। एक दिन, जैसे ही फरीहा D.S.P ऑफिस में दाखिल हुई, दरवाजे पर दस्तक हुई – “नेशनल इंटेलिजेंस यूनिट – आपके खिलाफ वॉरंट है।” गोपाल वर्मा हत्थकड़ी में गया। पूरे देश में हेडलाइन चली – “रिक्शा वाला नहीं, सच्चाई का हीरो निकला।”
कुछ ही दिनों में मोहल्ला बदल गया। जहाँ ताने मिलते थे, अब दुआएँ मिलने लगीं। बच्चे बोले – “सज्जाद चाचा, आप हीरो हो, मगर रिक्शा मत छोड़ना।” सज्जाद मुस्कुराया – “हीरो वही जो अपनी सवारी ना भूले।”
जब रात को दोनों छत पर बैठे, फरीहा ने पूछा – “अगर वक्त लौटे, तो फिर मुझसे निकाह करोगे?” सज्जाद बोला – “हर बार, क्योंकि तुमने दौलत नहीं, सच्चाई चुनी थी।”
उसी वक्त सज्जाद को एक चिट्ठी मिली – “आपकी पहचान उजागर हो चुकी है। अगले मिशन में नई जगह, नई सूरत, और नई जंग।”
सज्जाद ने कहा – “इस बार तुम भी साथ चलोगी।”
फरीहा बोली – “अब यह तुम्हारी नहीं, हमारी लड़ाई है।”
और यूँ, एक रिक्शे की घंटी से शुरू हुई ये दास्तां बन गई एक ऐसा इंकलाब, जो साबित कर गई – अगर नीयत साफ हो, तो एक आम इंसान भी सिस्टम हिला सकता है।
.
News
“अगर तुम ये गाड़ी ठीक कर दो, मैं तुमसे शादी कर लूंगा” – अरबपति 10 मिनट बाद हैरान रह गया
“अगर तुम ये गाड़ी ठीक कर दो, मैं तुमसे शादी कर लूंगा” – अरबपति 10 मिनट बाद हैरान रह गया…
मुंबई लोकल ट्रेन में मिली वही माँ… 20 साल पहले बेटे को अनाथ आश्रम में छोड़ा था
मुंबई लोकल ट्रेन में मिली वही माँ… 20 साल पहले बेटे को अनाथ आश्रम में छोड़ा था |Heart Touching Story…
गरीब लड़की रोज होटल का बचा खाना माँगती थी… एक दिन मालिक ने जो किया, इंसानियत रो पड़ी
गरीब लड़की रोज होटल का बचा खाना माँगती थी… एक दिन मालिक ने जो किया, इंसानियत रो पड़ी लखनऊ शहर…
भिखारी समझकर बच्चे को बैंक से निकाला, निकला अरबपति बिज़नेसमैन का बेटा। फिर आगे जो हुआ..
भिखारी समझकर बच्चे को बैंक से निकाला, निकला अरबपति बिज़नेसमैन का बेटा। फिर आगे जो हुआ.. सोनू, एक दुबला-पतला 10…
SDM Neelam Verma की सच्ची कहानी | अकेली महिला अधिकारी ने हिला दिया पूरा थाना
SDM Neelam Verma की सच्ची कहानी | अकेली महिला अधिकारी ने हिला दिया पूरा थाना हसनाबाद शहर की एक गर्म…
End of content
No more pages to load